उपन्यासों के पात्र MCQ Quiz - Objective Question with Answer for उपन्यासों के पात्र - Download Free PDF

Last updated on Jun 11, 2025

Latest उपन्यासों के पात्र MCQ Objective Questions

उपन्यासों के पात्र Question 1:

प्रेमचंद के अपूर्ण उपन्यास का नाम है:

  1. मंगलसूत्र
  2. ग़बन
  3. प्रेमाश्रम
  4. कायाकल्प
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मंगलसूत्र

उपन्यासों के पात्र Question 1 Detailed Solution

प्रेमचंद के अपूर्ण उपन्यास का नाम है: मंगलसूत्र

मंगलसूत्र-

  • रचनाकार-प्रेमचंद 
  • विधा-उपन्यास 
  • यह अपूर्ण उपन्यास है। 

Key Pointsग़बन-

  • रचनाकार-प्रेमचंद 
  • विधा-उपन्यास 
  • प्रकाशन वर्ष-1931 ई. 
  • विषय-
    • स्त्री की आभूषण प्रियता की त्रासदी का नाटकीय चित्रण है। 

प्रेमाश्रम-

  • रचनाकार-प्रेमचंद 
  • विधा-उपन्यास 
  • प्रकाशन वर्ष-1922 ई. 
  • विषय-
    • ब्रिटिश शासन के अंतर्गत जमींदारों और किसानों के संबंधों का चित्रण किया गया है। 

कायाकल्प-

  • रचनाकार-प्रेमचंद 
  • विधा-उपन्यास 
  • प्रकाशन वर्ष-1926 ई. 
  • विषय-
    • जमींदारी प्रथा का वर्णन है। 

Important Pointsप्रेमचंद-

  • जन्म-1880-1936 ई. 
  • अन्य नाम-धनपत राय, नवाबराय 
  • उपन्यास-
    • देवस्थान रहस्य(1905 ई.)
    • प्रेमा(1907 ई.)
    • सेवासदन(1918 ई.)
    • रंगभूमि(1925 ई.)
    • गोदान(1936 ई.) आदि। 

उपन्यासों के पात्र Question 2:

"चित्रलेखा" उपन्यास में यशोधर के चरित्र के माध्यम से भगवतीचरण वर्मा ने प्रेम के प्रति क्या दृष्टिकोण व्यक्त किया है?

  1. प्रेम एक पवित्र और आत्मिक अनुभव है
  2. प्रेम केवल सामाजिक बंधनों में ही संभव है
  3. प्रेम व्यक्ति को कर्तव्य से विमुख करता है
  4. प्रेम सांसारिक सुखों का आधार है, जो अस्थायी है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रेम सांसारिक सुखों का आधार है, जो अस्थायी है

उपन्यासों के पात्र Question 2 Detailed Solution

उत्तर- प्रेम सांसारिक सुखों का आधार है, जो अस्थायी है
Key Pointsविश्लेषण:

  • यशोधर चित्रलेखा के प्रेम में पड़कर सांसारिक सुखों की ओर आकर्षित होता है, लेकिन उसका प्रेम अंततः उसे आत्मिक शांति नहीं देता।
  • उपन्यास में प्रेम को सांसारिक और अस्थायी दिखाया गया है, जो व्यक्ति को भटकाता है और अंत में उसे खालीपन का अहसास कराता है।

Important Pointsचित्रलेखा-

  • रचनाकार- भगवतीचरण वर्मा 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1934 ई. 
  • पात्र-
    • चित्रलेखा, बीजगुप्त, कुमारगिरि, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, यशोधरा, रत्नाकर, श्वेतांक और विशालदेव। 
  • विषय-
    • पाप व पुण्य के नैतिक प्रश्न को उठाया गया है। 

Additional Informationभगवतीचरण वर्मा-

  • जन्म-1903-1981 ई. 
  • उपन्यास-
    • पतन(1928 ई.)
    • चित्रलेखा(1934 ई.)
    • टेढ़े-मेढ़े रास्ते(1946 ई.)
    • भूले बिसरे चित्र(1959 ई.)
    • प्रश्न और परीचिका(1973 ई.) आदि।

उपन्यासों के पात्र Question 3:

"चित्रलेखा" उपन्यास में कुमारगिरी के सन्यासी जीवन से भटकने का मुख्य कारण क्या दर्शाया गया है?

