शब्द शक्ति MCQ Quiz - Objective Question with Answer for शब्द शक्ति - Download Free PDF
Last updated on Jun 19, 2025
Latest शब्द शक्ति MCQ Objective Questions
शब्द शक्ति Question 1:
मुख्यार्थ की बाधा होने पर रूढ़ि या प्रयोजन से अन्य अर्थ का ग्रहण होता है वह शब्द-शक्ति क्या कहलाती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 1 Detailed Solution
मुख्यार्थ की बाधा होने पर रूढ़ि या प्रयोजन से अन्य अर्थ का ग्रहण होता है वह शब्द-शक्ति लक्षणा कहलाती है।
Key Points
- लेखन में या बोलचाल में जब कोई शब्द अपना सामान्य अर्थ छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है तो वहां पर लक्षणा शब्द शक्ति की उत्पत्ति होती है।
- उदाहरण-
- सिंह अखाड़े में उतर रहा है।
- (यहाँ पर 'सिंह' का सामान्य अर्थ जानवर है। किंतु दिए गए वाक्य में 'सिंह' का अर्थ वीर पुरुष से है।)
Important Pointsशब्द शक्ति के भेद-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
Additional Information
अभिधा शब्द शक्ति:-
उदाहरण-
व्यंजना शब्द शक्ति:-
उदाहरण-
काव्य-दोष-
|
शब्द शक्ति Question 2:
निम्नलिखित में से 'लक्षणा' शक्ति से संबंधित नहीं है।
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 2 Detailed Solution
शब्द शक्ति Question 3:
'लड़की तो निरी गाय है।' इस वाक्य में कौनसी शब्द - शक्ति है -
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 3 Detailed Solution
'लड़की तो निरी गाय है।' इस वाक्य में शब्द - शक्ति है - 'लक्षणा शब्द शक्ति'
- (यहाँ पर 'निरी गाय' का सामान्य अर्थ कीमती जानवर है। किंतु दिए गए वाक्य में 'निरी गाय' का अर्थ कीमती चीज से है।)
- लेखन में या बोलचाल में जब कोई शब्द अपना सामान्य अर्थ छोड़कर किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है तो वहां पर लक्षणा शब्द शक्ति की उत्पत्ति होती है।
उदाहरण-
- सिंह अखाड़े में उतर रहा है।
- (यहाँ पर 'सिंह' का सामान्य अर्थ जानवर है। किंतु दिए गए वाक्य में 'सिंह' का अर्थ वीर पुरुष से है।)
Key Points शब्द शक्ति के भेद-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
Additional Information
अभिधा शब्द शक्ति:-
उदाहरण-
व्यंजना शब्द शक्ति:-
उदाहरण-
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शब्द शक्ति Question 4:
स्थापना : “काव्य में अभिधा से ही काम चलता है। व्यंजना की शक्ति अभिधा के अभाव में पंगु है।"
तर्क : ‘अभिधा' और 'व्यंजना' की अपेक्षा लक्षणा श्रेष्ठ काव्य - सृजन में सहायक सिद्ध होती है।
इनमें से कौन-सा विकल्प सही है ?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- तर्क गलत और स्थापना सही है।
- स्थापना के लिए दिया गया तर्क संगत नहीं है क्योंकि लक्षणा श्रेष्ठ काव्य - सृजन में सहायक सिद्ध नहीं होती है।
Key Pointsलक्षणा शब्द-शक्ति-
- इसमें वाच्यार्थ को छोड़कर इससे संबंधित रुढ़ि या किसी प्रयोजन से अर्थ स्पष्ट होता है।
- उदाहरण-
- पंकज के फूल ले आओ। (यहाँ पंकज का अर्थ कमल से है, जो रूढ़ अर्थ है)
- पेट में चूहे कूद रहे हैं। (चूहे कूदना का यहाँ प्रयोजन भूख लगने से है।)
Important Pointsअभिधा शब्द शक्ति-
- जिस शब्द शक्ति से प्रचलित अर्थ का बोध हो, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।
- उदाहरण-
- दिवस का अवसान समीप था। (यहाँ दिवस का अर्थ दिन है)
व्यंजना शब्द शक्ति-
- जहाँ गूढार्थ/ व्यंग्यार्थ ध्वनित हो वहाँ व्यंजना शब्द शक्ति होती है।
- उदाहरण-
- नंद बृज लीजे ठोकि बजाय।
- इस पंक्ति में अर्थ निहित है- गोपिया व्यंग भरे शब्दों में नंद को कहती हैं कि आप अपने ब्रिज को अच्छी तरह से ठोक बजा लीजिए, अतः यहाँ व्यंग्यार्थ ध्वनित है।
Additional Informationशब्द शक्ति-
- शब्द में अर्थ को स्पष्ट करने वाले कार्य व्यापार या साधन 'शब्द शक्ति' कहलाती है।
- शब्द शक्ति के तीन प्रकार हैं-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
शब्द शक्ति Question 5:
नीचे दिए गए वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति है?
