स्वर MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for स्वर - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Apr 6, 2025
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स्वर Question 1:
‘ऋ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 1 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 ह्रस्व स्वर सही उत्तर है।
Key Points
ह्रस्व स्वर- जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
ह्रस्व स्वर चार होते है -अ इ उ ऋ। 'ऋ' की मात्रा (ृ) के रूप में लगाई जाती है तथा उच्चारण 'रि' की तरह होता है।
अन्य विकल्प:
संयुक्त वर्ण:
• जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।
• संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।
• संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है
• इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।
• संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-
क्ष - क् + ष + अ = क्ष
त्र - त् + र् + अ = त्र
ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ
श्र - श् + र् + अ = श्र
घोष- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।
इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।
ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है। उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।
स्वर Question 2:
कंठोष्ठ्य दीर्घ स्वर वर्ण का उदाहरण कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 2 Detailed Solution
- ‘औ’ कंठोष्ठ्य दीर्घ स्वर वर्ण का उदाहरण है।
Key Points
कंठ्य ध्वनि | अ, आ, क वर्ग |
तालव्य ध्वनि | इ, ई, च वर्ग, श, य |
मूर्धन्य ध्वनि | ट वर्ग, र, ष |
दंत्य ध्वनि | त वर्ग, ल, स |
ओष्ठ्य ध्वनि | प वर्ग |
कंठ-तालव्य ध्वनि | ए, ऐ |
कंठोष्ठ्य ध्वनि | ओ,औ |
स्वर Question 3:
किन स्वर वर्णों का उच्चारण स्थान कंठ है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से ‘अ, आ’ का उच्चारण स्थान कंठ है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1 ‘अ, आ’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।
Key Points
कंठस्थ वर्ण |
अ, आ, अ:, क, ख, ग, घ, ङ, ह |
तालव्य वर्ण |
इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ, य, श |
दंत्य वर्ण |
त, थ, द, ध, न, ल, स |
ओष्ठ्य वर्ण |
उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म |
Additional Information
व्यंजन |
व्यंजन उन वर्णों को कहते हैं जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से होता है। इनके तीन भेद हैं: |
स्पर्श व्यंजन |
क वर्ग, च वर्ग, त वर्ग, ट वर्ग और प वर्ग, कुल = 25 वर्ण |
अंत:स्थ व्यंजन |
य, र, ल, व, कुल = 4 |
ऊष्म व्यंजन |
श, ष, स, ह, कुल = 4 |
स्वर Question 4:
इनमें से सघोष व्यंजन कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 4 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से 'ज' सही उत्तर है।
- फ - अघोष व्यंजन
- थ - अघोष व्यंजन
- ऊ - सघोष स्वर
Key Points
सघोष
जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन होता है उसे संघोष कहा जाता है। जैसे - ग, ध, ड़, ज, झ, ड, ढ, ण, द, ध, न, ब, भ आदि।
व्यंजन:
- जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। क, ख, ग, घ आदि।
- स्पर्श व्यंजन- च, छ, ज, ट, ठ आदि।
- ऊष्म व्यंजन- श, ष, स, ह आदि।
- अंतःस्थ व्यंजन- य, र, ल, व आदि।
- संयुक्त व्यंजन- क्ष, त्र, ज्ञ आदि।
- आगत व्यंजन- ज़, फ़ आदि।
- अनुनासिक- ङ, ञ, ण, न, म
Additional Information
व्यंजन की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण स्वर की सहायता से किया जाता है वे व्यंजन वर्ण कहलाते हैं। |
क, ख, ग, घ आदि |
स्पर्श व्यंजन |
च, छ, ज, ट, ठ आदि। |
ऊष्म व्यंजन |
श, ष, स, ह आदि। |
अंतःस्थ व्यंजन |
य, र, ल, व आदि। |
संयुक्त व्यंजन |
क्ष, त्र, ज्ञ आदि। |
आगत व्यंजन |
ज़, फ़ आदि |
अनुनासिक |
ङ, ञ, ण, न, म |
