लक्षणा MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for लक्षणा - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Apr 23, 2025

পাওয়া लक्षणा उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন लक्षणा MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

Latest लक्षणा MCQ Objective Questions

Top लक्षणा MCQ Objective Questions

लक्षणा Question 1:

"जब शेर आया तो युद्ध क्षेत्र से गीदड़ भाग गए।" में कौन-सी शब्द शक्ति है?

  1. व्यंजना
  2. संयुक्त
  3. लक्षणा
  4. अभिधा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : लक्षणा

लक्षणा Question 1 Detailed Solution

"जब शेर आया तो युद्ध क्षेत्र से गीदड़ भाग गए।" में शब्द शक्ति है:- लक्षणा शब्द शक्ति 

"जब शेर आया तो युद्ध क्षेत्र से गीदड़ भाग गए।"-

  • यहाँ शेर का तात्पर्य वीर पुरुष से है तथा गीदड़ का तात्पर्य कायरों से है। उपमेय को पूरी तरह छिपा देने के कारण यहाँ 'लक्षणा शब्द शक्ति' है। 

Key Points

'लक्षणा शब्द शक्ति'-

  • जहाँ मुख्य अर्थ में बाधा होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन (प्रयोग) के आधार पर मुख्य अर्थ से संबंधित अन्य अर्थ को लक्ष्य (प्रयोग) किया जाता है , वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है।  
    • उदाहरण - रोहन गधा है। यहाँ गधे का लक्ष्यार्थ है मूर्ख। 

'लक्षणा शब्द शक्ति' के भेद -

  • ​रूढ़ा लक्षणा -
    • जहाँ मुख्यार्थ में बाधा होने पर रूढ़ि के आधार पर लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है ,वहाँ रूढ़ा लक्षणा होती है।  जैसे – 'महाराष्ट्र साहसी है।' इस वाक्य में महाराष्ट्र का लक्ष्यार्थ है – महाराष्ट्र के निवासी । यह अर्थ रूढ़ि के आधार पर ग्रहण किया गया है , अत: रूढ़ा लक्षणा है। 
  • प्रयोजनवती लक्षणा -
    • ​जहाँ किसी विशेष प्रयोजन के कारण मुख्यार्थ को बाधित करके उससे संबंधित लक्ष्यार्थ का बोध होता है ,प्रयोजनवती लक्षणा होती है ।  जैसे- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं'इस वाक्य में प्रयोजनवश हमें तलवार का अर्थ तलवारबंद सिपाही लेना पड़ता है। अतः जिस लक्षणा द्वारा यह अर्थ लिया वह प्रयोजनवती लक्षणा हुई। 

Additional Informationशब्द और अर्थ के अनुसार शब्दशक्तियाँ भी तीन होती हैं – 

  • अभिधा शब्द शक्ति -
    • ​मुख्यार्थ या वाच्यार्थ को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है | इसे ‘प्रथमा’ एवं ‘अग्रिमा’ शक्ति भी कहते हैं । जैसे- 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।  इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
  • व्यंजना शब्द शक्ति - 
    • ​इसमें मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ से भी परे अर्थ ग्रहण किया जाता है तथा जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। जैसे - 'संध्या हो गई।' यहाँ वाक्य साधारण है लेकिन इसका प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न अर्थ है।
  • 'लक्षणा शब्द शक्ति'- 
    • जहाँ मुख्य अर्थ में बाधा होने पर रूढ़ि अथवा प्रयोजन (प्रयोग) के आधार पर मुख्य अर्थ से संबंधित अन्य अर्थ को लक्ष्य (प्रयोग) किया जाता है , वहाँ लक्षणा शब्द शक्ति होती है। जैसे- 'पेट में आग लगी है। यहाँ आग का लक्ष्यार्थ भूख होगा। 

लक्षणा Question 2:

अरे भई! बहुत गर्मी है आज।- वाक्य में कौन सी शब्द शक्ति है?

