उपन्यासों के पात्र MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for उपन्यासों के पात्र - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్‌లోడ్ కరెన్

Last updated on Mar 24, 2025

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Latest उपन्यासों के पात्र MCQ Objective Questions

Top उपन्यासों के पात्र MCQ Objective Questions

उपन्यासों के पात्र Question 1:

राग दरबारी उपन्यास के पात्र नहीं है -

  1. वैद्यजी
  2. प्रशांत
  3. रंगनाथ
  4. रूप्पन 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रशांत

उपन्यासों के पात्र Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - प्रशांत।

  • प्रशांत फणीश्वरनाथ रेणु के उपन्यास मैला आंचल का प्रमुख पात्र है।

Key Pointsराग दरबारी-

  • रचनाकार - श्रीलाल शुक्ल 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1968 ई. 
  • विषय- पूर्वांचल के गाँव शिवपालगंज के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का यथार्थ चित्रण हुआ है। 
  • प्रमुख पात्र:- वैद्यजी, रुप्पन बाबू, बद्री अग्रवाल, रंगनाथ, सनीचर, लंगड़, प्रिंसिपल साहब, जोगनाथ, बेला। 

उपन्यासों के पात्र Question 2:

सूची I सूची II से मिलान कीजिए

सूची I पात्र

सूची II उपन्यास 

A.

बेनीमाधव

I.

गोदान

B.

पटेश्र्वरी

II.

मैला आँचल

C.

सकलदीप

III.

झूठा सच

D.

नरोत्तम

IV.

मानस का हंस

 

 

 

 

 

 

निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. A - IV, B - I, C - II, D - III 
  2. A - IV, B - III, C - II, D - I
  3. A - III, B - IV, C - II, D - I
  4. A - III, B - II, C - I, D - IV

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : A - IV, B - I, C - II, D - III 

उपन्यासों के पात्र Question 2 Detailed Solution

 मिलान -  A - IV, B - I, C - II, D - III

Key Points

सूची I सूची II से मिलान

सूचीपात्र

सूची II उपन्यास

A.

बेनीमाधव

IV.

मानस का हंस

B.

पटेश्र्वरी

I.

गोदान

C.

सकलदीप

II.

मैला आँचल

D.

नरोत्तम

III.

झूठा सच

 

 

 

 

 

 

 Important Points

मानस का हंस-

  • रचनाकार - अमृतलाल नागर
  • प्रकाशन वर्ष - 1972 ई.
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - प्रमुख पात्र-तुलसीदास,पार्वती,नरहरि बाबा,मोहिनी,रत्नावली,शेष सनातन,टोडर,जयराम,गंगाराम,सन्त बेनी माधव,गंगेश्वर आदि।
  • मुख्य
    • तुलसीदास की जीवनी एवं व्यक्तित्व पर आधारित

गोदान -

  • रचनाकार – प्रेमचंद
  • प्रकाशन वर्ष - 1936 ई.
  • विधा – उपन्यास
  • पात्र - पुरुष पात्र - होरी महतो,गोबर,हीरा,भोला,पं. दातादीन,मातादीन (मताई ), राय साहब,मिर्जा खुर्शीद,खन्ना साहब,प्रोफ़ेसर मेहता
  • स्त्री पात्र - धनिया,रूपा,सोना,झुनिया,सि लिया,नोहरी,गोविंदी,मिस मालती
  • मुख्य
    • किसान जीवन की महागाथा एवं ऋण की समस्या का अंकन है।

मेला आंचल -

  • रचनाकार - फणीश्वर नाथ रेणु
  • प्रकाशन वर्ष - 1954 ई.
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - मैला अंचल उपन्यास में कुल 256 पात्र हैं।
    • मुख्य पात्र-डॉ.प्रशान्त,कमली,बावनदास,बालदेव,दोहराव,लछमी और तहसीलदार विश्वनाथ।
  • मुख्य
    • पूर्णिया जिले के मेरीगंज गांव की कथा है।

झूठा सच -

  • रचनाकार - यशपाल
  • प्रकाशन वर्ष - भाग -1 (1958 ई.), भाग -2 (1969 ई.)
  • विधा - उपन्यास
  • पात्र - तारा, जयदेव, कनक, गिल, डाक्टर नाथ, नैयर, सूद जी, सोमराज, रावत, ईसाक, असद और प्रधान मंत्री भी काल्पनिक पात्र हैं।
  • मुख्य - भाग -1 में राष्ट्र विभाजन एवं त्रासदी का चित्रण है।
    • भाग -2 स्वतंत्रता प्राप्ति एवं देश के विकास तथा देश के भावी निर्माण में बुद्धिजीवियों की भूमिका का यथार्थ चित्रण है।