मोहन पढ़ रहा है।Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 5 Detailed Solution
- मोहन पढ़ रहा है।
- उपयुक्त वाक्यों में मुख्यार्थ ही प्रधान है।
- अतः अभिधा शक्ति हुई।
Additional Information
- अभिधा शब्द शक्ति से तात्पर्य है – शब्द को सुनने/पढ़ने के बाद श्रोता (पाठक) को शब्द को लोक प्रसिद्ध अर्थ तुरंत प्राप्त होना।
- वाक्य में अभिधा शब्द शक्ति वहां होती है, जहाँ पर वक्ता द्वारा कहे गए कथन का श्रोता दौरा ज्यों का त्यों अर्थ ग्रहण कर लिया जाता है।
- परम रम्य आराम यहँ, जो रामहिं सुख देत।
- यहाँ ‘आराम’ शब्द का अर्थ बगीची है।
- यह प्रकरण जनक की पुष्प वाटिका प्रसंग से है। ‘
- घोड़ा चर रहा है’ इस वाक्य में घोड़ा शब्द अपने मुख्य अर्थ का ही ज्ञान करा रहा है
- अतः इस वाक्य शब्द में अभिधा शब्द शक्ति ही काम कर रही है।
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साक्षात् सांकेतिक अर्थ का बोध करने वाली शब्द शक्ति को क्या कहते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- साक्षात सांकेतिक अर्थ का बोध करने वाली शब्द शक्ति को अभिधा कहा जाता है।
- अतः अभिधा सही विकल्प होगा। अन्य सभी विकल्प असंगत है।
- ’शब्दों के अर्थों का बोध कराने वाले अर्थ-व्यापारों को शब्द शक्ति कहते है।
- शब्द के तीन प्रकार के अर्थ स्वीकार किए गए हैं-
- वाच्यार्थ या अभिधेयार्थ
- लक्ष्यार्थ
- व्यंग्यार्थ
Additional Information
- शब्द को सुनने अथवा पढ़ने के पश्चात् पाठक अथवा श्रोता को शब्द का जो लोक प्रसिद्ध अर्थ तत्क्षण ज्ञात हो जाता है।
- वह अर्थ शब्द की जिस सीमा द्वारा मालूम होता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।
- जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है। वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है। जैसे -मोहन गधा है। यहां गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख।
- अभिधा और लक्षणा के विराम लेने पर जो एक विशेष अर्थ निकालता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं।
- और जिस शक्ति के द्वारा यह अर्थ ज्ञात होता है, उसे व्यंजना शब्द शक्ति कहते हैं।
- जैसे – घर गंगा में है। यहां व्यंजना है कि घर गंगा की भांति पवित्र एवं स्वच्छ है।
अभिधा और लक्षणा के असमर्थ हो जाने पर जिस शब्द शक्ति से शब्द का अर्थ लिया जाता है वह कौन सी शब्द शक्ति है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFअभिधा और लक्षणा के असमर्थ हो जाने पर जिस शब्द शक्ति से शब्द का अर्थ लिया जाता है वह व्यंजना शब्द शक्ति है।
Key Points
- शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है।
Important Points
अभिधा शब्द शक्ति:-
उदाहरण- राम पुस्तक पढ़ रहा है। व्यंजना शब्द शक्ति:-
उदाहरण- घर गंगा में है। (यहां व्यंजना है कि घर गंगा की भांति पवित्र एवं स्वच्छ है।) लक्षणा शब्द शक्ति:-
उदाहरण- सतीश गधा है। (इस वाक्य में गधा शब्द को मूर्ख शब्द के लिए प्रयुक्त किया गया है।) |
Additional Informationअलंकार:- काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहा जाता है |
छंद:- वर्णो या मात्राओं के नियमित संख्या के विन्यास को छन्द कहाँ जाता हैं।
रस:- कविता, कहानी, नाटक आदि पढ़ने, सुनने या देखने से पाठक को जो एक प्रकार के विलक्षण आनन्द की अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं।
'अभिधा शक्ति' में क्या होता है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFअभिधा शक्ति में 'वाच्यार्थ प्रकट होता है', अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प है 'वाच्यार्थ प्रकट होता है'।
स्पष्टीकरण
वह शब्द शक्ति या शब्द का व्यापार जिससे साक्षात् सांकेतिक या मुख्य अर्थ का बोध होता है। मुख्यतः प्रथम अर्थ का बोध कराने के कारण इसे 'मुख्य या अभिधा' कहते हैं और इससे निकलने वाला मुख्य अर्थ ही वाच्यार्थ है।
विशेष
अभिधा - मुख्य अर्थ का बोध कराने वाली वृत्ति या शक्ति को अभिधा कहते हैं।
शब्द की तीन शक्तियाँ हैं - अभिधा, लक्षणा और व्यंजना
शब्द तीन प्रकार के होते हैं - वाचक, लक्षक और व्यंजक, इनसे क्रमशः तीन प्रकार के अर्थ प्रकट होते हैं - वाच्यार्थ, लक्ष्यार्थ तथा व्यंग्यार्थ
इन तीनों अर्थों का बोध तीन प्रकार की शक्तियों - अभिधा, लक्षणा और व्यंजना द्वारा होता है।
सही विकल्प चुनें:
______ से व्यंग्यार्थ का बोध होता है |
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFव्यंजना शब्द शक्ति से व्यंग्यार्थ का बोध होता है. अत: सही उत्तर विकल्प 3 व्यंजना शब्द शक्ति है. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं.