  1. व्यंजना
  2. लक्षणा
  3. अभिधा
  4. शाब्दी व्यंजना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : लक्षणा

लक्षणा Question 2 Detailed Solution

Solution: इसका सही उत्तर विकल्प 2 'लक्षणा' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

quesImage934

  • अरे भई! बहुत गर्मी है आज।- वाक्य में लक्षणा शब्द शक्ति है।
  • जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है।
  • सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

अन्य विकल्प:

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

शाब्दी व्यंजना

जहां शब्द से अर्थ की प्रतीति हो, वहाँ शाब्दी व्यंजना होता है।

चिर जीवो जोरी जुरै, क्यों न सनेह गँभीर। को घटि ये वृषभानुजा, वे हलधर के वीर।।

इस दोहे में 'वृषभानुजा' के स्थान पर 'राधा' एवं 'हलधर' के स्थान पर 'बलराम' शब्द का प्रयोग कर दिया जाये तो यह व्यंग्यार्थ नष्ट हो जायेगा।

 

quesImage5887

शब्द शक्ति

शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं.

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

लक्षणा Question 3:

'लक्षणा' शब्द-शक्ति से संबंधित कौन सा कथन सही नहीं है ?

  1. किसी शब्द का 'मुख्य-अर्थ' बाधित होने पर उसका 'अन्य अर्थ' ग्रहण किया जाता है।
  2. इस 'अन्य अर्थ' का 'मुख्य-अर्थ' से कोई संबंध नहीं होता।
  3. यह 'अन्य अर्थ' किसी रूढ़ि के आधार पर ग्रहण किया जाता है।
  4. किसी प्रयोजन के आधार पर भी 'अन्य अर्थ' ग्रहण किया जा सकता है 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : इस 'अन्य अर्थ' का 'मुख्य-अर्थ' से कोई संबंध नहीं होता।

लक्षणा Question 3 Detailed Solution

'इस 'अन्य अर्थ' का 'मुख्य-अर्थ' से कोई संबंध नहीं होता-यह कथन 'लक्षणा' शब्द-शक्ति से संबंधित है। 

'लक्षणा' शब्द-शक्ति से संबंधित कथन:

  • किसी शब्द का 'मुख्य-अर्थ' बाधित होने पर उसका 'अन्य अर्थ' ग्रहण किया जाता है।
  • यह 'अन्य अर्थ' किसी रूढ़ि के आधार पर ग्रहण किया जाता है।
  • किसी प्रयोजन के आधार पर भी 'अन्य अर्थ' ग्रहण किया जा सकता है 

Key Points

लक्षणा शब्द-शक्ति की परिभाषा:

  • कभी-कभी ऐसा होता है कि शब्द के साधारण अर्थ से उसका वास्तविक अभिप्राय प्रकट नहीं होता है। वास्तविक अभिप्राय उसके साधारण अर्थ से कुछ भिन्न होता है।तो शब्द को जिस शक्ति से उसका वह साधारण से भिन्न और दूसरा वास्तविक अर्थ प्रकट होता है, उसे लक्षणा कहते हैं।

साहित्य में लक्षणा शक्ति दो प्रकार की मानी गई है—

  • रूढ़ि लक्षणा शक्ति
  • प्रयोजनवती लक्षणा शक्ति

Additional Information रूढ़ि लक्षणा

  • जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं। जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है। इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है।

प्रयोजनवती लक्षणा

  • वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है। 
    • जैसे-
      • 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।

लक्षणा Question 4:

रुढ और प्रयोजनवती किस शब्द शक्ति से सम्बन्ध है?