 Additional Information

  • अमृतलाल नागर को अमृत और विश्व उपन्यास के लिए (1967 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है।
  • यशपाल को मेरी तेरी उसकी बातें उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (1976 ई.) में मिला।
  • मेला आंचल फणीश्वर नाथ रेणु का पहला उपन्यास है।
  • इस उपन्यास के लिए इन्हें पदम श्री से सम्मानित किया गया।

उपन्यासों के पात्र Question 3:

'मैला आँचल' उपन्यास किस अँचल से जुड़ा है ?

  1. बुंदेलखंड
  2. पूर्णिया
  3. छत्तीसगढ़
  4. अवध

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पूर्णिया

उपन्यासों के पात्र Question 3 Detailed Solution

'मैला आँचल' उपन्यास 'पूर्णिया' अँचल से जुड़ा है। 

  • फणीश्वरनाथ 'रेणु' का प्रतिनिधि उपन्यास है।
  • सन् 1954 में प्रकाशित इस उपन्यास की कथावस्तु बिहार राज्य के पूर्णिया जिले के मेरीगंज की ग्रामीण जिंदगी से संबद्ध है। 

Key Points

फणीश्वर नाथ 'रेणु'

  • फणीश्वर नाथ 'रेणु' (1921-1977) एक हिन्दी भाषा के साहित्यकार थे।
  • इनके पहले उपन्यास मैला आंचल को बहुत ख्याति मिली थी। 
  • जिसके लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

फणीश्वर नाथ 'रेणु' द्वारा रचित उपन्यास:

  • मैला आंचल 1954
  • परती परिकथा 1957
  • जूलूस
  • दीर्घतपा 1964
  • कितने चौराहे 1966
  • कलंक मुक्ति 1972
  • पलटू बाबू रोड 1979

उपन्यासों के पात्र Question 4:

'शिवपालगंज' गांव का चित्रण किस उपन्यास में किया गया है ? 

  1. राग दरबारी 
  2. आधा गांव  
  3. जुलूस 
  4. बलचनामा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : राग दरबारी 

उपन्यासों के पात्र Question 4 Detailed Solution

शिवपालगंज का चित्रण राग दरबारी उपन्यास में किया गया है।

Key Points

रागदरबारी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के एक कस्बानुमा गाँव शिवपाल गंज की कहानी है।

उस गाँव की जिन्दगी का दस्तावेज, जो स्वतन्त्रता-प्राप्ति के बाद ग्राम विकास और 'गरीबी हटाओ' के आकर्षक नारों के बावजूद घिसट रही है।"

Important Points

रागदरबारी

रचना वर्ष :- 1968

विधा :- उपन्यास

लेखक :- श्री लाल शुक्ल

प्रमुख पात्र :- रंगनाथ, वैद्य जी, रुप्पन बाबू, बद्री अग्रवाल, छोटा पहलवान, प्रिंसिपल साहब, जोगनाथ, सनीचर (मंगलदास), लंगड़  

Additional Information

आधा गाँव

लेखक :- राही मासूम रज़ा 

प्रकाशन वर्ष :- 1966 

यह उपन्यास उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर से लगभग ग्यारह मील दूर बसे गांव गंगौली के शिया समाज की कहानी कहता है।

जूलूस 

रचयिता :; फणीश्वर नाथ ' रेणु ' 

प्रकाशन वर्ष :- 1966

यह उपन्यास पूर्वी बंगाल की एक विस्थापित युवती पवित्रा को केंद्र में रखकर चलता है।

इस उपन्यास को पढ़कर बिहार की और बिहार के माध्यम से समूचे देश की राजनीतिक विकृतियों का कुछ पूर्वाभास अवश्य पाया जा सकता है।

बलचनमा

लेखक :- नागार्जुन

1930 के दरभंगा की कहानी है।

बलचनमा के साथ साथ समाज और देश में होते परिवर्तन को भी देखते है।

उपन्यासों के पात्र Question 5:

मैला आँचल में लछमी मठ छोड़कर किसके साथ अपने बगीचे में रहने लग जाती है?