श्वास की मात्रा के आधार पर दो भागों में बांटा गया है- अल्पप्राण और महाप्राण। |
क्रमशः- क, ब, प, म और ख, घ, छ, झ आदि |
उच्चारण में ध्वनि गूंज के आधार पर भी इनके दो भेद किए गए हैं- घोष और अघोष व्यंजन। |
क्रमशः- ग, घ, ज, झ और क, ख, च, छ आदि। |
स्वर Question 5:
निम्न में से गलत जोड़ी पहचानिए।
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 5 Detailed Solution
उपरोक्त विकल्पों में से पश्व स्वर – अ गलत जोड़ी है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः विकल्प 2 पश्व स्वर – अ सही उत्तर है।
Key Points
जिह्रा का कौन-सा अंश उच्चारण में उठता है, इस आधार पर स्वरों के भेद निम्नलिखित हैं- |
स्वर Question 6:
हिन्दी में स्वरों के कितने प्रकार हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 6 Detailed Solution
स्वर तीन प्रकार के होते हैं, मूल स्वर, दीर्घ स्वर तथा प्लुत स्वर। अतः सही विकल्प 3 है।
स्वर के मुख्य तीन प्रकार के होते है। उच्चारण और अन्य आधार पर उनमे अंतर होता है। Key Points
हिन्दी में उत्पत्ति के आधार पर स्वरों की संख्या - 2 मानी गयी है| मूल स्वर तथा सन्धय स्वर (दीर्घ, संयुक्त स्वर)|
हिन्दी में मात्र के आधार पर / उच्चारण के समय के आधार पर -स्वरों की संख्या 3 मानी गयी है - ह्रस्व , दीर्घ तथा प्लुत स्वर|
Additional Information
जिन वणों का उच्चारण बिना किसी अवरोध के तथा बिना किसी दूसरे वण८ की सहायता से होता है ,उन्हें स्वर कहते है। जैसे -अ,आ इ,ई,उ,ऊ,(ऋ),ए,ऐ,ओ,औ । |
स्वर Question 7:
‘ज्ञ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 7 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 संयुक्त वर्ण सही उत्तर है।
Key Points
संयुक्त वर्ण:
- जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।
- संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।
- संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है
- इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।
- संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-
क्ष - क् + ष + अ = क्ष
त्र - त् + र् + अ = त्र
ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ
श्र - श् + र् + अ = श्र
अन्य विकल्प:
हृस्व स्वर- जिन स्वरो के उच्चारण में कम समय लगता है, वे हृस्व स्वर होते हैं। जैसे- अ, इ, उ आदि।
घोष- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।
इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।
ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है। उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।
Additional Information
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
हृस्व स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं। |
अ, इ, उ, ए आदि |
दीर्घ स्वर - जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों से दुगुना समय लगता है उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं। |
आ, ई, ऊ, ऐ आदि |
प्लुत स्वर - वे स्वर जिनके उच्चारण में दीर्घ स्वर से भी अधिक समय यानी तीन मात्राओं का समय लगता है, प्लुत स्वर कहलाते हैं। |
ॐ |
स्वर Question 8:
‘उ’ ध्वनि किस स्वर के अंतर्गत आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 8 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 हृस्व स्वर सही उत्तर है।
Key Points
हृस्व स्वर-
• जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगता हैं, उन्हें ह्रस्व स्वर कहते हैं।
• ये चार हैं- अ, इ, उ, ऋ। इन्हें मूल स्वर भी कहते हैं।
• ह्स्व स्वर चार होते है -अ आ उ ऋ। 'ऋ' की मात्रा (ृ) के रूप में लगाई जाती है तथा उच्चारण 'रि' की तरह होता है।
अन्य विकल्प:
संयुक्त वर्ण:
• जो व्यंजन 2 या 2 से अधिक व्यंजनों के मिलने से बनते हैं उन्हें संयुक्त व्यंजन कहा जाता है।
• संयुक्त व्यंजन एक तरह से व्यंजन का ही एक प्रकार है।
• संयुक्त व्यंजन में जो पहला व्यंजन होता है वो हमेशा स्वर रहित होता है