  1. चित्रलेखा के प्रति उसका शारीरिक आकर्षण
  2. सन्यास के प्रति उसकी अरुचि
  3. यशोधर के प्रति उसकी ईर्ष्या
  4. सामाजिक दबाव और अपमान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : चित्रलेखा के प्रति उसका शारीरिक आकर्षण

उपन्यासों के पात्र Question 3 Detailed Solution

उत्तर- चित्रलेखा के प्रति उसका शारीरिक आकर्षण
Key Points

विश्लेषण:

  • कुमारगिरी एक सन्यासी है और तपस्या को जीवन का आधार मानता है, लेकिन चित्रलेखा के सौंदर्य और व्यक्तित्व के प्रति उसका आकर्षण उसे सन्यास के मार्ग से भटका देता है।
  • यह आकर्षण उसकी आंतरिक कमजोरी को उजागर करता है और नैतिकता के प्रति उसके दावे को खोखला साबित करता है।

Important Pointsचित्रलेखा-

  • रचनाकार- भगवतीचरण वर्मा 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1934 ई. 
  • पात्र-
    • चित्रलेखा, बीजगुप्त, कुमारगिरि, चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, यशोधरा, रत्नाकर, श्वेतांक और विशालदेव। 
  • विषय-
    • पाप व पुण्य के नैतिक प्रश्न को उठाया गया है। 

Additional Informationभगवतीचरण वर्मा-

  • जन्म-1903-1981 ई. 
  • उपन्यास-
    • पतन(1928 ई.)
    • चित्रलेखा(1934 ई.)
    • टेढ़े-मेढ़े रास्ते(1946 ई.)
    • भूले बिसरे चित्र(1959 ई.)
    • प्रश्न और परीचिका(1973 ई.) आदि।

उपन्यासों के पात्र Question 4:

"चित्रलेखा" उपन्यास में चित्रलेखा के जीवन दर्शन को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है?

  1. जीवन को पूर्ण स्वतंत्रता और सौंदर्य के साथ जीना
  2. जीवन को धार्मिक नियमों के अनुसार जीना
  3. जीवन को केवल प्रेम और भक्ति में समर्पित करना
  4. जीवन को सन्यास और तपस्या में बिताना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जीवन को पूर्ण स्वतंत्रता और सौंदर्य के साथ जीना

उपन्यासों के पात्र Question 4 Detailed Solution

उत्तर- जीवन को पूर्ण स्वतंत्रता और सौंदर्य के साथ जीना
 

विश्लेषण:

  • चित्रलेखा अपने जीवन को पूर्ण स्वतंत्रता के साथ जीती है और सौंदर्य, प्रेम और सुख को जीवन का आधार मानती है।
  • वह समाज की रूढ़ियों और नैतिकता की परिभाषाओं को चुनौती देती है, और अपने जीवन दर्शन को स्पष्ट करते हुए कहती है कि वह अपने तरीके से जीना चाहती है, बिना किसी अपराधबोध के।

उपन्यासों के पात्र Question 5:

"चित्रलेखा" उपन्यास में बीजगुप्त और यशोधर के बीच वैचारिक टकराव का मुख्य आधार क्या है?

  1. सन्यास और गृहस्थ जीवन के बीच का संघर्ष
  2. प्रेम और कर्तव्य के बीच का टकराव
  3. नैतिकता और अनैतिकता की परिभाषा को लेकर मतभेद
  4. सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का टकराव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : नैतिकता और अनैतिकता की परिभाषा को लेकर मतभेद

उपन्यासों के पात्र Question 5 Detailed Solution

उत्तर- नैतिकता और अनैतिकता की परिभाषा को लेकर मतभेद
 

विश्लेषण:

  • बीजगुप्त एक सन्यासी है जो नैतिकता और तपस्या को सर्वोपरि मानता है, जबकि यशोधर एक राजकुमार है जो चित्रलेखा के प्रेम में पड़कर सांसारिक सुखों की ओर आकर्षित होता है।
  • दोनों के बीच टकराव इस बात पर है कि क्या नैतिक और क्या अनैतिक है—बीजगुप्त चित्रलेखा को पापिनी मानता है, जबकि यशोधर उसे प्रेम और सौंदर्य का प्रतीक मानता है।

Top उपन्यासों के पात्र MCQ Objective Questions

'सर्वसुख नामक अग्रवाल बनिया' की कथा किस उपन्यास में उल्लिखित है?