  1. सेवादास 
  2. रामदास 
  3. बालदेव
  4. कालीचरण 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बालदेव

उपन्यासों के पात्र Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - बालदेव।  

Key Points

  • लछमी का बालदेव से प्रथम साक्षात्कार महंत जी के भंडारे पर होता है। 
  • वह उनकी ओर आकृष्ट होती चली जाती है। 
  • सेवादास की मृत्यु के बाद वह बालदेव से सहारे की उम्मीद लगाती है किन्तु उसे समझ आता है की वह उसका सहारा नहीं बन सकता। 
  • लेकिन उसका प्रेम काम नहीं होता वह किसी भी तरह बालदेव की सेवा करना चाहती है। 
  • इसके लिए बालदेव को लेकर वह मठ छोड़ देती है और अपने बगीचे में रहने लगती है। 

उपन्यासों के पात्र Question 6:

गोदान के किस पात्र को गोबर और जो मूत्र का सेवन करना पड़ा था?

  1. दातादीन
  2. मातादीन 
  3. होरी
  4. गोबर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मातादीन 

उपन्यासों के पात्र Question 6 Detailed Solution

सही उत्तर है - मातादीन। 
 Key Points
  • सिलिया के साथ सम्बन्ध बनाने के कारण मातादीन को गोबर-गोमूत्र का सेवन करना पड़ा था। 
  • यह दृश्य प्रेमचंद ने छुआछूत की कुप्रथा को दर्शाने के उद्देश्य से रखा था। 
  • सिलिया तथाकथित नीची जाति की महिला थी जिससे मातादीन नामक ब्राह्मण ने सम्बन्ध बनाये थे। 
  • इसी कारण मातादीन को शुद्धि के लिए गोबर-गोमूत्र का सेवन करना पड़ा था। 

Additional Informationगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा- उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 

उपन्यासों के पात्र Question 7:

गोबर गांव से भागकर कहाँ जाता है?

  1. कानपुर
  2. बिहार
  3. लखनऊ
  4. बरेली 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : लखनऊ

उपन्यासों के पात्र Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर है - लखनऊ। 
  • गोबर झुनिया को छोड़कर जब भाग जाता है तब वह भागकर लखनऊ जाता है। 
  • गोबर "गोदान" उपन्यास के नायक होरी का बेटा है। 

Key Pointsगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा- उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 

Additional Information प्रेमचंद:

  • मूल नाम:- धनपतराय श्रीवास्तव 
  • जन्म:- 31 जुलाई 1880 
  • मृत्यु:- 8 अक्टूबर 1936 
  • हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
  • प्रेमचंद ने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा।
  • प्रेमचंद ने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
  • प्रेमचंद निधनोपरांत मानसरोवर नाम से 8 खण्डों में प्रकाशित है।
  • प्रमुख रचनायें:-
    • ​प्रमुख कहानियां:- 
      • ​नमक का दरोगा,
      • पंच परमेश्वर,
      • ठाकुर का कुआँ,
      • ईदगाह,
      • पूस की रात,
      • कफ़न, इत्यादि। 
    • उपन्यास:- 
      • सेवासदन (1918) ,
      • प्रेमाश्रम (1922),
      • रंगभूमि (1925),
      • निर्मला (1925),
      • गबन (1928),
      • कर्मभूमि (1932),
      • गोदान (1936)

उपन्यासों के पात्र Question 8:

इनमें से कौन सा इलाचंद्र जोशी का उपन्यास है ?

  1. सुनीता
  2. मुक्ति पथ
  3. सुखदा
  4. तेरी मेरी उसकी बात

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मुक्ति पथ

उपन्यासों के पात्र Question 8 Detailed Solution

मुक्ति पथ 'इलाचंद्र जोशी' का उपन्यास है।

Key Pointsमुक्तिपथ-

  • प्रकाशन वर्ष-1948 ई.
  • विषय-
    • आज की ज्वलंत समस्याओं यानी दलितों, दमितों व शोषित समाज की  दशा और दिशा का मार्मिक चित्रण किया गया है।

इलाचंद्र जोशी-

  • जन्म-1903-1982 ई.
  • उपन्यास-
    • सन्यासी(1941), पर्दे की रानी (1941), प्रेत और छाया (1946)
    • निर्वासित (1948), जिप्सी (1952), सुबह के भूले (1952), जहाज का पंछी (1955) आदि।

Important Pointsसुनीता-

  • रचनाकार-जैनेंद्र
  • प्रकाशन वर्ष-1935 ई.
  • विषय-
    • दाम्पत्य प्रेम तथा दाम्पत्य से बाहर के प्रेम के मध्य तनाव का चित्रण किया है।

