कवि और रचना MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कवि और रचना - Download Free PDF
Last updated on Mar 25, 2025
Latest कवि और रचना MCQ Objective Questions
कवि और रचना Question 1:
निम्नलिखित काव्य ग्रन्थों को प्रथम प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद के क्रम में लगाइए :
(A) प्रेमसंपत्तिलता
(B) प्रेम माधुरी
(C) देवयानी
(D) सुकवि सतसई
(E) बिहारी बिहार
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है- B, A, C, D, E
Key Points
- प्रेम माधुरी (1880 ई.)
- रचनाकार- भारतेन्दु
- प्रेमसंपत्तिलता (1885 ई.)
- रचनाकार- ठाकुर जगमोहन सिंह
- देवयानी (1886 ई.)
- रचनाकार- ठाकुर जगमोहन सिंह
- सुकवि सतसई (1887 ई.)
- रचनाकार- अंबिकादत्त व्यास
- बिहारी बिहार (1898 ई.)
- रचनाकार- अंबिकादत्त व्यास
Important Pointsअंबिकादत्त व्यास-
- जन्म-1858-1900 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- दशरथ विलाप
- पावस पचासा(1886 ई.)
- हो हो होरी(1891 ई.)
- बिहारी बिहार(1898 ई.) आदि।
भारतेन्दु हरिश्चंद्र-
- जन्म-1850-1885 ई.
- उर्दू में 'रसा' उपनाम से लिखते थे।
- रचनाएँ-
- भक्ति सर्वस्व(1870 ई.)
- प्रेम मालिका(1871 ई.)
- प्रेम माधुरी(1875 ई.)
- प्रेम तरंग(1877 ई.)
- प्रेम प्रलाप(1877 ई.)
- वर्षा विनोद(1880 ई.)
- मधु मुकुल(1881 ई.)
- विनय प्रेम पचासा(1881 ई.)
- फूलों का गुच्छा(1882 ई.) आदि।
ठाकुर जगमोहन सिंह-
- जन्म-1857-1899 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- प्रेमसंपत्तिलता(1885 ई.)
- श्यामलता(1885 ई.)
- श्यामा सरोजिनी(1886 ई.)
- ऋतु संहार(1876 ई.) आदि।
कवि और रचना Question 2:
इनमें से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 2 Detailed Solution
सुमेलित युग्म नहीं हैं-प्रेम पुष्पावली - राधाकृष्ण दास
प्रेम पुष्पावली-
- रचनाकार-प्रतापनारायण मिश्र
- विधा-काव्य
Key Pointsराधाकृष्ण दास-
- जन्म-1865-1907 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- भारत बारहमासा
- देश दशा आदि।
Important Pointsअंबिकादत्त व्यास-
- जन्म-1858-1900 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- पावस पचासा(1886 ई.)
- हो हो होरी(1891 ई.)
- बिहारी बिहार(1898 ई.) आदि।
ठाकुर जगमोहन सिंह-
- जन्म-1857-1899 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- प्रेमसंपत्तिलता(1885 ई.)
- श्यामलता(1885 ई.)
- श्यामा सरोजिनी(1886 ई.)
- ऋतु संहार(1876 ई.) आदि।
प्रताप नारायण मिश्र-
- जन्म-1856-1894 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- मन की लहर
- लोकोक्ति शतक
- शृंगार विलास
- हरगंगा आदि।
कवि और रचना Question 3:
इनमें से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 3 Detailed Solution
सुमेलित युग्म नहीं हैं-प्रेम पुष्पावली - राधाकृष्ण दास
प्रेम पुष्पावली-
- रचनाकार-प्रतापनारायण मिश्र
- विधा-काव्य
Key Pointsराधाकृष्ण दास-
- जन्म-1865-1907 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- भारत बारहमासा
- देश दशा आदि।
Important Pointsअंबिकादत्त व्यास-
- जन्म-1858-1900 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- पावस पचासा(1886 ई.)
- हो हो होरी(1891 ई.)
- बिहारी बिहार(1898 ई.) आदि।
ठाकुर जगमोहन सिंह-
- जन्म-1857-1899 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- प्रेमसंपत्तिलता(1885 ई.)
- श्यामलता(1885 ई.)
- श्यामा सरोजिनी(1886 ई.)
- ऋतु संहार(1876 ई.) आदि।
प्रताप नारायण मिश्र-
- जन्म-1856-1894 ई.
