Question
Download Solution PDFविलयन में स्पेक्ट्रमी प्रतिदीप्तिमापी निर्धारण के लिए
A. विश्लेष्य के विलयन का अवशोषणांक 0.05 के आसपास रखते हैं।
B. विलयन से आक्सीजन को उन्मूलित कर देते हैं।
C. विलयन की pH को नियंत्रित करते हैं।
D. आपतित प्रकाश किरण की तरंग दैर्ध्य 400 nm से सदा अधिक होती है।
उपरोक्त से सही उत्तर है
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसंप्रत्यय:-
स्पेक्ट्रोफ्लोरोमीट्री एक ऐसी तकनीक है जिससे किसी पदार्थ द्वारा विद्युतचुम्बकीय विकिरण के अवशोषण पर प्रकाश के उत्सर्जन का पता लगाया जाता है।
धातु संकुलों और उनके द्वारा बनाए गए धातु आयन द्वारा अवशोषित प्रकाश की मात्रा अक्सर भिन्न होती है।
अवशोषण में परिवर्तन की गणना करके धातु संकुलों की स्थायित्व निर्धारित किया जाता है।
बीयर के नियम के अनुसार:-
\(A=\epsilon lc\),
जहाँ A= प्रकाश का अवशोषण,
\(\epsilon\) = मोलर विलोपन गुणांक,
c= नमूना सांद्रता और l= नमूने की प्रकाशिक पथ लंबाई
व्याख्या:-
- स्पेक्ट्रोफोटोमीटर प्रकाश की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग करता है अर्थात UV परास (185-400nm), दृश्यमान (400-700), और IR (700-15000nm).
- यह pH, ऑक्सीजन के प्रति संवेदनशील है
- एक स्पेक्ट्रोफोटोमीटर के अवशोषण की सीमा 0.1 से 1 तक होती है
निष्कर्ष:-
इसलिए, उपरोक्त में से सही कथन A, B, और C हैं।
Last updated on Jun 23, 2025
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