  1. देवरानी जेठानी की कहानी
  2. वामा शिक्षक
  3. भाग्यवती
  4. निःसहाय हिन्दू

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : देवरानी जेठानी की कहानी

उपन्यासों के पात्र Question 6 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 1 है।
  • सर्वसुख नामक बनिया देवरानी जिठानी की कहानी उपन्यास का पात्र है।

 

Key Points

  • लेखक - पंडित गौरीदत्त
  • प्रकाशन - 1870
  • इसे बहुत से विद्वान हिंदी का प्रथम उपन्यास मानते हैं।
  • पात्र - सर्वसुख़ लाल बनिया, छोटेलाल, छोटी बहू, दौलतराम, ज्ञानो ( बड़ी बहू) आदि

 

Important Points

  • तत्कालीन समाज का चित्रण
  • पुनर्जागरण चेतना से जुड़ा उपन्यास
  • नारी स्थिति का वर्णन
  • बाल विवाह, नारी शिक्षा, बंटवारा आदि से जुड़ा सामाजिक यथार्थ

 

Additional Information

  • निस्सहाय हिन्दू - राधाकृष्ण दास - 1890
  • भाग्यवती - श्रद्धा राम फिल्लौरी - 1877
  • वामा शिक्षक - ईश्वरी प्रसाद व कल्याण राय - 1872
  • यह सभी प्रारम्भिक सामाजिक उपन्यास हैं।

'मन्नू भंडारी' द्वारा रचित उपन्यास नहीं हैं -

(A) महाभोज

(B) आपका बंटी

(C) शैलूष

(D) बसन्ती

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

  1. (A) और (C)
  2. (B) और (C)
  3. (C) और (D)
  4. (A) और (B)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (C) और (D)

उपन्यासों के पात्र Question 7 Detailed Solution

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शैलूष और बसंती मन्नू भंडारी द्वारा लिखित उपन्यास नहीं है।

Key Points

महाभोज व आपका बंटी मन्नू भंडारी के उपन्यास हैं।

आपका बंटी उपन्यास बाल मनोविज्ञान पर आधारित है।

इसका प्रकाशन वर्ष 1971, ईस्वी है।

प्रमुख पात्र:-  बंटी, शकुन, अजय, वकील चाचा, फूफी, डा. जोशी, अमी और जोत

इस उपन्यास से स्त्री विमर्श को सही धरातल पर समझा जा सकता है।

महाभोज (1979) :- 

यह उपन्यास नौकरशाही और राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार के बीच आम आदमी की पीड़ा को उद्घाटित करता है। 

Important Points

मन्नू भंडारी के अन्य उपन्यास

एक इंच मुस्कान(1962) :- 

लेखक और पति राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान "पढ़े लिखे आधुनिक लोगों की एक दुखांत प्रेमकथा है जिसका एक-एक अंक लेखक-द्वय ने क्रमानुसार लिखा।"  

Additional Information

शैलूष

शिवप्रसाद सिंह का उपन्यास है।

वर्ष :- 1989

विषय :- विन्ध्य क्षेत्र के नटों के कबीलाई जीवन पर आधारित।

अन्य उपन्यास : अलग-अलग वैतरणी(1967), गली आगे मुड़ती है(1974), नीला चाँद(1988), शैलूष(1989), हनोज दिल्ली दूरहै (1993), औरत(1993),कुहरे में युद्ध (1992)

बसंती

भीष्म साहनी का उपन्यास है।

वर्ष :- 1980

विषय :- दिल्ली महानगर की झुग्गी झोपड़ी वाली गंदी बस्तियों का अंकन

अन्य उपन्यास :- झरोखा (1967), कड़ियां (1970), तमस (1973), बसंती (1980),मैय्या दास की माड़ी (1988), कुंतो (1993), नीलू नीलिमा नीलोफर (2000)

निम्न लिखित में से किस उपन्यास में उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के एक कस्बानुमा गांव शिवपाल गंज की कहानी वर्णित है?

