Question
Download Solution PDF1829 में सती प्रथा को प्रतिबंधित करवाने में किसका अहम योगदान था?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFराजा राममोहन राय ने 1829 में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाने में योगदान दिया था।
Key Points
- सती प्रथा एक हिंदू महिला को उसके पति की चिता में उसके पति की मृत्यु पर आहुति देने की प्रथा थी।
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विधवा को स्वर्ग जाना था और यह एक महिला की अपने पति के प्रति समर्पण का अंतिम बलिदान और प्रमाण माना जाता था।
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बंगाल के महान हिंदू सुधारक राजा राममोहन राय ने बंगाल के हिंदू समाज में प्रचलित कई सामाजिक बुराइयों से लड़ाई लड़ी और सती प्रथा उन प्रमुखों में से एक थी।
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वह अपनी ही भाभी की आहुति के प्रत्यक्ष गवाह थे। उन्होंने 1812 में इस प्रथा के खिलाफ अपना संघर्ष शुरू किया।
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राजा राममोहन राय सती के खिलाफ एक मुखर प्रचारक थे। उन्होंने तर्क दिया कि वेदों और अन्य प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों ने सती प्रथा को मंजूरी नहीं दी।
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उन्होंने अपनी पत्रिका संवाद कौमुदी में इसके निषेध की वकालत करते हुए लेख लिखे। उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी प्रशासन से इस प्रथा पर प्रतिबंध लगाने पर जोर दिया।
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लॉर्ड विलियम बेंटिक 1828 में भारत के गवर्नर-जनरल बने। उन्होंने सती, बहु-विवाह, बाल-विवाह और कन्या-भ्रूण हत्या जैसी कई प्रचलित सामाजिक बुराइयों को दबाने में राजा राममोहन राय की मदद की।
- लॉर्ड बेंटिक ने पूरे ब्रिटिश भारत में सती प्रथा पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून पारित किया और इस अधिनियम के द्वारा सती प्रथा को 1829 में अदालतों द्वारा अवैध और दंडनीय बना दिया गया।
अतः सही उत्तर राजा राममोहन राय है।
Last updated on Apr 30, 2025
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