  1. तातपर्य
  2. लक्षणा
     
  3. अभिधा
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : लक्षणा
 

लक्षणा Question 4 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "लक्षणा" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • रूढ़ और प्रयोजनवती लक्षणा के प्रकार है।
  • लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है।
  • लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।
Important Points
  • रूढ़ि लक्षणा
    • जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं।
    • जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है।
    • इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है।
  • प्रयोजनवती लक्षणा
    • वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
    • जैसे-
      • 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
      • इससे प्रयोजनवश हमें तलवार का अर्थ तलवारबंद सिपाही लेना पड़ता है। अतः जिस लक्षणा द्वारा यह अर्थ लिया वह प्रयोजनवती हुई।  
Additional Information
  • अभिधा 
    • जो शब्दों के शब्दकोशीय अर्थ का बोध कराती है।
    • इसमें किसी शब्द का सामान्य अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
    • जैसे 'सिर पर चढ़ाना' का अर्थ किसी चीज को किसी स्थान से उठाकर सिर पर रखना होगा।
    • साक्षात् सांकेतित अर्थ (मुख्यार्थ या वाच्यार्थ) को प्रकट करने वाली शब्दशक्ति अभिधा शब्दशक्ति कहलाती है।
  • व्यंजना शब्द शक्ति-
    • शब्द के जिस व्यापार से मुख्य और लक्ष्य अर्थ से भिन्न अर्थ की प्रतीति हो उसे 'व्यंजना' कहते हैं।
    • व्यंजना शब्द शक्ति से अन्यार्थ या विशेषार्थ का ज्ञान कराने वाला शब्द व्यंजक कहलाता है, जबकि उस व्यंजक शब्द से प्राप्त अर्थ को व्यंग्यार्थ या धन्यार्थ कहते हैं।

लक्षणा Question 5:

सचिन ने शतक मारा- में कौन सी शब्द शक्ति है?

  1. प्रयोजनवती लक्षणा
  2. रूढ़ा लक्षणा
  3. शुद्धा लक्षणा
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रूढ़ा लक्षणा

लक्षणा Question 5 Detailed Solution

Solution: इसका सही उत्तर विकल्प 2 'रूढ़ा' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

quesImage934

  • सचिन ने शतक मारा-में रूढ़ा लक्षणा शब्द शक्ति है।
  • इस वाक्य में 'शतक मारना' क्रिकेट कि भाषा में रूढ शब्द है। 

अन्य विकल्प:

शुद्धा

जहां सदृश्य संबंध के अतिरिक्त किसी अन्य सबमन्ध सेलक्ष्यार्थ की प्रतीति हो, वह शुद्धा लक्षणा होता है।

पूरा भारत काँप उठा।

यहा पर भारत का सदृश्य संबंध भारत के लोगों और उसकी धरती से है।

प्रयोजनवती

मन में उपजे विचार को जब प्रकट नहीं कर पते हैं तो प्रयोजनवती लक्षणा का प्रयोग किया जाता हैं।

नरेश उल्लू है क्या?

इसमें नरेश को कुछ भी कहने के लिए मन में उत्पन्न विचारों का प्रयोग किया जा रहा है।

 

quesImage5887

शब्द शक्ति

शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं.

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

लक्षणा Question 6:

प्रयोजनवती लक्षणा का भेद नहीं है।

  1. शुध्दा
  2. रूढ़ा
  3. सारोपा
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रूढ़ा

लक्षणा Question 6 Detailed Solution

प्रयोजनवती लक्षणा का भेद नहीं है-रूढ़ा

रूढ़ा-

  • यह लक्षणा शब्द-शक्ति का भेद है। 
  • जहाँ रूढ़ि के कारण मुख्यार्थ से भिन्न लक्ष्यार्थ का बोध हो, वहाँ 'रूढ़ा लक्षणा' होती है।
  • उदाहरण-
    • ''आप तो एकदम राजा हरिश्चन्द्र है'' का लक्ष्यार्थ है आप हरिश्चन्द्र के समान सत्यवादी हैं।
    • सत्यवादी व्यक्ति को राजा हरिश्चन्द्र कहना रूढ़ि है।