  1. राग दरबारी
  2. आधा गांव
  3. जल टूटता हुआ
  4. गली आगे मुड़ती है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राग दरबारी

उपन्यासों के पात्र Question 8 Detailed Solution

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राग दरबारी उपन्यास में उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के एक कस्बानुमा गांव शिवपाल गंज की कहानी वर्णित है|

Key Points

  • राग दरबारी -श्रीलाल शुक्ल द्वारा रचित हिंदी का महत्वपूर्ण उपन्यास है जो पूर्णतः व्यंग शैली में लिखा गया है।
  • शिवपालगंज नामक गाँव के माध्यम से स्वतंत्र्योत्तर भारत की शासन व्यवस्था,न्याय व्यवस्था,शिक्षा व्यवस्था आदि की पोल खोल कर रख देता है।
  • भारतीय शासन व्यवस्था एवं व्यक्ति में व्याप्त धोखाधड़ी,भ्रष्टाचार,वंशवाद आदि को कुछ इस तरह उभारा गया है कि पाठक उनकी तहो तक पहुँचता है।
  • पात्र-बैदजी,रंगनाथ,रुप्पन बाबू,बद्री पहलवान,सनीचर,मास्टर मोतीराम,बेला आदि।

Important Points

  • श्रीलाल शुक्ल के अन्य उपन्यास-सुनी घाटी का सूरज(1957),अज्ञातवास(1962),सीमाएं टूटती है(1973),पहला पड़ाव(1987),विश्रामपुर का सन्त(1998)आदि।
  • शिवप्रसाद सिंह के उपन्यास-अलग-अलग वैतरणी(1967),गली आगे मुड़ती है(1974),नीला चाँद(1988),दिल्ली दूर है(1993),आदि।
  • रामदरश मिश्र के उपन्यास-पानी के प्राचीर(1961),जल टूटता हुआ(1969),सूखता हुआ तालाब(1972),बिना दरवाजे के मकान(1984),दूसरा घर(1986)आदि।
  • राही मासूम रज़ा के उपन्यास-आधा गाँव(1966),टोपी शुक्ला(1969),ओस की बूंद(1970),असन्तोष के दिन(1985)आदि।

Additional Information

  • 'जल टूटता हुआ' उपन्यास 'पानी के प्राचीर' उपन्यास का विस्तार माना गया है।इसमें स्वतंत्रता के बाद के ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण हुआ है।
  • 'आधा गाँव' उपन्यास में गाजीपुर जिले के गंगोली गाँव के शिया मुसलमानों के जीवन का चित्रण है।
  • 'गली आगे मुड़ती है' उपन्यास बनारस एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के परिसर के छात्र जीवन पर आधारित है,जिसमें युवावर्ग का आक्रोश व्यक्त हुआ है।

'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं :

(A) राजकुमारी चन्द्रदीधति

(B) सुचरिता

(C) पत्रलेखा

(D) ऋतंभरा

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :

  1. (A) और (B)
  2. (B) और (C)
  3. (C) और (D)
  4. (A) और (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : (A) और (B)

उपन्यासों के पात्र Question 9 Detailed Solution

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'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं राजकुमारी चन्द्रदीधति और सुचरिता।

Key Points

  •  हज़ारीप्रसाद द्विवेदी ने बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास की रचना 1946 में की।
  • नामवर सिंह इस उपन्यास को प्रेम ग्रन्थ सिद्ध करते हैं।
  • बाणभट्ट की आत्मकथा उपन्यास ऐतिहासिक पृष्टभूमि पर आधारित है।

Important Points

  •  बाणभट्ट की आत्मकथा में द्विवेदी जी ने कवि बाणभट्ट के जीवन का आधार लेकर राजा हर्षवर्द्धन के समय की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक स्थितियों का चित्रण किया है।
  • इस उपन्यास में कल्पना और लोकश्रुति प्रसंगों का भी प्रयोग हुआ है।
  • 'बाणभट्ट की आत्मकथा' में प्रेम का उदात्त स्वरूप चित्रित हुआ है। 
  • मुख्य पात्र - बाणभट्ट, अघोर, भैरव,विरतिव्रज,निपुणिका,भट्टिनी, महामाया। 

Additional Information

  •  हज़ारीप्रसाद द्विवेदी के अन्य उपन्यास - चारुचन्द्रलेख(1963 ई.), पुनर्नवा(1973 ई.), अनामदास का पोथा(1976 ई.)।

'आर्थर कानन डायल' से हिंदी का कौन-सा उपन्यासकार प्रभावित हुआ?

