यदि एक प्रणाली समतुल्यता में है और प्रणाली की स्थिति कई स्वतंत्र चरों पर निर्भर करती है, काल्पनिक कार्य का सिद्धांत बताता है कि प्रत्येक स्वतंत्र चर के सम्बन्ध में इसकी कुल स्थितिज ऊर्जा का आंशिक अवकलज कितना होना चाहिए। 

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Option 2 : 0
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Environmental Engineering for All AE/JE Civil Exams Mock Test
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वर्णन:

  • काल्पनिक कार्य काल्पनिक विस्थापन के माध्यम से कार्य वाले करने वास्तविक बल द्वारा किया गया कार्य होता है अर्थात् काल्पनिक कार्य वास्तविक बलों द्वारा किया जाता है। 
  • एक काल्पनिक विस्थापन संरचना की बाधाओं के साथ अनुकूल कोई विस्थापन है अर्थात् वह समर्थनों पर सीमा स्थितियों को संतुष्ट करता है। 
  • काल्पनिक बल समतुल्यता में बलों की कोई प्रणाली है। 
  • काल्पनिक कार्य का सिद्धांत बताता है कि निम्न स्वेच्छ विस्थापन के लिए समतुल्यता में निकायों के लिए प्रणाली द्वारा किया गया कुल कार्य शून्य होता है। 
  • इस विधि में प्रणाली संदर्भ बिंदु के चारों ओर एक छोटे मात्रा से विस्थापित होता है और संदर्भ बिंदु के चारों ओर सभी बलों द्वारा किया गया कार्य अज्ञात प्रतिक्रियाओं को ज्ञात करने के लिए संयुक्त होता है।
  • काल्पनिक कार्य का सिद्धांत बताता है कि संतुलित में किसी निकाय के लिए काल्पनिक कार्य को शून्य होना चाहिए। 

काल्पनिक कार्य का सिद्धांत

यह बताता है कि यदि एक छोटा काल्पनिक विस्थापन समतुल्यता के तहत प्रणाली में प्रदान किया जाता है। तो बल और आघूर्ण द्वारा किये गए कार्य का बीजगणितीय योग सदैव शून्य के बराबर होता है या प्रत्येक स्वतंत्र चर के संबंध में इसकी कुल स्थितिज ऊर्जा का आंशिक अवकलज शून्य होता है। 

यदि P1, P2,……………..Pn बल हैं और 

δ1, δ2…………………….δn संबंधित विस्थापन है। 

यदि M1, M2,……………….Mn आघूर्ण है और 

δθ1, δθ2………………….. δθ संबंधित कोणीय विस्थापन है। 

तो काल्पनिक कार्य के सिद्धांत के अनुसार किया गया कुल कार्य शून्य होता है। 

P1δ1 + P2δ2 …………… + M1 δθ1 + M­2 δθ2 + ……………….. = 0

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Last updated on Jun 2, 2025

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