- कविता का ऐसा गूढ़ अर्थ जिसमें एक बात के भीतर कई अर्थ समाहित हो, व्यंजना शब्द शक्ति कह्लाता है.
- व्यंजना शब्द शक्ति के 2 मुख्य भेद हैं - शाब्दी व्यंजना और आर्थी व्यंजना
शब्द शक्ति |
शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं. |
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अभिधा |
वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है। |
हिन्दी एक भाषा है।
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लक्षणा |
यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है। |
रामू शेर है।
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व्यंजना |
व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है। |
सुबह के 08:00 बज गये
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प्रत्येक शब्द से निकलने वाले अर्थ का बोध कराने वाली शक्ति को क्या कहते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "शब्द शक्तियां" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है।
- यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है।
- शब्द शक्ति के प्रकार
- अभिधा
- वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।
- लक्षणा
- यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है।
- व्यंजना
- व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है।
- अभिधा
- अलंकार
- काव्य का सौंदर्य व शोभा बढ़ाने वाले तत्व अलंकार कहलाते हैं।
- आभूषण जो शरीर का सौंदर्य बढ़ाने के लिए धारण किए जाते हैं। ” काव्यशोभा करान धर्मानअलंकारान प्रचक्षते ।”
- रीतियाँ
- आचार्य वामन ने रीति के तीन भेद तय किये हैं– वैदर्भी रीति, गौडी रीति, पाञ्चाली रीति।
- काव्य गुण
- काव्य में आन्तरिक सौन्दर्य तथा रस के प्रभाव एवं उत्कर्ष के लिए स्थायी रूप से विद्यमान मानवोचित भाव और धर्म या तत्व को काव्य गुण या शब्द गुण कहते हैं।
- यह काव्य में उसी प्रकार विद्यमान होता है, जैसे फूल में सुगन्ध।
- अर्थात् काव्य में श्लेष, प्रसाद, समता, माधुर्य, सुकुमारता, अर्थव्यक्ति, उदारता, ओज, कान्ति और समाधि ये दस गुण होते हैं।
नीचे दिए गए वाक्य में कौन-सी शब्द शक्ति है?
मोहन पढ़ रहा है।Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- मोहन पढ़ रहा है।
- उपयुक्त वाक्यों में मुख्यार्थ ही प्रधान है।
- अतः अभिधा शक्ति हुई।
Additional Information
- अभिधा शब्द शक्ति से तात्पर्य है – शब्द को सुनने/पढ़ने के बाद श्रोता (पाठक) को शब्द को लोक प्रसिद्ध अर्थ तुरंत प्राप्त होना।
- वाक्य में अभिधा शब्द शक्ति वहां होती है, जहाँ पर वक्ता द्वारा कहे गए कथन का श्रोता दौरा ज्यों का त्यों अर्थ ग्रहण कर लिया जाता है।
- परम रम्य आराम यहँ, जो रामहिं सुख देत।
- यहाँ ‘आराम’ शब्द का अर्थ बगीची है।
- यह प्रकरण जनक की पुष्प वाटिका प्रसंग से है। ‘
- घोड़ा चर रहा है’ इस वाक्य में घोड़ा शब्द अपने मुख्य अर्थ का ही ज्ञान करा रहा है
- अतः इस वाक्य शब्द में अभिधा शब्द शक्ति ही काम कर रही है।
प्रयोजनवती लक्षणा के भेद हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रयोजनवती लक्षणा का भेद गौणी - शुद्धा हैं।
- लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है। लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
Key Points प्रयोजनवती लक्षणा
- वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
जैसे-
- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं-
- गौणी
- शुद्धा
Additional Information
गौणी लक्षणा
- गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
शुद्धा लक्षणा
- शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है।
शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं-
- उपादान लक्षणा,
- लक्षणलक्षणा
- सारोपा लक्षणा
- साध्यावसाना लक्षणा
उपादान लक्षणा