Key Pointsप्रयोजनवती लक्षणा-

  • जहाँ प्रयोजन के लिए मुख्यार्थ से भिन्न लक्ष्यार्थ का ज्ञान हो, वहाँ प्रयोजनवती लक्षणा होती है। 
  • उदाहरण-
    • शिवाजी सिंह है।
    • यदि हम कहें कि शिवाजी सिंह हैं।
    • तो सिंह शब्द के मुख्यार्थ (विशेष जीव) में बाधा पड़ जाती है।
    • हम सब जानते है कि शिवाजी आदमी थे, सिंह नहीं लेकिन यहाँ शिवाजी के लिए सिंह शब्द का प्रयोग विशेष प्रयोजन के लिए किया गया है।
    • शिवाजी को वीर या साहसी बताने के लिए सिंह शब्द का प्रयोग हुआ है।
    • इस प्रकार 'सिंह' शब्द का 'वीर' या 'साहसी' अर्थ लक्ष्यार्थ है।

Important Pointsप्रयोजनवती लक्षणा के भेद-​​

शुध्दा लक्षणा-

  • जहाँ सादृश्येतर संबंध (सादृश्य संबंध के अतिरिक्त किसी अन्य संबंध) से लक्ष्यार्थ की प्रतीति हो।
  • सादृश्येतर संबंध हैं- आधार-आधेय भाव, सामीप्य, वैपरीत्य, कार्य-कारण, तात्कर्म्य आदि।
  • उदाहरण-
    • आँचल में है दूध और आँखों में पानी। (यशोधरा)
    • यहाँ आँचल का मुख्यार्थ (साड़ी का छोर) बाधित है, आँचल मैथलीशरण गुप्त का लक्ष्यार्थ है- स्तन।
    • चूँकि आँचल सदा स्तन के समीप रहता है, इसलिए आँचल और स्तन में सामीप्य संबंध है।

गौणी लक्षणा-

  • गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
  • उदाहरण-
    •  'मुख कमल'। 
    • सादृश्य संबंध के द्वारा लक्ष्यार्थ का बोध हो रहा है कि मुख कमल के समान कोमल है।

सरोपा लक्षणा-

  • जहाँ विषय और विषयी दोनों का शब्द निर्देश करते हुए अभेद बताया जाए।
  • उदाहरण-
    • ​'सीता गाय है।' का लक्ष्यार्थ है- सीता सीधी-सादी है।
    • यहाँ गाय (विषयी) का सीधापन-सादापन सीता (विषय) पर आरोपित है।

Additional Informationलक्षणा शब्द शक्ति-

  • अभिधा के असमर्थ हो जाने पर जिस शक्ति के माध्यम से शब्द का अर्थ बोध हो, उसे 'लक्षणा' कहते हैं।

लक्षणा Question 7:

तुम्हारा नाम तो जेठालाल होना चाहिए- वाक्य में कौन सी शब्द शक्ति है?

  1. अभिधा
  2. लक्षणा
  3. व्यंजना
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : लक्षणा

लक्षणा Question 7 Detailed Solution

Solution: इसका सही उत्तर विकल्प 2 'लक्षणा' होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

quesImage934

  • तुम्हारा नाम तो जेठालाल होना चाहिए- वाक्य में लक्षणा शब्द शक्ति है।
  • इसमें जेठालाल नाम को मुसीबत या परेशानी के समकक्ष रखकर प्रदर्शित किया गया है।
  • इसमें किसी नाम को उसके लक्षण के आधार पर प्रयोग किया गया है।

 

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

 

अन्य विकल्प:

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

quesImage5887

शब्द शक्ति

शब्द का अर्थ बोध कराने वाली शक्ति ही शब्दशक्ति कहलाती है। यह शब्द, शब्द और शक्ति के समन्वय से बना है अर्थात शब्दशक्ति का समास विग्रह करने पर इसका तात्पर्य शब्द की शक्ति बताने से होता है। इसके तीन भेद माने गए हैं.

