एक कुंडल और एक चुंबक को एक ही दिशा में और समान गति के साथ स्थानांतरित किया जाता है। फिर क्या होगा?

  1. कुंडल एक बल का अनुभव करेगा
  2. चुंबक एक बल का अनुभव करेगा
  3. कुंडल में विद्युत धारा प्रेरित होगी
  4. कुंडल में विद्युत धारा प्रेरित नहीं होगी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : कुंडल में विद्युत धारा प्रेरित नहीं होगी

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अवधारणा -

फैराडे का विद्युत चुम्बकीय प्रेरण का नियम -

  • जब भी किसी परिपथ /कुंडली में से गुजरने वाली चुंबकीय रेखाओं की संख्या (चुंबकीय अभिवाह) में परिवर्तन होता है तो परिपथ में emf उत्पन्न होता है यह प्रेरित emf कहलाता है।
  • प्रेरित emf परिपथ के साथ जुड़े चुंबकीय अभिवाह के परिवर्तन की दर द्वारा परिभाषित किया जा सकता है, अर्थात

  • जब एक बार चुंबक कुंडली की ओर धकेला जाता है तो कुंडली का चुंबकीय क्षेत्र बढ़ जाता है, इसलिए कुंडली में प्रेरित धारा / प्रेरित e.m.f. उत्पन्न होता है। इसलिए गैल्वेनोमीटर दाहिनी तरफ विचलन दर्शाता है।
  • जब बार चुंबक कुंडली से दूर ले जाया जाता है, तो कुंडली का चुंबकीय क्षेत्र घट जाता है, इसलिए कुंडली में प्रेरित धारा / प्रेरित e.m.f. उत्पन्न होता है। इसलिए गैल्वेनोमीटर बाईं तरफ विचलन दर्शाता है।
  • जब बार चुंबक कुंडली के अंदर स्थिर रखा जाता है तो चुंबकीय क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता है, इसलिए कोई प्रेरित धारा उत्पन्न नहीं होती है। इस स्थिति में गैल्वेनोमीटर किसी भी प्रकार का विचलन नहीं दर्शाता है।

व्याख्या-

  • जब कुंडल और चुंबक एक ही दिशा में और समान गति से चले जाते हैं, तो कुंडल के पार चुंबकीय क्षेत्र में कोई परिवर्तन नहीं होता है और इसलिए कोई प्रेरित धारा नहीं होती है। इसलिए विकल्प 4 सही है।

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