प्रेमचंद पूर्व MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for प्रेमचंद पूर्व - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]
Last updated on Mar 28, 2025
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प्रेमचंद पूर्व Question 1:
‘मृणाल’ किस उपन्यास की प्रमुख पात्र है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 1 Detailed Solution
'मृणाल' त्यागपत्र उपन्यास की प्रमुख पात्र है।
- उपन्यास के मुख्य पात्र-
- मृणाल,प्रमोद,शीला आदि।
Key Pointsत्यागपत्र-
- रचनाकार-जैनेन्द्र
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1937 ई.
- विषय-
- उपन्यास में 'मृणाल' के माध्यम से स्त्री के आत्मपीड़क तथा विद्रोही व्यक्तित्व का चित्रण किया गया है।
Important Pointsनिर्वासित-
- रचनाकार-इलाचंद्र जोशी
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1946 ई.
- विषय-
- प्रेम कहानी पर आधारित उपन्यास है।
- पात्र-
- महीप,नीलिमा आदि।
परख-
- रचनाकार-जैनेंद्र
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1929 ई.
- विषय-
- प्रेम के एक विशेष आदर्श का चित्रण किया गया है।
- प्रेम का त्रिकोण तथा 'पत्नी' और 'प्रेमिका' का द्वंध उपन्यास में वर्णित है।
- पात्र-
- सत्यधन,कट्टो,गरिमा,बिहारी आदि।
अन्तराल-
- रचनाकार-मोहन राकेश
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1972 ई.
- विषय-
- स्त्री-पुरुष संबंधों का मनोवैज्ञानिक उपन्यास है।
- उपन्यास की प्रमुख पात्रा श्यामा दो हिस्सो में विभक्त है।
- एक तो वह जहां शारीरिक आकांक्षाओं की अनिवार्य लपेट है, तो दूसरी तरफ उसके भीतर ही ऐसी रिक्तता, जो उसे इस आकांक्षा से परे धकेलती है।
- पात्र-
- कुमार,श्यामा,लता,देवकी आदि।
Additional Informationअन्य उपन्यास-
उपन्यासकार | उपन्यास |
जैनेंद्र | सुनीता(1934 ई.),सुखदा(1952 ई.),विवर्त(1953 ई.) आदि। |
इलाचंद्र जोशी | संन्यासी(1940 ई.),पर्दे की रानी(1942 ई.),प्रेत और छाया(1944 ई.) आदि। |
मोहन राकेश | अँधेरे बंद कमरे(1961 ई.),न आने वाला कल(1968 ई.),काँपता हुआ दरिया(अपूर्ण) आदि। |
प्रेमचंद पूर्व Question 2:
कामकुंठा को शिकार स्त्री के चरित्र का चित्रण किस उपन्यास में किया गया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 2 Detailed Solution
कामकुंठा को शिकार स्त्री के चरित्र का चित्रण सूरजमुखी अँधेरे के उपन्यास में किया गया है।
- प्रकाशन वर्ष- (1972)
- उपन्यासकार- कृष्णा सोबती
Key Points
उपन्यास | उपन्यासकार | विषयवस्तु |
जिन्दगीनामा (1979) |
कृष्णा सोबती | ग्रामीण पंजाब का एक जीवंत दस्तावेज़ |
अनित्य (1980) |
मृदुला गर्ग | एक मध्य वर्गीय परिवार के संस्कारवान व्यक्तित्व की राष्ट्रीय संघर्ष का चित्रण |
शेषयात्रा (1984) |
ऊषाप्रियंवदा |
नारी जीवन की त्रासद स्थितियों का एक यथार्थ बयान |
Additional Informationकृष्णा सोबती के अन्य उपन्यास:-
- दिलोदानिश -1993
- समय सरगम -2000
- गुजरात पाकिस्तान से गुजरात हिंदुस्तान -2017
मृदुला गर्ग के अन्य उपन्यास:-
- उसके हिस्से की धूप (1975)
- कठगुलाब (1976)
- वंशज (1976)
- चित्तकोबरा (1979)
- मिलजुल मन (2009)
- मैं और मैं (1984)
ऊषाप्रियंवदा के अन्य उपन्यास:-
- पचपन खंभे लाल दीवारे (1961)
- रुकोगी नहीं राधिका (1967)
- शेषयात्रा (1984)
- अंतर्वंशी (2000)
- भया कबीर उदास (2007)
- नदी (2013)
प्रेमचंद पूर्व Question 3:
'भाग्यवती' उपन्यास के लेखक कौन थे?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 3 Detailed Solution
- 'भाग्यवती' उपन्यास के लेखक:- श्रद्धा राम फिल्लोरी
- प्रसिद्ध आरती ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे के लेखक -- श्रद्धा राम फिल्लोरी
- श्रद्धाराम फिल्लोरी का भाग्यवती परीक्षा गुरु से पहले प्रकाशित हो चुके था ,