- भारतेन्दु युगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- मन की लहर
- लोकोक्ति शतक
- शृंगार विलास
- हरगंगा आदि।
कवि और रचना Question 4:
हिन्दी का एडिसन किसे कहा जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 4 Detailed Solution
हिन्दी का एडिसन प्रतापनारायण मिश्र को कहा जाता है।
Key Points
प्रतापनारायण मिश्र-(1856-1894)
- भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- गो संकट
- कलिकौतुक
- कलिप्रभाव
- जुआरी-खुआरी (प्रहसन)
- निबंध नवनीत
- प्रताप पीयूष
- प्रताप समीक्षा आदि।
Additional Information
भारतेंदु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.)
- आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- वैदिक हिंसा हिंसा न भवति 1873
- भारत दुर्दशा 1875
- नीलदेवी 1881
- अंधेर नगरी 1881
- चन्द्रावली 1881 आदि।
बालकृष्ण भट्ट-(1844-1914ई.)
- हिन्दी के पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककार और निबंधकार थे।
- उन्हें गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य में उनका प्रमुख स्थान है।
प्रमुख रचनाएँ-
- साहित्य सुमन
- भट्ट निबंधमाला
- आत्मनिर्भरता (1893)
- चंद्रोदय
- संसार महानाट्यशाला
- प्रेम के बाग का सैलानी
- माता का स्नेह आदि।
कवि और रचना Question 5:
हिन्दी का एडिसन किसे कहा जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 5 Detailed Solution
हिन्दी का एडिसन प्रतापनारायण मिश्र को कहा जाता है।
Key Points
प्रतापनारायण मिश्र-(1856-1894)
- भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- गो संकट
- कलिकौतुक
- कलिप्रभाव
- जुआरी-खुआरी (प्रहसन)
- निबंध नवनीत
- प्रताप पीयूष
- प्रताप समीक्षा आदि।
Additional Information
भारतेंदु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.)
- आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- वैदिक हिंसा हिंसा न भवति 1873
- भारत दुर्दशा 1875
- नीलदेवी 1881
- अंधेर नगरी 1881
- चन्द्रावली 1881 आदि।
बालकृष्ण भट्ट-(1844-1914ई.)
- हिन्दी के पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककार और निबंधकार थे।
- उन्हें गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य में उनका प्रमुख स्थान है।
प्रमुख रचनाएँ-
- साहित्य सुमन
- भट्ट निबंधमाला
- आत्मनिर्भरता (1893)
- चंद्रोदय
- संसार महानाट्यशाला
- प्रेम के बाग का सैलानी
- माता का स्नेह आदि।
बालमुकुंद गुप्त-(1865-1907ई.)
- हिंदी के प्रसिद्ध लेखक एवं साहित्यकार थे।
- भारतेंदुयुगीन रचनाकार 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक।
- 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।
प्रमुख रचनाएँ-
स्फुट कविताएँ1905 आदि।
Top कवि और रचना MCQ Objective Questions
''कलिकौतुक' के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 2 है।
- प्रताप नारायण मिश्र
- कलि कौतुक - 1886 (प्रहसन)
- प्रताप नारायण मिश्र - भारतेंदु मंडल के कवि, लेखक और पत्रकार
- आचार्य शुक्ल ने हिंदी का एडीसन कहा।
- महत्त्वपूर्ण रचनाएँ
- नाटक: गो संकट, कलिकौतुक, कलिप्रभाव, हठी हम्मीर।
- निबंध संग्रह -, प्रताप पीयूष, प्रताप समीक्षा
- अनूदित गद्य कृतियाँ: राजसिंह, अमरसिंह, इन्दिरा, राधारानी, चरिताष्टक, पंचामृत, नीतिरत्नमाला,
- कविता : प्रेम पुष्पावली, मन की लहर,
- हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान का नारा दिया।
हिन्दी में 'ऋतु संहार' के रचयिता है-
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF- ऋतु संहार के रचयिता ' श्रीधर पाठक ' ( 1859 - 1928 ई. ) हैं ।
- श्रीधर पाठक खड़ी बोली के प्रथम स्वच्छंदतावादी कवि हैं ।
Key Points
- ऋतु संहार के मूल रचनाकार कालिदास हैं , उनकी रचना का अनुवाद श्रीधर पाठक ने किया ।
- गुनवंत हेमंत श्रीधर पाठक की पहली खड़ी बोली रचना है ।
Important Pointsश्रीधर पाठक द्वारा अनूदित काव्य ग्रन्थ
अनूदित रचना | अनूदित वर्ष | मूल रचना | मूल रचनाकार | अनूदित भाषा | |
गड़ेरिये और दार्शनिक | शेफर्ड एंड फिलॉसफर | ग्रे | |||
एकांतवास योगी | 1886 | हरमिट | गोल्डस्मिथ | खड़ी बोली | |
उजड़ग्राम | 1889 | डेजर्टेड विलेज | गोल्डस्मिथ | ब्रजभाषा | |
श्रांत पथिक | 1902 | ट्रेवलर | गोल्डस्मिथ | खड़ीबोली |
- श्रीधर पाठक की अन्य रचनाएं - कश्मीर सुषमा ( पहली मौलिक रचना ब्रजभाषा में ) , मनोविनोद , देहरादून , भारतगीत , जगत सच्चाई सार आदि ।
Additional Information
- भारतेंदु हरिश्चंद को आधुनिककाल का प्रवर्तक माना जाता है ।
- भारतेंदु मंडल के कवि ठाकुर जगमोहन सिंह हैं ।
- गुरु भक्त सिंह द्विवेदी युग ( ब्रजभाषा काव्य ) के प्रमुख कवि हैं ।
भारतेन्दु कृत 'प्रेम सरोवर' क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFभारतेन्दु कृत 'प्रेम सरोवर' : कविता अथवा काव्य संग्रह है।
Key Points
- काव्य रचनाएँ हैं:
- भक्तसर्वस्व, प्रेममालिका (१८७१)
- प्रेम माधुरी (१८७५)
- प्रेम-तरंग (१८७७), उत्तरार्द्ध भक्तमाल (१८७६-७७)
- प्रेम-प्रलाप (१८७७)
- मधुमुकुल (१८८१), राग-संग्रह (१८८०), वर्षा-विनोद (१८८०)
- विनय प्रेम पचासा (१८८१), फूलों का गुच्छा (१८८२), प्रेम-फुलवारी (१८८३)
- प्रेमाश्रु-वर्षण, कृष्णचरित्र (१८८३), दानलीला, तन्मय लीला
- नये ज़माने की मुकरी, सुमनांजलि, बन्दर सभा (हास्य व्यंग) और बकरी विलाप (हास्य व्यंग)।
Additional Information
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र रचित नाटक
- मौलिक व अनुदित नाट्य रचनाएं –
- १. रत्नावली (1868), संस्कृत से अनुवाद
- २. विद्या सुन्दर (1868), बंगला से छायानुवाद
- ३. पाखंड विडम्बन (1872) कृष्ण मिश्र रचित प्रबोध चन्द्रोदय के तृतीय अंक का अनुवाद
- ४. धनंजय विजय (1873), कांचन कवि के संस्कृत नाटक का अनुवाद।
- ५. वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (1873),
- ६. प्रेमयोगिनी (1875),
- ७. सत्यहरिश्चन्द्र (1875),
- ८. कर्पूर मंजरी (1875), प्राकृत में राजशेखर रचित सट्टक का अनुवाद
- ९. विषस्य विषमौषधम् (1876),
- १०. चन्द्रावली (1876),
- ११. मुद्रा राक्षस (1878), संस्कृत के विख्यात नाटककार विशाखदत्त के मुद्राराक्षस का अनुवाद
- १२. दुर्लभ बन्धु (1880) शेक्सपियर के नाटक ‘मर्चेण्ट आफ वेनिस’ का अनुवाद।
- १३. भारत दुर्दशा (1880),
- १४. अंधेर नगरी (1881)
- १५. नील देवी (1881), गीति रूपक
- १६. भारत जननी (1877)
'उद्धव - शतक' काव्य ग्रंथ के रचयिता हैं -
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है -जगन्नाथ दास 'रत्नाकर'।
Key Pointsउद्धव शतक:-
- लेखक:- जगन्नाथ दस रत्नाकर।
- विधा:- प्रबंध काव्य।
- भाषा:- ब्रजभाषा।
- प्रकाशन वर्ष:- 1929 ई०
Additional Informationजगन्नाथदास रत्नाकर-
- जन्म-1866-1932 ई.
