Question
Download Solution PDFस्तंभ X क्रमविकास के सुझावों तथा प्रस्तावित करनें वाले वैज्ञानिकों को दर्शाते है, तथा स्तंभ Y इन सुझावों के व्याख्याओं की सूची प्रदान करते है।
स्तंभ X |
स्तंभ Y |
||
A. |
जूलियन हक्सले द्वारा आधुनिक संश्लेषण |
I. |
एक प्रसंभाव्य प्रक्रिया जहां समय काल में पीछे खोजनें पर वंशावलीया यादृच्छिक वंश संबन्धता दर्शाते है। |
B. |
चार्ल्स डार्विन द्वारा जातिवृत्तीय क्रमिकता |
II. |
भूगर्भीय अवसादी परतों के बीच क्रमविकासिय परिवर्तनें तात्कालिकता से दिख जाते है। |
C. |
स्टीफेन जे गोउल्ड तथा नील्स एल्ड्रेज द्वारा पंक्चुएटेड (विरामित) साम्यवस्था |
III. |
मेन्डेलियन आनुवंशिकी, जनसंख्या आनुवंशिकी के बीच संयोग तथा चयन सिद्धान्त |
D. |
सम्मिलित प्रतिदर्श (से प्रेरित) राइट - फिशर प्रतिदर्श |
IV. |
पूर्वज प्रजाति के अनुक्रमिक रूपान्तरण से नये प्रजाति उत्पन्न हुए है। |
निम्नांकित कौन सा एक विकल्प स्तंभ X तथा स्तंभ Y के बीच सभी सही मेलों को दर्शाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 1 अर्थात A - iii, B - iv, C - ii, D - i है।
Key Points
A: जूलियन हक्सले द्वारा आधुनिक संश्लेषण
- मेंडेलियन आनुवंशिकी, जनसंख्या आनुवंशिकी और चयन सिद्धांत के बीच संश्लेषण।
- जूलियन हक्सले ने 1942 में अपनी पुस्तक इवोल्यूशन: द मॉडर्न सिंथेसिस में इस शब्द को गढ़ा था।
- 20 वीं शताब्दी के प्रारम्भ में जनसंख्या आनुवंशिकी में विकास के बारे में कई प्रमुख विचार एक साथ आए, जिससे आधुनिक संश्लेषण का निर्माण हुआ, जिसमें आनुवंशिक भिन्नता, प्राकृतिक चयन और कणिकीय (मेंडेलियन) वंशागति शामिल है।
B: चार्ल्स डार्विन द्वारा जातिवृत्तीय क्रमिकता
- नई प्रजातियाँ पैतृक प्रजातियों के क्रमिक परिवर्तन से उत्पन्न होती हैं।
- फीलेटिक क्रमिकतावाद का प्रस्ताव चार्ल्स डार्विन ने दिया था। यह मानता है कि प्राकृतिक चयन प्रजनन स्टॉक से कम फिट व्यक्तियों को प्राथमिकता से हटाकर धीरे-धीरे एक प्रजाति की औसत विशेषताओं को बदलता है।
C: स्टीफेन जे गोउल्ड तथा नील्स एल्ड्रेज द्वारा पंक्चुएटेड (विरामित) साम्यवस्था
- भूवैज्ञानिक तलछटी परतों के बीच विकासात्मक परिवर्तन तात्कालिक रूप से प्रकट होता है।
- विरामित संतुलन का मानना है कि अधिकांश प्रजातियाँ संक्षिप्त भूवैज्ञानिक अवधियों (विराम चिह्नों) के दौरान जनसंख्या के विभाजन से उत्पन्न होती हैं।
- और इसके बाद प्रजातियां अपने शेष अस्तित्व के लिए केवल अपेक्षाकृत मध्यम रूपात्मक परिवर्तन (स्थिरता) के साथ बनी रहती हैं।
- "झटकों द्वारा विकास", जैसा कि विरामित संतुलन को स्पष्ट रूप से नामित किया गया है, आमतौर पर फाइटेटिक क्रमिकतावाद ("रेंगने से विकास") के विपरीत है।
- जिसमें कहा गया है कि प्रजातियाँ बड़ी आबादी के क्रमिक परिवर्तन से समान रूप से और धीरे-धीरे विकसित होती हैं।
- 1972 में जीवाश्म विज्ञानी नाइल्स एल्ड्रिज और स्टीफन जे गोल्ड द्वारा संयुक्त रूप से प्रस्तावित।
D: सम्मिलित प्रतिदर्श (से प्रेरित) राइट - फिशर प्रतिदर्श
- एक स्टोकेस्टिक प्रक्रिया जिसमें वंशावलियों को समय में पीछे खोजने पर यादृच्छिक आनुवंशिक संबंध प्रदर्शित होते हैं।
- कोलेसेंट मॉडल राइट-फिशर मॉडल के गहन विश्लेषण का परिणाम है।
- यह विकासवादी इतिहास में संलयन घटनाओं की आवृत्ति और वितरण का विश्लेषण करता है।
- ये घटनाएँ हाल के दिनों में उच्चतम दर के साथ एक चरघातांकी वितरण का अनुमान लगाती हैं।
संशोधित तालिका:
स्तंभ X |
स्तंभ Y |
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A. |
जूलियन हक्सले द्वारा आधुनिक संश्लेषण |
I. |
मेन्डेलियन आनुवंशिकी, जनसंख्या आनुवंशिकी के बीच संयोग तथा चयन सिद्धान्त
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B. |
चार्ल्स डार्विन द्वारा जातिवृत्तीय क्रमिकता |
II. |
पूर्वज प्रजाति के अनुक्रमिक रूपान्तरण से नये प्रजाति उत्पन्न हुए है।
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C. |
स्टीफेन जे गोउल्ड तथा नील्स एल्ड्रेज द्वारा पंक्चुएटेड (विरामित) साम्यवस्था |
III. |
भूगर्भीय अवसादी परतों के बीच क्रमविकासिय परिवर्तनें तात्कालिकता से दिख जाते है। |
D. |
सम्मिलित प्रतिदर्श (से प्रेरित) राइट - फिशर प्रतिदर्श |
IV. |
एक प्रसंभाव्य प्रक्रिया जहां समय काल में पीछे खोजनें पर वंशावलीया यादृच्छिक वंश संबन्धता दर्शाते है। |
अतः विकल्प 1: A - iii, B - iv, C - ii, D - i सही है।
Last updated on Jun 23, 2025
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