Question
Download Solution PDFबुंदेली की स्वतंत्र काव्य-परम्परा की वृहत् त्रयी किसे कहते हैं ?
This question was previously asked in
MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : ख्यालीराम, ईसुरी, गंगाधर व्यास
Free Tests
View all Free tests >
MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
2.5 K Users
20 Questions
80 Marks
24 Mins
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है- ख्यालीराम, ईसुरी, गंगाधर व्यास
Key Pointsबुंदेली की स्वतंत्र काव्य-परम्परा के संबंध में-
-
लोकभाषा पर आधारित:
-
बुंदेली काव्य परंपरा बुंदेलखंड क्षेत्र की लोकभाषा से विकसित हुई है, जो मुख्य रूप से मौखिक रूप में फली-फूली और जन-जन तक पहुँची।
-
-
प्रमुख कवि त्रयी:
-
ख्यालीराम, ईसुरी, और गंगाधर व्यास को बुंदेली काव्य की वृहत् त्रयी माना जाता है, जिन्होंने अपनी रचनाओं से इस परंपरा को समृद्ध किया।
-
-
फाग और लोकगीतों का प्रभाव:
-
ईसुरी जैसे कवियों के फाग (होली के गीत) और अन्य लोकगीत बुंदेली काव्य के प्रमुख अंग हैं, जो भावनात्मक और उत्सवी रंग लिए हुए हैं।
-
-
स्वतंत्र शैली:
-
यह परंपरा संस्कृत या अन्य शास्त्रीय काव्य से प्रभावित होने के बजाय स्थानीय संस्कृति, जीवनशैली और बोलचाल पर आधारित रही, जो इसे विशिष्ट बनाती है।
-
-
सामाजिक चेतना:
-
बुंदेली काव्य में ग्रामीण जीवन, प्रेम, वीरता और सामाजिक मुद्दों का चित्रण मिलता है, जो इसे जनसामान्य से जोड़ता है।
-
Important Points
कवि | काव्य संग्रह / रचनाएँ | प्रकाशन वर्ष |
---|---|---|
ख्यालीराम | ख्यालीराम की कविताएँ (संकलन) | 1970 (संपादित संकलन) |
ईसुरी | फाग माला (ईसुरी फाग संकलन) | 1942 (संपादित संकलन) |
गंगाधर व्यास | बुंदेली लोक काव्य (संकलित रचनाएँ) | अस्पष्ट (लोक परंपरा) |
बैजू | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं (लोक रचनाएँ) | अस्पष्ट (लोक परंपरा) |
मूलचंद | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं (लोक रचनाएँ) | अस्पष्ट (लोक परंपरा) |
माधव शुक्ल | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं | अस्पष्ट |
मुन्नीलाल | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं | अस्पष्ट |
हरीश निगम | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं | अस्पष्ट |
संतोष सिंह बुंदेला | बुंदेली गीत (संकलन) | अस्पष्ट |
सैफू | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं (लोक रचनाएँ) | अस्पष्ट (लोक परंपरा) |
चन्द्रसखी | विशिष्ट संग्रह उपलब्ध नहीं (लोक रचनाएँ) | अस्पष्ट (लोक परंपरा) |
Last updated on Jul 7, 2025
-> The MPPSC Assistant Professor exam for Group 1 posts will be held on 27th July 2025.
-> MPPSC Assistant Professor 2025 Notification has been released for 2117 vacancies.
-> The selected candidates will get a salary of Rs. 57,700 to Rs. 1,82,400.
-> Candidates who want a successful selection for the post must refer to the MPPSC Assistant Professor Previous Year Papers to understand the type of questions in the examination.