- द्विवेदीयुगीन कवि है।
- रचनाएँ-
- हिंडोला(1894 ई.)
- हरिश्चंद्र
- शृंगार मंजरी
- गंगावतरण(1927 ई.) आदि।
कवि और रचना Question 10:
हिन्दी का एडिसन किसे कहा जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 10 Detailed Solution
हिन्दी का एडिसन प्रतापनारायण मिश्र को कहा जाता है।
Key Points
प्रतापनारायण मिश्र-(1856-1894)
- भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- गो संकट
- कलिकौतुक
- कलिप्रभाव
- जुआरी-खुआरी (प्रहसन)
- निबंध नवनीत
- प्रताप पीयूष
- प्रताप समीक्षा आदि।
Additional Information
भारतेंदु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.)
- आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- वैदिक हिंसा हिंसा न भवति 1873
- भारत दुर्दशा 1875
- नीलदेवी 1881
- अंधेर नगरी 1881
- चन्द्रावली 1881 आदि।
बालकृष्ण भट्ट-(1844-1914ई.)
- हिन्दी के पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककार और निबंधकार थे।
- उन्हें गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य में उनका प्रमुख स्थान है।
प्रमुख रचनाएँ-
- साहित्य सुमन
- भट्ट निबंधमाला
- आत्मनिर्भरता (1893)
- चंद्रोदय
- संसार महानाट्यशाला
- प्रेम के बाग का सैलानी
- माता का स्नेह आदि।
बालमुकुंद गुप्त-(1865-1907ई.)
- हिंदी के प्रसिद्ध लेखक एवं साहित्यकार थे।
- भारतेंदुयुगीन रचनाकार 'हिंदुस्तान', 'भारत प्रताप' और 'भारतमित्र' आदि पत्र-पत्रिकाओं के संपादक।
- 'शिवशंभू का चिट्ठा' व्यंग्य रचना कीर्ति का आधार।
प्रमुख रचनाएँ-
स्फुट कविताएँ1905 आदि।
कवि और रचना Question 11:
भारतेंदु की रचनाओं का संग्रह किस नाम से है?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 11 Detailed Solution
भारतेंदु की रचनाओं का संग्रह भारतेंदु ग्रंथावली नाम से जाना जाता है।
- भारतेंदु के काव्य ग्रंथों की संख्या 70 है। जिसका संकलन भारतेंदु ग्रंथावली नाम से किया गया है।
Key Pointsभारतेन्दु हरिश्चन्द्र:
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
- वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी।
- उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है।
- भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे।
- हिन्दी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा।
- हिन्दी में नाटकों का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है।
- भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुन्दर (1867) नाटक के अनुवाद से होती है।
Important Pointsभारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित काव्य कृतियाँ:
- भक्तसर्वस्व
- प्रेममालिका
- कार्तिक स्नान
- वैशाख महात्म्य
- प्रेम सरोवर
- प्रेमाश्रुवर्षण
- जैन कुतूहल
- प्रेम सतसई श्रृंगार
- प्रेम माधुरी
- प्रेम-तरंग
कवि और रचना Question 12:
भारतेंदु युगीन किस लेखक को “हिंदी का स्टील” कहा गया?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 12 Detailed Solution
"हिंदी का स्टील" "बाल कृष्ण भट्ट" को कहा जाता है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) बाल कृष्ण भट्ट सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- 'आचार्य रामचंद्र शुक्ल' ने हिंदी का स्टील 'बाल कृष्ण भट्ट' को कहा है और हिंदी का एडिसन 'प्रताप नारायण मिश्र' को कहा है।
- प्रतापनारायण मिश्र (जन्म :- 24 सितंबर, 1856 ; मृत्यु :- 6 जुलाई, 1894) के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
- भारतेंदु जैसी रचनाशैली, विषयवस्तु और भाषागत विशेषताओं के कारण मिश्र जी "प्रति-भारतेंदु" और "द्वितीय हरिश्चंद्र" कहे जाने लगे थे।
Additional Information
- भारतेंदु जी की कविताएं निम्नलिखित हैं :-
- प्रेम पुष्पावली
- मन की लहर
- ब्रैडला स्वागत
- दंगल खंड
- तृप्यन्ताम्
- दीवो बरहमन (उर्दू)
कवि और रचना Question 13:
'धन्य भूमि भारत सब रतननि की उपजावनि' के रचयिता हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 13 Detailed Solution
'धन्य भूमि भारत सब रतननि की उपजावनि' के रचयिता हैं- प्रेमघन
प्रेमघन-
- पुरा नाम-बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
- जन्म-1855-1922 ई.