अभिधा

वे वाक्य जिनका साधारण शाब्दिक अर्थ और भावार्थ समान हो तो उसे अभिधा शब्द शक्ति कहते हैं। इसमें सभी पाठकों अथवा वाचकों अथवा श्रोताओं के लिए वाक्य अथवा वाक्यांश का अर्थ समान होता है। इसमें उत्पन्न भाव को वाच्यार्थ कहा जाता है।

हिन्दी एक भाषा है।

चूँकि हिन्दी एक भाषा है और भाषा किसी से वार्तालाप करने का एक माध्यम है, ठीक उसी प्रकार हिन्दी भी वार्तालाप का एक माध्यम है।

लक्षणा

यहाँ वाक्य का साधारण अर्थ और भावार्थ भिन्न होता है। जिस वाक्य का सामान्य अर्थ कोई महत्च रखे अथवा नहीं लेकिन वह वाक्य किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने के लिए प्रयुक्त होता है। सामान्य शब्दों में यह शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वक्य का लक्षण बताया जाता है। यहाँ उत्पन्न भाव को लक्ष्यार्थ कहा जाता है।

रामू शेर है।

रामू एक व्यक्ति है। चूँकि वह आदमी है तो शेर नहीं हो सकता क्योंकि शेर एक जानवर है। लेकिन उसके हावभाव, विचार एवं कार्य शेर जैसे हो सकते हैं। अर्थात यहाँ रामू की विशेषता बतायी गई है।

व्यंजना

व्यंजना शब्द शक्ति वहाँ प्रयुक्त होती है जहाँ वाक्य तो साधारण होता है लेकिन उसका प्रत्येक पाठक अथवा श्रोता के लिए अपना-अपना भिन्न अर्थ होता है। इससे उत्पन्न भाव को व्यंग्यार्थ कहा जाता है।

सुबह के 08:00 बज गये

एक ऐसा व्यक्ति जो जिसका कार्य रात के समय पहरेदारी करना है तो वह इसका अर्थ लेगा कि उसकी अब छुटी हो गयी। एक साधारण कार्यालय जाने वाल व्यक्ति इसका अर्थ लेगा कि उसे कार्यालय जाना है। एक गृहणी महिला इसका अर्थ अपने घर के कार्यों से जोड़कर देखेगी। बच्चे इसका अर्थ अपने विद्यालय जाने के समय के रूप में लेंगे। पुजारी इसका अर्थ अपने सुबह के पूजा-पाठ से जोड़कर देखेगा। अर्थात वाक्य एक है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए भावार्थ अलग-अलग।

 

लक्षणा Question 8:

लक्षणा शब्द शक्ति का सही उदाहरण है -

  1. झूमत मतवारों झमकि बनमाली रस रूप।
  2. आगि बड़वागि ते बड़ी है आगि पेट की।
  3. कर्णधार संभाल कर पतवार अपनी थामना।
  4. निरख सखी ये खंजन आए।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आगि बड़वागि ते बड़ी है आगि पेट की।

लक्षणा Question 8 Detailed Solution

लक्षणा शब्द शक्ति का सही उदाहरण है- आगि बड़वागि ते बड़ी है आगि पेट की।

Key Points

  • भावार्थ-
    • भूख की ज्वाला सबसे ज्यादा बड़ी होती है;समुद्र के बड़वानल से भी बड़ी।
  • यह पंक्ति तुलसीदास के कवितावली से ली गयी है।
  • भाषा-ब्रज
  • रूपक अलंकार  का प्रयोग हुआ है।
  • इन पंक्तियों के माध्यम से कवि ने तत्कालीन सामाजिक व आर्थिक दुरावस्था का यथार्थ चित्रण किया है।