  1. गोपालराम गहमरी
  2. भारतेंदु हरिश्नंद्र
  3. आचार्य चतुरसेन
  4. नरेन्द्र कोहली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गोपालराम गहमरी

उपन्यासों के पात्र Question 10 Detailed Solution

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'आर्थर कानन डायल' से हिंदी का गोपालराम गहमरी उपन्यासकार प्रभावित हुआ।

Key Points

  • उन्नीसवीं शदी में अंग्रेजी में सर आर्थर कानन डायल (1859-1930) के जासूसी उपन्यास बहुत लोकप्रिय हुए।
  • हिंदी में जासूसी उपन्यास का प्रवर्तन गोपालराम गहमरी (1866-1946) ने किया।
  •  सन् 1898 में गोपालराम गहमरी ने बंग्ला से 'हीरे का मोल' उपन्यास अनूदित कर प्रकाशित कराया।

Important Pointsगोपालराम गहमरी की प्रमुख रचनाएँ:-

  • अदभुत लाश
  • बेकसूर की फांसी
  • सर-कटी लाश
  • डबल जासूस
  • भयंकर चोरी
  • खूनी की खोज

Additional Informationभारतेंदु हरिश्नंद्र की प्रमुख रचनाएँ:-

  • भारत दुर्दशा (1880)
  • अंधेर नगरी (1881)
  • प्रेमजोगिनी (1875)
  • प्रेम माधुरी (1875)
  • प्रेम-तरंग (1877)

आचार्य चतुरसेन की प्रमुख रचनाएँ:-

  • अमर अभिलाषा
  • अपराजिता
  •  चित्तौड़ के किले में
  •  मेघनाद
  • छत्रसाल

नरेन्द्र कोहली की प्रमुख रचनाएँ:-

  • आतंक (1972) 
  • आश्रितों का विद्रोह (1973)
  • साथ सहा गया दुख (1974) 
  • मेरा अपना संसार (1975) 
  • दीक्षा (1975) 

सूची I सूची II से मिलान कीजिए

सूची I पात्र

सूची II उपन्यास 

A.

बेनीमाधव

I.

गोदान

B.

पटेश्र्वरी

II.

मैला आँचल

C.

सकलदीप

III.

झूठा सच

D.

नरोत्तम

IV.

मानस का हंस

 

 

 

 

 

 

निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. A - IV, B - I, C - II, D - III 
  2. A - IV, B - III, C - II, D - I
  3. A - III, B - IV, C - II, D - I
  4. A - III, B - II, C - I, D - IV

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : A - IV, B - I, C - II, D - III 

उपन्यासों के पात्र Question 11 Detailed Solution

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 मिलान -  A - IV, B - I, C - II, D - III

Key Points

सूची I सूची II से मिलान

सूचीपात्र

सूची II उपन्यास

A.

बेनीमाधव

IV.

मानस का हंस

B.

पटेश्र्वरी

I.

गोदान

C.

सकलदीप

II.

मैला आँचल

D.

नरोत्तम

III.

झूठा सच

 

 

 

 

 

 

 Important Points

मानस का हंस-

  • रचनाकार - अमृतलाल नागर
  • प्रकाशन वर्ष - 1972 ई.
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - प्रमुख पात्र-तुलसीदास,पार्वती,नरहरि बाबा,मोहिनी,रत्नावली,शेष सनातन,टोडर,जयराम,गंगाराम,सन्त बेनी माधव,गंगेश्वर आदि।
  • मुख्य
    • तुलसीदास की जीवनी एवं व्यक्तित्व पर आधारित

गोदान -

  • रचनाकार – प्रेमचंद
  • प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
  • विधा – उपन्यास
  • पात्र - पुरुष पात्र - होरी महतो,गोबर,हीरा,भोला,पं. दातादीन,मातादीन (मताई ), राय साहब,मिर्जा खुर्शीद,खन्ना साहब,प्रोफ़ेसर मेहता
  • स्त्री पात्र - धनिया,रूपा,सोना,झुनिया,सि लिया,नोहरी,गोविंदी,मिस मालती
  • मुख्य
    • किसान जीवन की महागाथा एवं ऋण की समस्या का अंकन है।

मेला आंचल -

  • रचनाकार - फणीश्वर नाथ रेणु
  • प्रकाशन वर्ष - 1954 ई.
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - मैला अंचल उपन्यास में कुल 256 पात्र हैं।
    • मुख्य पात्र-डॉ.प्रशान्त,कमली,बावनदास,बालदेव,दोहराव,लछमी और तहसीलदार विश्वनाथ।
  • मुख्य
    • पूर्णिया जिले के मेरीगंज गांव की कथा है।