- जहाँ वाक्यार्थ की संगति के लिए अन्य अर्थ के लक्षित किए जाने पर भी अपना अर्थ न छूटे वहाँ उपादानलक्षणा होती है।
- उपादान का अर्थ है ग्रहण-लेना। इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग नहीं होता है।
- जैसे, 'पगड़ी की लाज रखिये। लक्ष्यार्थ होता है पगड़ीधारी की लाज।
- यहाँ पगड़ी अपना अर्थ न छोड़ते हुए पगड़ीधारी का आक्षेप करता है।
- यहाँ दोनों साथ-साथ हैं। अत: उपादान लक्षणा है।
जब कोई शब्द अपने मुख्यार्थ को बाधित करके अन्य अर्थ को बताए तब उसमें कौन-सी शब्द शक्ति होती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- जहां मुख्य अर्थ में बाधा उपस्थित होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन के आधार पर मुख्य अर्थ से सम्बन्धित अन्य अर्थ को लक्ष्य किया जाता है, वहां लक्षणा शब्द शक्ति होती है।
- जैसे -मोहन गधा है।
- यहां गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख।
व्यंजना शब्द शक्ति
- व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है।
- इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।
- जैसे- सुबह के 08:00 बज गये।
- यहाँ वाक्य साधारण है लेकिन इसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न अर्थ है।
- उदाहरण से समझें तो किसी कार्यालय में अगर कर्मचारी आपस में बात करते हुए कहे 08:00 बज गए हैं’ तो उससे संभावित अर्थ यह निकलता है कि अब कार्यालय बंद होने का समय आ गया है, हमें अब अपना काम समेटना चाहिए।
- यह अर्थ व्यंजना से संबंधित है।
अभिधा शब्द
- जिस शब्द शक्ति से प्रचलित अर्थ का बोध हो, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं–
- जैसे- दिवस का अवसान समीप था।
- (यहाँ - दिवस का अर्थ दिन है)
आर्थी व्यंजना शब्द शक्ति
- जो शब्दशक्ति वक्ता (कहने वाला), बोद्धव्य (जिससे बात की जाए), वाक्य, अन्य-संनिधि, वाच्य (वक्तव्य), प्रस्ताव (प्रकरण), देश काल, चेष्टा आदि की विशेषता के कारण व्यंग्यार्थ की प्रतीति कराती है वह आर्थी व्यंजना कही जाती है।
- इस व्यंजना से सूचित व्यंग्य अर्थजनित होने से अर्थ होता है।
शब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो, वहाँ कौन-सी शब्द शक्ति होती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFशब्द की जिस शक्ति से उसके संकेतित अर्थ का बोध हो,वहाँ-1)अभिधा शब्द शक्ति होती है।
Important Points
- हिन्दी व्याकरण में किसी वाक्य के भाव को समझने के लिए प्रयुक्त अर्थ को शब्द शक्ति कहा जाता है।
- शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्द शक्ति कहलाती है।
- शब्दशक्ति तीन प्रकार की होती है-
- अभिधा
- लक्षणा
- व्यंजना
Additional Information
- वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं।
- इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।
- उदाहरण-मोहन पुस्तक पढ़ रहा है।
किस शब्द शक्ति की प्रतीति सबसे पहले हुआ करती है?
Answer (Detailed Solution Below)
शब्द शक्ति Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFअभिधा शब्द शक्ति की प्रतीति सबसे पहले हुआ करती है।
- क्योंकि अभिधा में बात सीधी कही जाती है इसमें मुख्यार्थ बाधित नही होता है।
- अर्थात जैसे दिखा, वैसा लिखा अभिधा कहलाती है।
- परिभाषा - शब्द की वह शक्ति जिससे वाच्यार्थ और लक्ष्यार्थ के सिवा कुछ विशेष अर्थ निकलते हैं
- वाक्य में प्रयोग - व्यंजना के कारण सवेरा हो गया से अलग-अलग लोग अलग-अलग अर्थ निकालते हैं ।
- समानार्थी शब्द - व्यञ्जना
- लिंग - स्त्रीलिंग
अभिधा
- परिभाषा - शब्द की तीन शक्तियों में से एक
- वाक्य में प्रयोग - अभिधा वह शक्ति है जिसके द्वारा शब्दों से सीधा-साधा अर्थ निकलता है ।
- लिंग - स्त्रीलिंग
लक्षणा
- परिभाषा - शब्द की वह शक्ति जिससे उसका अर्थ लक्षित हो
- वाक्य में प्रयोग - लक्षणा दो प्रकार की होती है, निरूढ़ और प्रयोजनवती ।
- लिंग - स्त्रीलिंग