सुखदा-

  • रचनाकार-जैनेंद्र
  • प्रकाशन वर्ष-1953 ई.
  • विषय-
    • स्त्री मन की विवशताओं को दर्शाया गया है।

तेरी मेरी उसकी बात-

  • रचनाकार-यशपाल 
  • प्रकाशन वर्ष-1974 ई.
  • विषय-
    • स्वाधीनता आन्दोलन के  कालखंड 1919 ई. से लेकर  1945 ई. तक की राजनीतिक घटनाओं का चित्रण है।

Additional Informationजैनेंद्र-

  • जन्म-1905-1988 ई.
  • अन्य उपन्यास-
    • परख (1929 ई.), त्यागपत्र (1937 ई.), कल्याणी (1939 ई.), विवर्त (1953 ई.)आदि। 

यशपाल-

  • जन्म-1903-1976 ई.
  • अन्य उपन्यास-
    • दादा कामरेड(1941 ई.),देशद्रोही(1943 ई.),दिव्या(1945 ई.),पार्टी कामरेड(1946 ई.)
    • मनुष्य के रूप(1949 ई.),अमिता(1956 ई.),झूठा सच(1958 ई.) आदि। 

उपन्यासों के पात्र Question 9:

निम्नलिखित में से कौन सा कथन गोदान उपन्यास के संबंध में सही नहीं है?

  1. यह प्रेमचंद का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण पूर्ण उपन्यास माना जाता है।

  2. इसमें भारतीय ग्राम समाज एवं परिवेश का सजीव चित्रण है।

  3. गोदान ग्राम्य जीवन और आदिवासी संस्कृति का महाकाव्य है।

  4. इसमें प्रगतिवाद गांधीवाद और मार्क्सवाद का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 :

गोदान ग्राम्य जीवन और आदिवासी संस्कृति का महाकाव्य है।

उपन्यासों के पात्र Question 9 Detailed Solution

"गोदान ग्राम्य में जीवन और आदिवासी संस्कृति का महाकाव्य है" उपर्युक्त कथन गोदान उपन्यास के संबंध में सही नहीं है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "गोदान ग्राम्य में जीवन और आदिवासी संस्कृति का महाकाव्य है" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • गोदान ग्राम्य जीवन और आदि संस्कृति का महाकाव्य है सही नहीं है अपितु "गोदान ग्राम्य में जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य है।"
  • गोदान उपन्यास में कृषि जीवन को बताया गया है।
  • साथ ही इसमें कृषि में आने वाली समस्याएं जैसे सूदखोरी की समस्या, जमीन दारी शोषण का कृषकों पर प्रभाव, समकालीन समाज की समस्या आदि को बतलाया गया है।
Additional Information
  • गोदान उपन्यास की विशेषताएं:-
    • गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। 
    • इसमें प्रगतिवाद, गांधीवाद और मार्क्सवाद (साम्यवाद) का पूर्ण परिप्रेक्ष्य में चित्रण हुआ है।
    • ग्रामीण जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य है।

उपन्यासों के पात्र Question 10:

यशपाल के उपन्‍यास 'झूठा सच' में दौलतराम आजाद क‍िस राजनीतिक दल का सदस्‍य था?

  1. कांग्रेस
  2. कम्‍युनिस्‍ट पार्टी
  3. मुस्लिम लीग
  4. जनसंघ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कम्‍युनिस्‍ट पार्टी

उपन्यासों के पात्र Question 10 Detailed Solution

यशपाल के उपन्‍यास 'झूठा सच' में दौलतराम आजाद-2) कम्‍युनिस्‍ट पार्टी का सदस्‍य था।

Important Points

  • झूठा सच (1958-60) हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार यशपाल का सर्वोत्कृष्ट एवं वृहद्काय उपन्यास है। 
  • यह उपन्यास दो भागों में विभाजित है।
  • पहला भाग 'वतन और देश' 1958 ई० में विप्लव कार्यालय,लखनऊ से प्रकाशित हुआ और दूसरे भाग 'देश का भविष्य' का प्रकाशन 1960 ई० में हुआ।

Additional Information 

  • झूठा सच के प्रमुख पात्र हैं-जयदेव पुरी,उसकी बहन तारा और जयदेव पुरी की पत्नी कनक।
  • तारा और जयदेव पुरी का एक परिवार है,कनक का दूसरा परिवार है।
  • झूठा सच की कहानी सन् 1947 में भारत की आजादी के समय मचे भयंकर दंगे की पृष्ठभूमि के रूप में बुनी गयी है।
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