Question
Download Solution PDFरुढ और प्रयोजनवती किस शब्द शक्ति से सम्बन्ध है?
This question was previously asked in
DSSSB TGT Hindi Female 05 Sep 2021 1st Shift (Subject Concerned)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 2 : लक्षणा
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DSSSB TGT Social Science Full Test 1
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Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "लक्षणा" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- रूढ़ और प्रयोजनवती लक्षणा के प्रकार है।
- लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है।
- लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
- रूढ़ि लक्षणा
- जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं।
- जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है।
- इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है।
- प्रयोजनवती लक्षणा
- वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
- जैसे-
- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
- इससे प्रयोजनवश हमें तलवार का अर्थ तलवारबंद सिपाही लेना पड़ता है। अतः जिस लक्षणा द्वारा यह अर्थ लिया वह प्रयोजनवती हुई।
- अभिधा
- जो शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
- इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
- जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
- साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है।
- व्यंजना शब्द शक्ति-
- शब्द के जिस व्यापार से मुख्य और लक्ष्य अर्थ से भिन्न अर्थ की प्रतीति हो उसे 'व्यंजना' कहते हैं।
- व्यंजना शब्द शक्ति से अन्यार्थ या विशेषार्थ का ज्ञान कराने वाला शब्द व्यंजक कहलाता है, जबकि उस व्यंजक शब्द से प्राप्त अर्थ को व्यंग्यार्थ या धन्यार्थ कहते हैं।
Last updated on May 12, 2025
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