झूठा सच -

  • रचनाकार - यशपाल
  • प्रकाशन वर्ष - भाग -1 (1958 ई.), भाग -2 (1969 ई.)
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - तारा, जयदेव, कनक, गिल, डाक्टर नाथ, नैयर, सूद जी, सोमराज, रावत, ईसाक, असद और प्रधान मंत्री भी काल्पनिक पात्र हैं।
  • मुख्य - भाग -1 में राष्ट्र विभाजन एवं त्रासदी का चित्रण है।
    • भाग -2 स्वतंत्रता प्राप्ति एवं देश के विकास तथा देश के भावी निर्माण में बुद्धिजीवियों की भूमिका का यथार्थ चित्रण है।

 Additional Information

  • अमृतलाल नागर को अमृत और विश्व उपन्यास के लिए (1967 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है।
  • यशपाल को मेरी तेरी उसकी बातें उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (1976 ई.) में मिला।
  • मेला आंचल फणीश्वर नाथ रेणु का पहला उपन्यास है।
  • इस उपन्यास के लिए इन्हें पदम श्री से सम्मानित किया गया।

'शिवपालगंज' गांव का चित्रण किस उपन्यास में किया गया है ? 

  1. राग दरबारी 
  2. आधा गांव  
  3. जुलूस 
  4. बलचनामा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राग दरबारी 

उपन्यासों के पात्र Question 12 Detailed Solution

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शिवपालगंज का चित्रण राग दरबारी उपन्यास में किया गया है।

Key Points

रागदरबारी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के एक कस्बानुमा गाँव शिवपाल गंज की कहानी है।

उस गाँव की जिन्दगी का दस्तावेज, जो स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद ग्राम विकास और 'गरीबी हटाओ' के आकर्षक नारों के बावजूद घिसट रही है।"

Important Points

रागदरबारी

रचना वर्ष :- 1968

विधा :- उपन्यास

लेखक :- श्री लाल शुक्ल

प्रमुख पात्र :- रंगनाथ, वैद्य जी, रुप्पन बाबू, बद्री अग्रवाल, छोटा पहलवान, प्रिंसिपल साहब, जोगनाथ, सनीचर (मंगलदास), लंगड़  

Additional Information

आधा गाँव

लेखक :- राही मासूम रज़ा 

प्रकाशन वर्ष :- 1966 

यह उपन्यास उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर से लगभग ग्यारह मील दूर बसे गांव गंगौली के शिया समाज की कहानी कहता है।

जूलूस 

रचयिता :; फणीश्वर नाथ ' रेणु ' 

प्रकाशन वर्ष :- 1966

यह उपन्यास पूर्वी बंगाल की एक विस्थापित युवती पवित्रा को केंद्र में रखकर चलता है।

इस उपन्यास को पढ़कर बिहार की और बिहार के माध्यम से समूचे देश की राजनीतिक विकृतियों का कुछ पूर्वाभास अवश्य पाया जा सकता है।

बलचनमा

लेखक :- नागार्जुन

1930 के दरभंगा की कहानी है।

बलचनमा के साथ साथ समाज और देश में होते परिवर्तन को भी देखते है।

यशपाल के उपन्‍यास 'झूठा सच' में दौलतराम आजाद क‍िस राजनीतिक दल का सदस्‍य था?

  1. कांग्रेस
  2. कम्‍युनिस्‍ट पार्टी
  3. मुस्लिम लीग
  4. जनसंघ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कम्‍युनिस्‍ट पार्टी

उपन्यासों के पात्र Question 13 Detailed Solution

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यशपाल के उपन्‍यास 'झूठा सच' में दौलतराम आजाद-2) कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का सदस्‍य था।

Important Points

  • झूठा सच (1958-60) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार यशपाल का सर्वोत्कृष्ट एवं वृहद्काय उपन्यास है। 
  • यह उपन्यास दो भागों में विभाजित है।
  • पहला भाग 'वतन और देश' 1958 ई० में विप्लव कार्यालय,लखनऊ से प्रकाशित हुआ और दूसरे भाग 'देश का भविष्य' का प्रकाशन 1960 ई० में हुआ।

Additional Information 

  • झूठा सच के प्रमुख पात्र हैं-जयदेव पुरी,उसकी बहन तारा और जयदेव पुरी की पत्नी कनक।
  • तारा और जयदेव पुरी का एक परिवार है,कनक का दूसरा परिवार है।
  • झूठा सच की कहानी सन् 1947 में भारत की आजादी के समय मचे भयंकर दंगे की पृष्ठभूमि के रूप में बुनी गयी है।

उपन्यासों में गीतों कविताओं के प्रयोग पर सत्य कथन हैं :

