को तुम?  हैं घनस्याम हम, तो बरसो कित जाय।

नहि मनमोहन हैं प्रिय, दिर क्यों पकरत पाँय। - में निम्न में से कौनसा अलंकार है?

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MP Jail Prahari Previous Paper 1 (Held On: 30 Sep 2018 Shift 1)
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  1. रूपक अलंकार
  2. अतिश्याक्ति अलंकार
  3. वक्रोक्ति अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वक्रोक्ति अलंकार
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MP Forest Guard Previous Year Paper (Held on: 18th July 2017 Shift 1)
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को तुम?  हैं घनस्याम हम, तो बरसो कित जाय।

नहि मनमोहन हैं प्रिय, दिर क्यों पकरत पाँय। - में निम्न में से कौन-सा अलंकार है?

इन पंक्तियों में वक्रोक्ति अलंकार है। 

Key Points पंक्तियों का भाव-

  • इन पंक्तियों में बाहर से आनेवाले कृष्ण से राधा पूछती है- कौन तुम?
  • कृष्ण कहते है- ‘हम घनश्याम है।'
  • जवाब मिलने पर राधा कहती है कि ‘घनश्याम अर्थात् काला बादल  हो तो कही जाकर बरसो।
  • कहने का अर्थ है- जब श्री कृष्ण राधा को अपना नाम घनश्याम बताते है तो वह उसका अर्थ 'काले बादल' से समझती है और उन्हें कही जाकर वर्षा करने को कहती है। 
  • यहाँ घनश्याम का अर्थ सीधे रूप से नाम ने समझकर, गलत अर्थ 'काले बादल' में समझा गया है। इसलिए यहाँ वक्रोक्ति अलंकार है। 

वक्रोक्ति अलंकार-

  • जब सुननेवाला व्यक्ति, कहने वाले व्यक्ति की बातों का गलत अर्थ निकलता है, तब वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है। 
  • अर्थात् बात को सीधे समझने की जगह उसका उल्टे या टेढ़े अर्थ में समझना। 
  • जैसे-
    • कई बार हमारे मित्र बात सही कर रहे होते है परंतु हम उन बातों का अर्थ गलत निकाल लेते है।  
  • उदाहरण-
    • एक कह्यौ वर देत भव भाव चाहिए चित्त।
      सुनि कह कोउ भोले भवहिं भाव चाहिए मित्त।।
    • किसी ने कहा शिव वर देते हैं लेकिन उसके लिए चित्त में भाव होना चाहिये।
    • यह सुन कर दूसरे ने कहा – अरे मित्र, शिव इतने भोले हैं कि उनके रिझाने के लिए ‘भाव’ की भी आवश्यकता नहीं।

Additional Information

अन्य विकल्प

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

रूपक

जहां गुण की अत्यंत समानता के कारण 

उपमेय में उपमान का भेद आरोप कर 

दिया जाए वहाँ रूपक अलंकार होता है। इसमें 

वाचक शब्द का प्रयोग नहीं होता।

जैसे– मैया मैं तो 

चन्द्र खिलोना 

लेहों। 

अतिश्योक्ति

जब किसी बात का वर्णन बहुत 

बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए।

जैसेआगे नदियाँ 

पड़ी अपार घोडा कैसे 

उतरे पारराणा ने सोचा

इस पार तब तक

 चेतक था उस पार।

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान के होने 

की संभावना का वर्णन होता हो।

जैसे– लता भवन ते प्रगट भे, तेहि अवसर दोउ भाइ। निकसे जुग-जुग विमल विधु, जलद पटल विलगाइ।।

Latest MP Jail Prahari Updates

Last updated on Dec 16, 2024

-> MP Jail Prahari Recruitment 2024 Final Result has been released.

->  A total of 200 vacancies were released for the  recruitment. 

-> The Madhya Pradesh Professional Examination Board (MPPEB) had released the detailed notification for MP Jail Pahari Recruitment 2024 on its official website. 

-> Meanwhile, the candidates should check out the list of MP Jail Pahari books and maximize their chances of selection.

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