धारा 11 के अनुसार, यदि सृजित हित के उपयोग या उपभोग के संबंध में विशिष्ट निर्देश हों तो अंतरिती के पास क्या अधिकार होंगे?

  1. अंतरिती व्यक्ति को निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा।
  2. अंतरिती निर्देशों की अनदेखी कर सकता है तथा हित का निपटान इस प्रकार कर सकता है मानो ऐसा कोई निर्देश ही न हो।
  3. अंतरिती को हित के निपटान के लिए अंतरणकर्ता से अनुमति लेनी होगी।
  4. निर्देशों को लागू करने के लिए अंतरिती को अदालत से हस्तक्षेप की मांग करनी होगी।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अंतरिती निर्देशों की अनदेखी कर सकता है तथा हित का निपटान इस प्रकार कर सकता है मानो ऐसा कोई निर्देश ही न हो।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 है। Key Points 

  • संपत्ति अंतरण अधिनियम 1882 की धारा 11, सृजित हित के प्रतिकूल प्रतिबंध से संबंधित है।
  • जहां संपत्ति के अंतरण पर उसमें कोई हित किसी व्यक्ति के पक्ष में पूर्णतया सृजित हो जाता है , किन्तु अंतरण की शर्तों में यह निर्देश दिया गया हो कि ऐसा हित उसके द्वारा किसी विशेष रीति से लागू या उपभोग किया जाएगा, वहां वह ऐसे हित को प्राप्त करने और उसका निपटान करने का उसी प्रकार हकदार होगा मानो ऐसा कोई निर्देश न हो।
  • जहां किसी स्थावर संपत्ति के संबंध में ऐसा कोई निदेश ऐसी संपत्ति के किसी अन्य टुकड़े का लाभप्रद उपभोग सुनिश्चित करने के प्रयोजन के लिए दिया गया है, वहां इस धारा की कोई बात अंतरक के ऐसे निदेश को प्रवर्तित करने के किसी अधिकार पर या उसके उल्लंघन के संबंध में उसके किसी उपचार पर प्रभाव डालने वाली नहीं समझी जाएगी।

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