A. 'झूठा सच' में पंजाबी कवियों बुल्लेशाह बाबा फरीद की कविताएँ प्रयुक्त हैं।

B. 'जिन्दगीनामा' में हिन्दी कवियों तुलसी सूर के पदों का प्रयोग है।

C. 'मैला आँचल' में सुमित्रानंदन पन्त की कविता का इस्तेमाल किया गया है।

D. 'मानस का हंस' में मोहिनी रैदास का एक भजन गाती है।

E. 'तमस' में 'सर्वे भवन्तु सुखिनः....' का उपयोग किया गया है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल A, B और C
  2. केवल B, C और D
  3. केवल C, D और E 
  4. केवल A, C और D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल C, D और E 

उपन्यासों के पात्र Question 14 Detailed Solution

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उपन्यास में गीतों कविताओं के प्रयोग पर सत्य कथन है- केवल C, D और E
C. 'मेला आंचल' में सुमित्रानंदन पंत की कविता का इस्तेमाल किया गया
D. 'मानस का हंस' में मोहिनी रविदास का एक भजन गाती है।
E.' तमस' में सर्वे भवंतु सुखिन: 'का उपयोग किया गया है।
Key Points
उपन्यास  उपन्यासकार  प्रकाशनवर्ष 
 झूठा सच यशपाल    दो भाग 1958 और 1960 ई.
जिंदगीनामा  कृष्णा सोबती  1979 ई.
मैला आंचल   फणीश्वर नाथ रेणु  1954 ई.
 मानस का हंस  अमृतलाल नागर  1972 ई.
 तमस  भीष्म साहनी 1973 ई.
Important Pointsयशपाल (1903 -1976 ई.)के उपन्यास -
  • दादा कामरेड(1941 ई.)
  • देशद्रोही(1943 ई.)
  • दिव्या(1945 ई.)
  • पार्टी कामरेड(1946 ई.)
  • क्यों फंसे(1968 ई.)
  • मेरी तेरी उसकी बात(1973 ई.)
कृष्णा सोबती (1925 -2019 ई.)के उपन्यास -
  • मित्रों मरजानी(1967 ई.)
  • सूरजमुखी अंधेरे के(1972 ई.)
  • दिलोंदानिश(1993 ई.)
  • समय सरगम(2000 ई.)
  • चन्ना (2019 ई.)
फणीश्वर नाथ रेणु(1921 -1977 ई.)के उपन्यास -
  • परती परिकथा(1957 ई.)
  • दीर्घतपा(1963 ई.)
  • जुलूस(1965 ई.)
  •  कितने चौराहे(1966 ई.)
  • पलटू बाबू रोड(1979 ई.)
  • राम रतन राय(1971 ई. अपूर्ण )
अमृतलाल नागर (1916-1990 ई.)के उपन्यास -
  • महाकाल(1947 ई.)
  • सेठ बांकेलाल(1955 ई.)
  • बूंद और समुद्र(1956 ई.)
  • शतरंज के मोहरे (1959 ई.)
  • सुहाग के नूपुर(1960 ई.)
  • अमृत और विष(1966 ई.)
  • सात घूंघट वाला मुखड़ा(1968 ई.)
भीष्म साहनी(1915 -2003 ई.)के उपन्यास -
  • झरोखा(1967 ई.)
  • कड़ियाँ (1970 ई.)
  • बसंती(1980 ई.)
  • मय्यादास की माड़ी (1988 ई.)
  • कुंतो(1993 ई.)
  • नीलू नीलिमा नीलोफर(2000 ई.)
Additional Informationझूठा सच उपन्यास -
  • यह उपन्यास विभाजन की त्रासदी का चित्रण करता है मानवीय जीवन की त्रासदी का प्रत्यक्ष दर्शन है
  • झूठा सच उपन्यास सामाजिक- राजनीतिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है
  • उपन्यास में (1942 से 1957 ई.) तक अर्थात देश विभाजन से पहले और उसके बाद के उतार -चढ़ाव को दर्शाया गया
  • इस उपन्यास के प्रथम खंड का नाम 'वतन और देश' (1958 ई.)और दूसरे खंड का नाम 'देश का भविष्य' (1960 ई.) है
जिंदगीनामा -
  • इस उपन्यास में डेरा जट्टा नामक गांव में 20वीं शताब्दी के आरंभिक  बीस वर्षों के घटनाक्रम को व्यक्त किया गया है
  • इस उपन्यास में बादशाह और फकीर शहर, शहंशाह,दरवेश और किसान एक साथ खेतों की मुंडेरों पर खड़े मिलेंगे
मैला आंचल -
  • इसमें पूर्णिया जिले के मेरीगंज गांव की विस्तृत तथा समग्र कथा कही गई है
  • इसका उद्देश्य अंचल की समस्याओं को प्रकाशित करने का है
  • इसमें अंचल की सुंदरता और कुरुपता दोनों का गहरा चित्रण है
  • जातिवाद, अफसरशाही,अवसरवादी राजनीति, मठो और आश्रमों का पाखंड भी इसमें दिखाया गया है
मानस का हंस-
  • इस उपन्यास में लेखक ने रामबोला से तुलसी तक की यात्रा को प्रस्तुत किया है
  • इसमें तत्कालीन समाज एवं संस्कृति तथा उनके बीच एक महाकवि का जीवन तमाम द्वंदों एवं अंतर्विरोधों के बीच उभरकर सामने आया
  • उपन्यासकार ने तुलसी की महत्वपूर्ण रचनाओं की रचना प्रक्रिया को भी इस उपन्यास के माध्यम से समझाने का प्रयास किया 
तमस -
  • इस उपन्यास की कथावस्तु (1947 ई.)में पंजाब में हुए भयानक सांप्रदायिक दंगों पर आधारित है
  • इसमें लाहौर के आसपास की सिर्फ पाँच दिन की कहानी वर्णित है
  • यह उपन्यास दो खंडो में विभाजित है पहले खंड में सांप्रदायिक तनाव की कहानी कही गई और दूसरे खंड में अनेक गांव उपन्यास की परिधि में आ जाते हैं