Important Pointsलक्षणा शब्द शक्ति-

  • मुख्यार्थ की बाधा होने पर रूढि (लोक प्रसिद्धि) या प्रयोजन (उद्देश्य) के कारण,जिस शक्ति के द्वारा मुख्यार्थ से सम्बन्ध अन्य अर्थ की प्राप्ति हो उसे लक्षणा शब्द शक्ति कहते हैं।
  • लक्षणा शब्द शक्ति के तीन निमित्ति हैं-
    • मुख्यार्थबाध
    • मुख्यार्थयोग
    •  रूढि या प्रयोजन
  • उदाहरण-
    • ​यदि हम कहें लड़का शेर है,तो इसका लक्ष्यार्थ है लड़का निडर है।
  • लक्षणा शब्द शक्ति के भेद-
    • ​रूढि लक्षणा 
    • प्रयोजनवादी लक्षणा

Additional Informationतुलसीदास-

  • जन्म-1532-1623
  •  हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे।
  • रामचरितमानस इनका प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
  • अन्य ग्रन्थ-
    • रामललानहछू
    • वैराग्य-संदीपनी
    • बरवै रामायण
    • पार्वती-मंगल
    • जानकी-मंगल आदि।

लक्षणा Question 9:

'संतो भाई आई ज्ञान की आँधी रे' इस पंक्ति में कौनसी शब्द शक्ति है?

  1. लक्षण-लक्षणा
  2. उपादान - लक्षणा
  3. सारोपा-लक्षणा
  4. साध्यवसान लक्षणा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लक्षण-लक्षणा

लक्षणा Question 9 Detailed Solution

'संतो भाई आई ज्ञान की आँधी रे' इस पंक्ति में शब्द शक्ति है - लक्षण-लक्षणा

  • (यहाँ पर ज्ञान की आंधी से मतलब ज्ञान का प्रकाश उत्पन्न होने से है।)
  • जहाँ वाक्यार्थ की सिद्धि के लिए वाक्यार्थ अपने अर्थ को छोड़कर केवल लक्ष्यार्थ को सूचित करे, वहाँ लक्षण  लक्षणा होती है।
  • इसमें अमुख्यार्थ को अनिवत होने के लिए मुख्यार्थ अपना अर्थ बिल्कुल छोड़ देता है।

जैसे-

  • पेट में आग लगी है।'
  • (यह एक सार्थक वाक्य है। इसमें 'आग लगी है' वाक्य अपना अर्थ छोड़ देता है
  • और लक्ष्यार्थ होता है कि भूख लगी है। इससे लक्षण-लक्षणा है।)

Mistake Pointsभावार्थ-

  • कबीरदास कहते है कि गुरु के ज्ञान से मन में ज्ञान का प्रकाश उत्पन्न होता है
  • और मन का अज्ञान रुपी अंधकार मिट जाता है। 

Key Points

  • शुद्धा लक्षणा के भेद हैं-
    • उपादान लक्षणा
    • लक्षणलक्षणा
  • गौणी लक्षणा के भेद हैं-
    • सारोपा लक्षणा
    • साध्यावसाना लक्षणा।

Additional Information

उपादान लक्षणा:-

  • जहाँ वाक्यार्थ की संगति के लिए अन्य अर्थ के लक्षित किए जाने पर भी अपना अर्थ न छूटे वहाँ उपादान लक्षणा होती है। उपादान का अर्थ है ग्रहण-लेना
  • इसमें वाच्यार्थ का सर्वथा त्याग नहीं होता।

जैसे-

  • पगड़ी की लाज रखिये।
  • लक्ष्यार्थ होता है पगड़ीधारी की लाज।
  • (यहाँ पगड़ी अपना अर्थ न छोड़ते हुए पगड़ीधारी का आक्षेप करता है। यहाँ दोनों साथ-साथ हैं। अत: उपादान लक्षणा है।)

सारोपा-लक्षणा:-

  • जहाँ विषय और विषयी दोनों का शब्द निर्देश करते हुए अभेद बताया जाए।

जैसे-

  • सीता गाय है। का लक्ष्यार्थ है- सीता सीधी-सादी है।
  • (यहाँ गाय (विषयी) का सीधापन-सादापन सीता (विषय) पर आरोपित है।)
साध्यवसाना-लक्षणा:-
  • यदि विषय और विषयी में विषय को छोड़ केवल विषयी का नाम ले तो वही साध्यवसाना होता है।

