दो परिनालिका S1 और S2 की लंबाई समान है और परिनालिका S1 को परिनालिका S2 के अंदर समाक्षीय रूप से रखा गया है। दोनों परिनालिकाओं का अन्योन्य प्रेरकत्व____________समानुपाती होता है।

  1. आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या का वर्ग
  2. बाहरी परिनालिका की त्रिज्या का वर्ग
  3. आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या
  4. बाहरी परिनालिका की त्रिज्या

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या का वर्ग
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All India Agniveer Army GD: Ultimate Live Test - 04
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अवधारणा:

अन्योन्य प्रेरकत्व

  • जब दो कुण्डलियाँ एक दूसरे के समीप लायी जाती हैं तो एक कुण्डली का चुंबकीय क्षेत्र दूसरे से जुड़ने की प्रवृत्ति रखता है। यदि पहली कुंडली के इस चुंबकीय क्षेत्र को बदल दिया जाता है तो दूसरी कुंडली से जुड़े चुंबकीय अभिवाह में परिवर्तन होता है और इससे दूसरी कुंडली में वोल्टेज उत्पन्न होता है।
  • कुंडली का यह गुण जो द्वितीयक कुंडली में धारा और वोल्टेज को प्रभावित करता है या बदल देता है, अन्योन्य प्रेरकत्व कहलाता है।
  • अन्योन्य प्रेरकत्व की SI इकाई हेनरी है।
  • मान लीजिए N1 और N2 फेरों की संख्या वाली दो कुण्डलियाँ एक-दूसरे के पास रखी गई हैं। फिर कुंडली 2 के संबंध में कुंडली 1 का अन्योन्य प्रेरकत्व इस प्रकार होगा-

\(⇒ M_{12}=N_{1}\frac{ϕ_{1}}{I_{2}}\)

जहाँ N1 = कुंडली 1 में फेरों की संख्या, ϕ1 =कुंडली 1 से जुडा अभिवाह, और  I2 कुंडली 2 में धारा

दो समाक्षीय रूप से रखी परिनालिका के लिए अन्योन्य प्रेरकत्व है:

  • मान लीजिए कि समान लंबाई की दो परिनालिका S1 और S2 को समाक्षीय रूप से रखा गया है जैसा कि आकृति में दिखाया गया है।
  • परिनालिका S1 को परिनालिका S2 के अंदर रखा गया है।
  • दोनों परिनालिका का अन्योन्य प्रेरकत्व समान होगा और यह इस प्रकार दिया गया है,

\(⇒ M_{12} = M_{21} = μ_on_1n_2πr_{1}^{2}l\)

μr, की सापेक्ष पारगम्यता वाले माध्यम के लिए

\(⇒ M_{12} = M_{21} = \mu_rμ_on_1n_2πr_{1}^{2}l\)

जहाँ n1 = कुंडली 1 की प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या , n2 = परिनालिका 2  की प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या, r1 =आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या, और l = दोनों परिनालिका की लंबाई

F1 Shraddha Prabhu 31.05.2021 D2

व्याख्या

  • हम जानते हैं कि यदि समान लंबाई के दो परिनालिकाएं हों और एक परिनालिका को दूसरे परिनालिका के अंदर समाक्षीय रूप से रखा जाए तो परिनालिका 2 के संबंध में परिनालिका 1 का अन्योन्य प्रेरकत्व परिनालिका 1 के संबंध में परिनालिका 2 के अन्योन्य प्रेरकत्व के बराबर होगा।
  • दोनों परिनालिका का  अन्योन्य प्रेरकत्व इस प्रकार दिया गया है,

\(⇒ M_{12} = M_{21} =M= μ_on_1n_2πr_{1}^{2}l\)

\(⇒ M∝ r_{1}^{2}\)

⇒ M ∝ आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या का वर्ग     -----(1)

जहाँ n1 = कुंडली 1 की प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या , n2 = परिनालिका 2  की प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या, r1 =आंतरिक परिनालिका की त्रिज्या, और l = दोनों परिनालिका की लंबाई

  • अतः विकल्प 1 सही है।
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Last updated on Jul 4, 2025

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