Question
Download Solution PDFराधावल्लभी संप्रदाय की स्थापना किसने की थी ?
This question was previously asked in
MPPSC Assistant Prof 2025 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 01 Jun, 2025)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : हितहरिवंश
Free Tests
View all Free tests >
MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
2.5 K Users
20 Questions
80 Marks
24 Mins
Detailed Solution
Download Solution PDFराधावल्लभी संप्रदाय की स्थापना की थी - हितहरिवंश
Key Pointsहितहरिवंश-
- राधावल्लभ संप्रदाय के प्रवर्तक है।
- इन्हें श्रीकृष्ण की वंशी का अवतार कहा जाता है।
- रचनाएँ-
- राधासुधानिधि
- यमुनाष्टक आदि।
Important Pointsराधावल्लभ संप्रदाय-
- प्रवर्तन और संस्थापक-
- इस संप्रदाय का प्रवर्तन सन् 1534 में आचार्य हितहरिवंश गोस्वामी ने वृंदावन में किया था।
- कुछ विद्वान इसे ब्रह्म संप्रदाय या माधव संप्रदाय के अंतर्गत मानते हैं।
- मुख्य उपास्य और दार्शनिक दृष्टिकोण-
- इस संप्रदाय में कृष्ण के बजाए राधा का स्थान प्रमुख है।
- कृष्ण को आनुषंगिक रूप से वर्णित किया गया है, परंतु माना जाता है कि कृष्ण के भीतर सभी शक्तियाँ समाहित हैं।
- वे रसिककिशोर के रूप में नित्यबिहारी पुरुष हैं।
- राधा उनकी पराप्रकृति हैं जो चित्-अचित्-विशिष्ट आह्लादिनी निजशक्ति रूपा हैं।
- प्रमुख कवि-
- हितहरिवंश
- हरिराम व्यास
- चतुर्भुजदास
- ध्रुवदास
Additional Informationनिम्बार्काचार्य-
- जन्म- 1250 ई.
- वैष्णव सम्प्रदाय के प्रवर्तक व इसे निम्बार्क संप्रदाय भी कहा जाता है।
- अन्य रचनाएं-
- दशश्लोकी
- मंतरहस्य षोडशी
वल्लभाचार्य -
- श्रीवल्लभाचार्यजी भक्तिकालीन सगुणधारा की कृष्णभक्ति शाखा के आधारस्तंभ एवं पुष्टिमार्ग के प्रणेता थे।
- उन्हें वैश्वानरावतार (अग्नि का अवतार) कहा गया है।
- वे वेदशास्त्र में पारंगत थे।
- वल्लभसम्प्रदाय या पुष्टिमार्ग सम्प्रदाय के प्रवर्तक
- ग्रन्थ -
- अणुभाष्य
- ‘तत्वार्थदीपनिबन्ध’
- ‘पुरुषोत्तम सहस्रनाम’
- ‘पत्रावलम्बन’
- ‘पंचश्लोकी’
- पूर्वमीमांसाभाष्य
- भागवत पर सुबोधिनी टीका आदि।
रामानन्द-
- रामानन्द मध्यकालीन भक्ति आन्दोलन के महान सन्त थे।
- उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया-
- द्रविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद।
- स्वामी जी ने बैरागी सम्प्रदाय की स्थापना की, जिसेे रामानन्दी सम्प्रदाय के नाम से भी जाना जाता है।
- इनके बारह शिष्य हैं-
- अनंतानंद
- भावानंद
- पीपा
- सेन नाई
- धन्ना
- नाभा दास
- नरहर्यानंद
- सुखानंद
- कबीर
- रैदास
- सुरसरी
- पदमावती
- इन शिष्यों को द्वादश महाभागवत के नाम से जाना जाता है।
Last updated on Jul 7, 2025
-> The MPPSC Assistant Professor exam for Group 1 posts will be held on 27th July 2025.
-> MPPSC Assistant Professor 2025 Notification has been released for 2117 vacancies.
-> The selected candidates will get a salary of Rs. 57,700 to Rs. 1,82,400.
-> Candidates who want a successful selection for the post must refer to the MPPSC Assistant Professor Previous Year Papers to understand the type of questions in the examination.