- परन्तु उपन्यास की दृष्टि से परीक्षा गुरु को सबसे उत्तम प्रथम उपन्यास की श्रेणी में माना गया।
- परीक्षा गुरु हिन्दी का प्रथम उपन्यास था, जिसकी रचना भारतेन्दु युग के प्रसिद्ध नाटककार लाला श्रीनिवास दास ने 25 नवम्बर, 1882 को की थी।
- उपन्यास 41 छोटे-छोटे प्रकरणों में विभक्त है।
- पूरा उपन्यास नीतिपरक और उपदेशात्मक है।
- उसमें जगह-जगह इंग्लैंड और यूनान के इतिहास से दृष्टांत दिए गए हैं।
- श्रद्धाराम फिल्लौरी - भाग्यवती पण्डित श्रद्धाराम फिल्लौरी द्वारा रचित हिन्दी उपन्यास है। इसकी रचना सन् 1887 हुई थी। ये लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे के रचयिता हैं।
- जगमोहन सिंह- हिन्दी के भारतेन्दुयुगीन कवि, आलोचक और उपन्यासकार थे। इन्होंने श्यामा स्वप्न, श्यामा सरोजनी, प्रेम-संपत्तिलता, मेघदूत, ऋतुसंहार, कुमार संभव, प्रेम हजारा, सज्जनाष्टक, प्रलय, ज्ञानप्रदीपका सहित कई कृतियां लिखीं।
- बालकृष्ण भट्ट रचनाएँ - नूतन ब्रह्मचारी , सौ अजान और एक सुजान, रहस्यकथा. मौलिक नाटक : दमयन्ती स्वयंवर, बाल-विवाह, चन्द्रसेन, रेल का विकट खेल, आदि।
Confusion Points
Additional Information
Important Points
प्रेमचंद पूर्व Question 4:
निम्न में कौन सा सही सुमेलित नहीं है
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 4 Detailed Solution
- "बाणभट्ट की आत्मकथा - राहुल सांकृत्यायन....." यह युग्म संगत नही है।
- बाणभट्ट की आत्मकथा प्रसिद्ध उपन्यास: हजारी प्रसाद द्विवेदी
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के प्रसिद्ध उपन्यास
- बाणभट्ट की आत्मकथा आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी रचित एक ऐतिहासिक हिन्दी उपन्यास है।
- इसमें तीन प्रमुख पात्र हैं- बाणभट्ट, भट्टिनी तथा निपुणिका।
- इस पुस्तक का प्रथम प्रकाशन वर्ष 1946 में राजकमल प्रकाशन ने किया था।
- राहुल सांकृत्यायन (9अप्रैल 1893 - 14अप्रैल 1963)
- इन्हें महापंडित की उपाधि दी जाती है।
- राहुल सांकृत्यायन की स्मृति में भारतीय डाकतार विभाग की ओर से 1993 में उनकी जन्मशती के अवसर पर 100 पैसे मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया गया।
- उन्हें 1958 में "साहित्य अकादमी पुरस्कार", तथा1963 में भारत सरकार के "पद्मभूषण अलंकरण" से विभूषित किया गया।
- लंका
- जापान
- इरान
- किन्नर देश की ओर
- चीन में क्या देखा
- मेरी लद्दाख यात्रा
- मेरी तिब्बत यात्रा
- तिब्बत में सवा वर्ष
- रूस में पच्चीस मास
- विश्व की रूपरेखा
Key Points
उपन्यास |
समय |
(a) अनामदास का पोथा |
औपनिषदिक् काल |
(b) पुनर्नवा |
चौथी शताब्दी |
(c) बाणभट्ट की आत्मकथा |
छठी-सातवीं शताब्दी |
(d) चार चंद्रलेख |
बारहवीं-तेरहवीं शताब्दी |
Additional Information
Additional Information
राहुल सांकृत्यायन जी की यात्रा साहित्य निम्नलिखित हैं:-
प्रेमचंद पूर्व Question 5:
"रुपए हों तो न हुक्का- पानी का काम है, न जात-बिरादरी का। दुनिया पैसे की है, हुक्का-पनि कोई नहीं पूछता।"- गोदान उपन्यास में यह कथन किस पात्र का है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 5 Detailed Solution
"रुपए हों तो न हुक्का- पानी का काम है, न जात-बिरादरी का। दुनिया पैसे की है, हुक्का-पनि कोई नहीं पूछता।"- गोदान उपन्यास में यह कथन गोबर का है। Key Pointsगोदान उपन्यास-
- लेखक - मुंशी प्रेमचंद
- प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
- मुख्य - यह प्रेमचंद जी का अंतिम पूर्ण उपन्यास है।
- इसमें प्रेमचंद ने किसी एक समस्या को उठाने की बजाय तत्कालीन भारतीय समाज की लगभग हर समस्या को एक साथ उठाया है।
- इसी कारण गोदान को भारतीय जीवन का महाकाव्य भी कहा जाता है।
-
- देवस्थान रहस्य (1905 ई.)
