'रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्' - काव्य लक्षण से संबंधित यह कथन किसका है ?

  1. आचार्य विश्वनाथ
  2. आचार्य मम्मट
  3. पंडितराज जगन्नाथ
  4. आचार्य भरत

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Option 3 : पंडितराज जगन्नाथ

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'रमणीयार्थ प्रतिपादकः शब्दः काव्यम्' - काव्य लक्षण से संबंधित यह कथन पंडितराज जगन्नाथ जी का है ?

Key Pointsजगन्नाथ पण्डितराज

  • जगन्नाथ पण्डितराज (जन्म : 16वीं शती के अन्तिम चरण में -- मृत्यु : 17वीं शदी के तृतीय चरण में), उच्च कोटि के कवि, समालोचक, साहित्यशास्त्रकार तथा वैयाकरण थे।

जगन्नाथ पण्डितराज द्वारा रचित प्रशस्तिकाव्य

  • आसफविलास
  • प्राणाभरण
  • जगदाभरण

मम्मट के अनुसार काव्य लक्षण:-

  • "तददोषौ शब्दार्थौ सगुणावनलंकृती पुनः क्वापि"। 

विश्वनाथ के अनुसार काव्य लक्षण:-

  • "वाक्यं रसात्मकं काव्यम्"

भरतमुनि के अनुसार काव्य लक्षण:-

  • बहुकृतरसमार्गं संधिसंधानयुक्तं, स भवति शुभकाव्यं नाटकप्रेक्षकाणाम्॥"

Additional Information

रचयिता रचनाएँ
आचार्य विश्वनाथ कुवलयाश्वचरित्
आचार्य मम्मट  काव्यप्रकाश 
आचार्य भरत (400 ई॰पू॰ 100 ई॰) काव्यशास्त्र

 

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