- भारतेन्दु युग के प्रमुख रचनाकार है।
- रचनाएँ-
- जीर्ण जनपद
- आनंद अरुणोदय
- हार्दिक हर्षादर्श
- मयंक महिमा
- लालित्य लहरी आदि।
Key Pointsधन्य भूमि भारत सब रतननि की उपजावनि-
- रचनाकार-प्रेमघन
- विषय-
- इस कविता में भारत की महिमा का वर्णन किया गया है।
Important Pointsभारतेन्दु हरिश्चंद्र-
- जन्म-1850-1885 ई.
- रचनाएँ-
- भक्ति सर्वस्व
- प्रेम मालिका
- वैशाख महात्मय
- प्रेम माधुरी
- प्रेम तरंग
- फूलों का गुच्छा आदि।
राधाकृष्ण दास-
- जन्म-1859-1925 ई.
- भारतेन्दु मण्डल के कवि है।
- रचनाएँ-
- भारत बारहमासा
- देश दशा आदि।
प्रतापनारायण मिश्र-
- जन्म-1856-1894 ई.
- भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख कवि है।
- रचनाएँ-
- प्रेम पुष्पांजलि
- मन की लहर
- लोकोक्ति शतक
- शृंगार विलास
- हर गंगा आदि।
Additional Informationभारतेन्दु-
- "रोवहु सब मिलि, आवहु भारत भाई।
हा हा ! भारत दुर्दशा न देखी जाई॥"
प्रतापनारायण मिश्र-
- "अब देखिए क्या दशा देश की हो,
बदलता है रंग आसमां कैसे-कैसे!"
कवि और रचना Question 14:
''कलिकौतुक' के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 14 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 2 है।
- प्रताप नारायण मिश्र
- कलि कौतुक - 1886 (प्रहसन)
- प्रताप नारायण मिश्र - भारतेंदु मंडल के कवि, लेखक और पत्रकार
- आचार्य शुक्ल ने हिंदी का एडीसन कहा।
- महत्त्वपूर्ण रचनाएँ
- नाटक: गो संकट, कलिकौतुक, कलिप्रभाव, हठी हम्मीर।
- निबंध संग्रह -, प्रताप पीयूष, प्रताप समीक्षा
- अनूदित गद्य कृतियाँ: राजसिंह, अमरसिंह, इन्दिरा, राधारानी, चरिताष्टक, पंचामृत, नीतिरत्नमाला,
- कविता : प्रेम पुष्पावली, मन की लहर,
- हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान का नारा दिया।
कवि और रचना Question 15:
हिन्दी का एडिसन किसे कहा जाता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कवि और रचना Question 15 Detailed Solution
हिन्दी का एडिसन प्रतापनारायण मिश्र को कहा जाता है।
Key Points
प्रतापनारायण मिश्र-(1856-1894)
- भारतेन्दु मण्डल के प्रमुख लेखक, कवि और पत्रकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- गो संकट
- कलिकौतुक
- कलिप्रभाव
- जुआरी-खुआरी (प्रहसन)
- निबंध नवनीत
- प्रताप पीयूष
- प्रताप समीक्षा आदि।
Additional Information
भारतेंदु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.)
- आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
प्रमुख रचनाएँ-
- वैदिक हिंसा हिंसा न भवति 1873
- भारत दुर्दशा 1875
- नीलदेवी 1881
- अंधेर नगरी 1881
- चन्द्रावली 1881 आदि।
बालकृष्ण भट्ट-(1844-1914ई.)
- हिन्दी के पत्रकार, उपन्यासकार, नाटककार और निबंधकार थे।
- उन्हें गद्य प्रधान कविता का जनक माना जा सकता है। हिन्दी गद्य साहित्य में उनका प्रमुख स्थान है।
प्रमुख रचनाएँ-
- साहित्य सुमन
- भट्ट निबंधमाला
- आत्मनिर्भरता (1893)
- चंद्रोदय
- संसार महानाट्यशाला
- प्रेम के बाग का सैलानी
- माता का स्नेह आदि।