- प्रेमा (1907 ई.)
- सेवासदन (1918 ई.)
- वरदान (1921 ई.)
- प्रेमाश्रम (1922 ई.)
- रंगभूमि (1925 ई.)
- कायाकल्प (1926 ई.)
- निर्मला (1927 ई.)
- प्रतिज्ञा (1929 ई.)
- गबन (1931 ई.)
- कर्मभूमि (1932 ई.)
- मंगलसूत्र (1936 ई.अधूरा)
-
- होरी, धनिया, गोबर, सोना, रूपा, मातादीन, दुलारी सहूआइन, मगरू साहू, पटरेश्वरी लाल, झींगुरी सिंह, पंडित नोखेराम, सिलिया, भोला, नोहरी, हीरा, शोभा, दरोगा, राय साहब अमरपाल सिंह, डॉ. बी. मेहता, मिस मालती, मिस्टर चंद्र प्रकाश खन्ना, ओंकार नाथ।
प्रेमचंद पूर्व Question 6:
'सभी संथालों को दामुल हौज हो गया' - 'मैला आँचल' उपन्यास के इस वाक्य में 'दामुल हौज' का अर्थ है:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 6 Detailed Solution
'सभी संथालों को दामुल हौज हो गया' - 'मैला आँचल' उपन्यास के इस वाक्य में 'दामुल हौज' का अर्थ है- आजीवन कारावास
Key Pointsमैला आँचल-
- रचनाकार- फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1954ई.
- पात्र-
- डॉ. प्रशांत,कमला,बलदेव,कालीचरन,बावनदास आदि।
- विषय-
- इसका कथाकाल 1946 से 1948ई. के बीच का है।
- पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा है।
- ग्रामीण अंचल के सामाजिक,राजनीतिक और आर्थिक यथार्थ को चित्रित किया गया है।
Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977ई.
- प्रमुख आंचलिक उपन्यासकार है।
- उपन्यास-
- परती परिकथा(1957ई.)
- दीर्घतपा(1964ई.)
- जुलूस(1965ई.)
- कितने चौराहे(1966ई.)
- पल्टूबाबू रोड(1979ई.) आदि।
प्रेमचंद पूर्व Question 7:
'मैला आँचल' के पहले खंड में कितने परिच्छेद है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 7 Detailed Solution
'मैला आँचल' के पहले खंड में 44 परिच्छेद है।
Key Pointsमैला आँचल-
- रचनाकार- फणीश्वरनाथ रेणु
- विधा- उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1954 ई.
- विषय-
- इसमें बिहार के पूर्णिया जिले के मेरीगंज गाँव की कथा का वर्णन है।
- आजाद भारत के ग्रामीण अंचल को कथा का केंद्र बनाया है।
- पात्र-
- डॉ. प्रशांत
- कमला
- बालदेव
- कालीचरन
- मंगलादेवी
- महंत सेवादास आदि।
Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु-
- जन्म-1921-1977 ई.
- आंचलिक उपन्यासकार है।
- उपन्यास-
- परती परिकथा(1957 ई.)
- दीर्घतपा(1964 ई.)
- जुलूस(1965 ई.)
- कितने चौराहे(1966 ई.) आदि।
प्रेमचंद पूर्व Question 8:
निम्नलिखित में से ‘बिल्लेसुर बकरिहा’ का रचनाकार है –
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 8 Detailed Solution
‘बिल्लेसुर बकरिहा’ के रचनाकार है- सूर्ययकांत त्रिपाठी 'निराला' हैं।
बिल्लेसुर बकरिहा-
- रचनाकार- सूर्ययकांत त्रिपाठी 'निराला'
- विधा- उपन्यास
- यह एक व्यंग्य उपन्यास है।
- सन 1941 में प्रकाशित हुआ।
- इसमें बिल्लेसुर नामक एक ब्राह्मण की कहानी है।
- यह एक प्रगतिशील उपन्यास है।
Key Pointsनिराला(1899-1961) -
- महत्वपूर्ण छायावादी कवि हैं।
- इनके अन्य उपन्यास-
- अप्सरा (1931ई.)
- अलका (1933ई.)
- निरुपमा (1936ई.)
- प्रभावती (1936)
Important Points नागार्जुन (1911-1998)-
- एक आँचलिक उपन्यासकार हैं।
- इनके महत्वपूर्ण उपन्यास है
- रतिनाथ की चाची (1948 ई.)