• इसके विपरीत दूसरा व्यंजन हमेशा स्वर सहित होता है।
• संयुक्त व्यंजन की हिंदी वर्णमाला में कुल संख्या 4 है-
क्ष - क् + ष + अ = क्ष
त्र - त् + र् + अ = त्र
ज्ञ - ज् + ञ + अ = ज्ञ
श्र - श् + र् + अ = श्र
घोष- वह व्यंजन होतें हैं जिनका उच्चारण करते समय स्वर तंत्रियाँ झंकृत होती हैं। जैसे- ग, घ, ज, झ आदि।
इनके उच्चारण में केवल नाद का उपयोग होता है।
ओष्ठ्य वर्ण- जिन वर्णों का उच्चारण में दोनों होठों का प्रयोग किया जाता है।
उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म आदि ओष्ठ्य वर्ण हैं।
Additional Information
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
हृस्व स्वर - ह्रस्व स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल एक मात्रा होता है। इनका उच्चारण बहुत कम समय में होता है। |
अ, इ, उ, आदि |
दीर्घ स्वर - जिन स्वरों का उच्चारण करने के लिए दो मात्रा समय लगता है वे दीर्घ स्वर कहलाते हैं। इनका उच्चारण किंचित् लंबा करते हैं। |
आ, ई, ऊ, ऐ आदि |
प्लुत स्वर - प्लुत स्वर वे होते हैं जिनका उच्चारण काल तीन मात्राएं होता है। प्लुत स्वरों का उच्चारण कुछ ज्यादा ही लंबा होता है। यानी दीर्घ से भी ज्यादा। |
ॐ |
स्वर Question 9:
निम्नलिखित में से कौन सा स्वर कंठतालव्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 9 Detailed Solution
दिये गए विकल्पों में से 'ए' सही उत्तर है।
Key Points
कंठतालव्य स्वर
- इनका उच्चारण कंठ और तालु स्थानों से मिलकर होता है।
- शिक्षा में 'ए' और 'ऐ' को कंठतालव्य वर्ण या कंठतालव्य कहते हैं ।
स्वर
- ये स्वतंत्र रूप से बोले जाने वर्ण है। उच्चारण स्थान एवं उच्चारण प्रकार के अनुसार इनको विभाजित किया गया है।
- ह्रस्व - अ, इ, उ
- दीर्घ -आ, ई, ऊ, ए, औ, ओ, ऑ
- प्लुत - ओउम
- अग्र - इ, ई, ए, ऐ
- मध्य-अ
- पश्च- आ, उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
- विवृत - आ
- अर्ध विवृत - अ, ऐ, औ, ऑ
- अर्धसंवृत - ए, ओ
- संवृत्त - इ, ई, उ,ऊ
- अवृतमुखी - अ, आ, इ, ई, ए, ऐ
- वृतमुखी - उ, ऊ, ओ, औ, ऑ
- मौखिक - अ, आ, इ
- अनुनासिक- अँ, आँ, इँ
उच्चारण स्थान तालिका
क्रम |
वर्ण |
उच्चारण |
श्रेणी |
1. |
अ, आ, क् ख् ग् घ्, ङ्, ह्, विसर्ग (:) |
कंठ और जीभ का निचला भाग |
कंठ्य |
2. |
इ, ई, च् छ् ज् झ् ञ्, य्, श |
तालु और जीभ |
तालव्य |
3. |
ऋ ट् ठ् ड् ढ् ण् ड़् ढ़् र् ष् |
मूर्धा और जीभ |
मूर्धन्य |
4. |
त् थ् द् ध् न् ल् स् |
दाँत और जीभ |
दंत्य |
5. |
उ ऊ प् फ् ब् भ् म |
दोनों होंठ |
ओष्ठ्य |
6. |
अं,ङ्, ञ़्, ण्, न्, म् |
नासिका |
अनुनासिक |
7. |
ए ऐ |
कंठ तालु और जीभ |
कंठतालव्य |
9. |
ओ औ |
कंठ जीभ और होंठ |
कंठोष्ठ्य |
10. |
व् |
दाँत जीभ और होंठ |
दंतोष्ठ्य |
Additional Information
स्वर की परिभाषा |
उदाहरण |
जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध और बिना किसी अन्य वर्ण की सहायता से किया जाता है वे स्वर वर्ण कहलाते हैं। स्वर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। |
अ, आ, ई, इ, ए आदि |
हृस्व |
अ, इ, उ, ए आदि |
दीर्घ |
आ, ई, ऊ, ऐ आदि |
प्लुत |
ॐ |
स्वर Question 10:
किन वर्णों का उच्चारण स्थान तालु है :
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर Question 10 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘इ, ई’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
- उपर्युक्त विकल्पों में 'इ, ई' का उच्चारण स्थान तालु है।
- अन्य तालव्य वर्ण हैं - च, छ, ज, झ, ञ, य, श।
- तालव्य व्यंजन वो व्यंजन होते हैं जिनके उच्चारण में जीभ के पिछले भाग को तालू से संघर्ष करना पड़ता है।
- अन्य विकल्प अनुचित हैं।
Additional Information
-
कंठस्थ वर्ण- अ, आ, अ:, क, ख, ग, घ, ङ, ह
-
तालव्य वर्ण- इ, ई, च, छ, ज, झ, ञ, य, श
-
दंत्य वर्ण- त, थ, द, ध, न, ल, स
-
ओष्ठ्य वर्ण- उ, ऊ, प, फ, ब, भ, म
-
अनुनासिक – ङ , ञ , ण , न , म
-
कंठोष्ठ्य - ओ, औ
-
दन्तोष्ठ्य – व