Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से ‘माधुर्य गुण' का उदाहरण नहीं है :
Answer (Detailed Solution Below)
देखि सुदामा की दीन दसा
करुना करि कै करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं,
नैनन के जल सों पग धोये।।
Detailed Solution
Download Solution PDF‘माधुर्य गुण' का उदाहरण नहीं है-
देखि सुदामा की दीन दसा
करुना करि कै करुनानिधि रोये।
पानी परात को हाथ छुयो नहिं,
नैनन के जल सों पग धोये।।
- यह पंक्तियाँ नरोत्तमदास जी ने सुदामा चरित को लेकर लिखी है।
Key Pointsकामायनी-
- रचनाकार-जयशंकर प्रसाद
- प्रकाशन वर्ष-1935 ई.
- विधा-काव्य
- मुख्य पात्र-
- मनु, श्रद्धा, इड़ा, कुमार, मानव आदि।
- मुख्य-
- इसमें 15 सर्ग हैं- चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा, कर्म, ईर्ष्या, इड़ा आदि।
- इसकी कथावस्तु का आधार ऋग्वेद, छान्दोग्य उपनिषद, शतपथ ब्राह्मण तथा श्रीमद्भगवद है।
- इसका मुख्य रस शांत रस है।
Important Pointsमाधुर्य गुण-
- किसी काव्य को पढने या सुनने से ह्रदय में जहाँ मधुरता का संचार होता है, वहाँ माधुर्य गुण होता है।
- यह गुण विशेष रूप से श्रृंगार, शांत, एवं करुण रस में पाया जाता है।
Additional Informationसूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म-1889-1961 ई.
- रचनाएँ-
- अनामिका(1923 ई.)
- परिमल(1930 ई.)
- गीतिका(1936 ई.)
- तुलसीदास(1938 ई.)
- कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
- नए पत्ते(1946 ई.) आदि।
Last updated on Jul 12, 2025
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