- बलचनमा (1952 ई.)
- बाबा बटेसरनाथ (1954 ई.)
- इमरतिया (1968 ई.)
- पारो (1975 ई.) आदि।
नरेंद्र शर्मा (1913-1989) -
- प्रेम और मस्ती (वैयक्तिक प्रेम की कविता) के कवि हैं।
- इनकी काव्य रचनाएँ-
- प्रभातफेरी (1938ई.)
- प्रवासी के गीत (1938 ई.)
- पलाश वन (1939 ई.)
- रक्तचंदन (1949 ई.)
- अग्निशस्य (1951 ई.) आदि।
बालकृष्ण भट्ट (1844-1914)-
- ये शुरुआती दौर के उपन्यासकार है।
- इनके मुख्य उपन्यास है-
- नूतन ब्रह्मचारी (1886 ई.)
- रहस्य कथा (1879 ई.)
- सौ अजान एक सुजान (1892 ई.)
प्रेमचंद पूर्व Question 9:
'लवंगलता' किस विधा की रचना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 9 Detailed Solution
'लवंगलता' उपन्यास विधा की रचना है।
उपन्यास-
- यह आधुनिक गद्य की एक प्रमुख विधा है।
- अर्थ-
- वह रचना जो सामाजिक जीवन के अत्यंत निकट हो।
Key Pointsलवंगलता-
- रचनाकार-किशोरीलाल गोस्वामी
- पुरा नाम-लगवंगलता वा आदर्शबाला
- विधा-उपन्यास
- प्रकाशन वर्ष-1890 ई.
- यह ऐतिहासिक उपन्यास है।
Important Pointsकिशोरीलाल गोस्वामी-
- जन्म-1865-1932 ई.
- प्रेमचंद युगीन रचनाकार है।
- उपन्यास-
- स्वर्गीयकुसुम वा कुसुमकुमारी (1889 ई.)
- प्रणयिनी परिणय (1890 ई.)
- लीलावती वा आदर्शशती (1901 ई.)
- रंगमहल में हलाहल (1905 ई.)
- अँगूठी का नगीना (1918 ई.) आदि।
Additional Informationकहानी-
- अन्य नाम -
- किस्सा, गल्प, आख्यायिका।
- नामवर सिंह-
- "कहानी छोटे मुँह बड़ी बात करती है।"
नाटक-
- जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं।
प्रहसन-
- इसमें सामाजिक जीवन से कथा को उठाया जाता है।
- यह एक अंक का रुपक होता है।
प्रेमचंद पूर्व Question 10:
'बुधुआ की बेटी' उपन्यास किसने लिखा?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व Question 10 Detailed Solution
"बुधुआ की बेटी" उपन्यास पांडे बेचन शर्मा 'उग्र' द्वारा लिखा गया है।
Key Points
- उग्र जी का 'बुधुआ की बेटी' (उपन्यास) घोर यथार्थवादी उपन्यास है।
रचयिता | रचनाऍं |
पांडे बेचन शर्मा 'उग्र' | महात्मा ईसा(नाटक), चुंबन(नाटक), चार बेचारे(नाटक), गंगा का बेटा (नाटक), आवास(नाटक), चंद हसीनों के खतूत(उपन्यास), दिल्ली का दलाल(उपन्यास), शराबी(उपन्यास), घंटा (उपन्यास), सरकार तुम्हारी आँखों में(उपन्यास) आदि। |
अन्य विकल्प
रचयिता | रचनाऍं |
चतुरसेन शास्त्री | सोमनाथ(उपन्यास), वयंरक्षाम (उपन्यास), गोली(उपन्यास), सोना और खून (तीन खंड) (उपन्यास), रक्त की प्यास (उपन्यास), हृदय की प्यास (उपन्यास), अमर अभिलाषा (उपन्यास), राजसिंह(नाटक), मेघनाथ(नाटक), छत्रसाल (नाटक), गांधारी(नाटक), श्रीराम(नाटक), अमर राठौर (नाटक), उत्सर्ग(नाटक), क्षमा (नाटक) आदि। |
विश्वंभरनाथ कौशिक | रक्षाबंधन(कहानी), कल्प मंदिर (कहानी), चित्रशाला(कहानी) , प्रेम प्रतिज्ञा(कहानी), मणि माला(कहानी), कल्लोल (कहानी) आदि। |
जयशंकर प्रसाद | कामायनी(काव्य), ऑंसू (काव्य), लहर (काव्य), चित्राधार(काव्य), कानन कुसुम (काव्य), उर्वशी (नाटक), चन्द्रगुप्त(निबन्ध), आकाशदीप (उपन्यास), तितली(उपन्यास) कंकाल(उपन्यास) आदि। |