'मैला आँचल' के अनुसार बावनदास के मृत्यु - स्थल को ग्रामीणों ने क्या रूप दे दिया?

  1. बावन की डीह का 
  2. शहीद स्मारक का
  3. भारत माथा का थान का
  4. चेथरिया पीर का

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : चेथरिया पीर का

उपन्यासों के पात्र Question 15 Detailed Solution

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'मैला आंचल' के अनुसार बावनदास दास के मृत्यु - स्थल को ग्रामीणों ने चोथरिया पीर का रूप दे दिया।

 Key Points

  • मैला आंचल –
    • रचियता  -  फणीश्वर नाथ रेणु
    • विधा -का उपन्यास है।
    • रचनाकाल -1954 में प्रकाशित हुआ। 
    • यह हिंदी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है।
    • इस उपन्यास की कथावस्तु बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मेरीगंज के ग्रामीण जिंदगी की है।
  • मैला आंचल उपन्यास की शुरुआत 1946 में बिहार के पिछड़े गांव मेरीगंज में मिलिट्री के आने से होती है।

 Important Points

  • इस उपन्यास का उद्देश्य अंचल की समस्याओं को सबके सामने लाने का था।
    • इसमें जातिवाद,अफसरशाही अवसरवादी,राजनीति मठों और आश्रमों का पाखंड भी दर्शाया गया।
  • मैला आंचल में बिहार के मिथिला अंचल के गांव मेरीगज को आधार बनाकर उस अंचल के जनसामान्य के सुख-दुख रहन-सहन संस्कृति संघर्ष और लोकजीवन को अत्यंत कुशलता व कलात्मकता से इस उपन्यास में प्रस्तुत किया है।
  • मैला आंचल के प्रमुख पात्र –
    • डॉ प्रशांत - एक युवा डॉक्टर है जो अपनी शिक्षा हाल  ही में पूर्ण करके इस गांव को कार्य भूमि के रूप में चुना है। ,कमली- प्रमुख नारी पात्र है जो एक अज्ञात बीमारी से ग्रस्त है। बावनदास ,बालदेव ,दोहराव ,लछमी तहसीलदार , विश्वनाथ- कमली का पिता है जो एक जमीदार है।
  • मैला आंचल उपन्यास में 256 पात्र है।
  • इस उपन्यास की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस उपन्यास का नायक कोई एक नहीं बल्कि पूरा अंचल ही इसका नायक है।

 Additional Information

  • फणीश्वर नाथ रेणु के अन्य उपन्यास –
    • परती परिकथा 1957
    • दीर्घतपा 1963
    • जुलूस 1965
    • कितने चौराहे 1966
    • पलटू बाबू रोड 1979
    • रामरतन राय 1971 (अपूर्ण)
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