जैसे-

  • यदि कोई मालिक खीझ कर नौकर को कहे कि 'बैल कहीं का।' 
  • (तो इस वाक्य में विषय (नौकर) का निर्देश नहीं है, केवल विषयी (बैल) का कथन है।)

लक्षणा Question 10:

"थोड़ी ही देर में घोड़ा हवा से बातें करने लगा।” इस कथन में कौनसी शब्द शक्ति है -

  1. अभिधा
  2. रूढ़ि लक्षणा
  3. प्रयोजनवती लक्षणा
  4. व्यंजना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रूढ़ि लक्षणा

लक्षणा Question 10 Detailed Solution

"थोड़ी ही देर में घोड़ा हवा से बातें करने लगा।” इस कथन में कौनसी शब्द शक्ति है - 'रूढ़ि लक्षणा'

  • (यहाँ पर हवा से बात करने का मतलब है हवा की तरह तेज चलने से है।)
  • जहां मुख्यार्थ में बाधा होने पर रूढ़ि/प्रसिद्धि के आधार पर लक्ष्यार्थ ग्रहण किया जाता है, वहां रूढ़ि लक्षणा होती हैं।

उदाहरण-

  • पंजाब वीर हैं - इस वाक्य में पंजाब का लक्ष्यार्थ है - पंजाब के निवासी
  • (यह अर्थ रूढ़ि के आधार पर ग्रहण किया गया है अतः रूढ़ा लक्षणा है।)

Key Points

  • रूढ़ और प्रयोजनवती लक्षणा के प्रकार है।
  • लक्षणा शब्द-शक्ति का एक प्रकार है।
  • लक्षणा, शब्द की वह शक्ति है जिससे उसका अभिप्राय सूचित होता है।

Additional Informatio

अभिधा शब्द शक्ति:-

  • जिस शक्ति से शब्द अपने स्वाभाविक साधारण बोलचाल में प्रसिद्ध अर्थ को बताता है, उसे अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है।
  • सरल शब्दों में समझें, तो वाच्य अर्थ पर आधारित शब्द शक्ति को अभिधा शब्द शक्ति कहा जाता है।

उदाहरण-

  • दिवस का अवसान समीप था।
  • (यहाँ 'दिवस' वाचक शब्द है जिसका मुख्यार्थ विशेष दिन है। यह अर्थ ही 'दिवस' शब्द का सामान्य तथा स्वाभाविक अर्थ है।)

प्रयोजनवती लक्षणा:-

  • मुख्यार्थ में बाधा होने पर किसी विशेष प्रयोजन/उद्देश्य के लिए जब लक्ष्यार्थ का बोध किया जाता है, वहां प्रयोजनवती लक्षणा होती है।

उदाहरण-

  • मोहन गधा है 
  • (इस वाक्य में ’गधा’ का लक्ष्यार्थ ’मूर्ख’ लिया गया है और यह मोहन की मूर्खता को व्यक्त करने के प्रयोजन से लिया गया है।)

व्यंजना शब्द शक्ति:-

  • जो अर्थ अभिधा शब्द शक्ति या लक्षणा शब्द शक्ति द्वारा प्रकट करने में असफल होते हैं या 
  • जब कोई शब्द अपना सामान्य अर्थ छोड़कर कई सारे विशेष अर्थों का आभास कराता है, तो वहां पर व्यंजना शब्द शक्ति की उत्पत्ति होती है।

उदाहरण-

  • संध्या हो गई।
  • (इस वाक्य को माता पुत्री से कहे तो अर्थ होगा - 'घर में दीपक जला दो।'

    अगर पुजारी है तो कहेगा- 'पूजा आरती का समय हो गया।'
    अगर गृहिणी है तो कहेगी - 'खाना बनाने का समय हो गया।')

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti gold old version teen patti real cash apk teen patti classic teen patti master 2023 teen patti all app