यमक MCQ Quiz - Objective Question with Answer for यमक - Download Free PDF

Last updated on Jun 24, 2025

Latest यमक MCQ Objective Questions

यमक Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें, जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती हैं। 

  1. अनुप्रास अलंकार 
  2. यमक अलंकार 
  3. अन्योक्ति अलंकार 
  4. श्लेष अलंकार 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यमक अलंकार 

यमक Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 'यमक अलंकार' होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 

Key Points

  • 'तीन बेर खाती थी वे तीन बेर खाती है।' पंक्तियों में यमक अलंकार है।
  • यहां पर 'तीन बेर' का प्रथम अर्थ 'तीन समय' और दूसरा अर्थ 'तीन बेर' (फल) से है।
  • यमक अलंकार में एक शब्द का दो या दो से अधिक बार प्रयोग होता है।
  • प्रत्येक प्रयोग में अर्थ की भिन्नता होती है।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास अलंकार 

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो, वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणें,

खेल रही थी जल थल में

 

अन्योक्ति अलंकार 

यहाँ पर अप्रस्तुत के वर्णन द्वारा प्रस्तुत का बोध कराया गया है अतः यहाँ अन्योक्ति अलंकार है। 

नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास एहि काल।

अली कली ही सो बिंध्यौ, आगे कौन हवाल।

श्लेष अलंकार 

जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है।

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।

पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।

यमक Question 2:

"तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।

तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"

उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?

  1. विरोधाभास अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. यमक अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक अलंकार

यमक Question 2 Detailed Solution

उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • "तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।

         तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"

  • उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है।
  • प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति में उरबसी शब्द में यमक अलंकार है क्योंकि उरबसी के दो अर्थ निकल रहे है- हृदय में बसनेवाली और उर्वशी नाम की एक अप्सरा। जब किसी काव्य पंक्ति में एक ही शब्द के दो अर्थ हो तो वहाँ यमक अलंकार है।
अलंकार  परिभाषा  उदारहण
यमक  जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।।

Additional Informationअन्‍य विकल्‍प-

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण
 
अनुप्रास अनुप्रास शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्‍कार उत्‍पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। 

चारु चन्‍द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। 

श्‍लेष  श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

विरोधाभास  जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।  या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।

यमक Question 3:

"माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर।

कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।।”

उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है? 

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. विरोधाभास अलंकार
  3. यमक अलंकार
  4. श्लेष अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यमक अलंकार

यमक Question 3 Detailed Solution

दी गई पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। Key Points

  • "माला फेरत जुग गया, फिरा न मन का फेर। कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।।”
  • इन पंक्तियों में "यमक अलंकार" है।
  • इस पद्य में ‘मनका’ शब्द का दो बार प्रयोग किया गया है। पहली बार ‘मनका’ का आशय माला के मोती से है और दूसरी बार ‘मनका’ से आशय है मन की भावनाओ से। 
अलंकार  परिभाषा  उदारहण
यमक  जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।।

Additional Information अन्‍य विकल्‍प-

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण
 
अनुप्रास अनुप्रास शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्‍कार उत्‍पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। 

चारु चन्‍द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। 

श्‍लेष  श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

विरोधाभास  जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।  या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।

यमक Question 4:

''तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है।'' में कौन सा अलंकार है?

  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्‍लेष
  4. रुपक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यमक

यमक Question 4 Detailed Solution

उपरोक्त पंक्तियों में 'यमक' अलंकर है। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'यमक' है।

Key Points

  • 'तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है' - यहाँ पर बेर शब्द दो बार दिया गया है, पर इसका मतलब अलग – अलग है।  
    • बेर = समय  
    • बेर= फल
  • किसी कविता या काव्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और भिन्न-भिन्न स्थानों पर उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, वहां यमक अलंकार होता है।

अन्य विकल्प - 

  • अनुप्रास अलंकार -  अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है, वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है। इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक बार आवृत्ति होती है।
  • श्‍लेष अलंकार - श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ।  जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है। यानी जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

  • रूपक अलंकार -  रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।

Additional Information

अलंकार

अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है।

जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार

काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार

यमक Question 5:

“कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय ।

या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय ।। "

इसमें कौन सा अलंकार है ?

  1. अनुप्रास
  2. रुपक
  3. उपमा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

यमक Question 5 Detailed Solution

इसका सही उत्तर यमक अलंकार है ।Key Points

यमक अलंकार- जब किसी पंक्ति में एक से अधिक बार कोई शब्द आये,और उनके अर्थ भी अलग-अलग हों, तब यमक अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय'।
  • पंक्ति में एक कनक का अर्थ 'सोना' तथा दुसरे कनक का अर्थ 'धतूरा' है।

अनुप्रास अलंकार- जब एक ही वर्ण की आवृति हों, तब अनुप्रास अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला'।
  • यहाँ 'म' वर्ण की आवृत्ति हो रही है।

उपमा अलंकार- जब उपमेय की तुलना उपमान से की जाये तब उपमा अलंकार होता है।

  • उदाहरण-  गिरी- सा ऊँचा हो जिसका मन।
  • इसमें गिरी उपमान, मन उपमेय सा वाचक,तथा ऊँचा साधारण धर्म है।

रूपक अलंकार- जब उपमेय का उपमान मे अभेद हों, तब रूपक अलंकार होता है।

  • उदाहरण- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
  • उदाहरण में राम रतन को ही धन बता दिया गया है। 'राम रतन'उपमेय पर 'धन' उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है।

Additional Information

  • अलंकार- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है'।
  • अलंकार सम्प्रदाय के प्रतिष्ठापक 'भामह' को माना जाता है।

अलंकार के भेद- 3 भेद होते।

  1. शब्दालंकार- 5 भेद ( अनुप्रास, यमक, श्लेष, वीप्सा, वक्रोक्ति)।
  2. अर्थालंकार- उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अन्योक्ति, अतिश्योक्ति आदि।
  3. उभयालंकार- शब्द व अर्थ दोनों के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न करने वाले शब्दों को उभयालंकार कहते।

Top यमक MCQ Objective Questions

काली घटा का घमंड घटा। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. यमक अलंकार
  2. उपमा अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

यमक Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्ति मेंयमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 यमक अलंकार है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

  • काली घटा का घमंड घटा। अर्थात कवि कहना चाहता है की काली घटा अथवा बदली का घमंड घट गया है घट गया अर्थात कम हो गया।
    • हम जानते हैं की यहाँ घटा का अर्थ: ऊपर पर छाने वाली घटा, दूसरा अर्थात घटना , कम होना।

Key Points

स्पष्टीकरण:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है?

  1. उपमा
  2. रुपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

यमक Question 7 Detailed Solution

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उपरोक्त विकल्पों में से 'यमक अलंकर' शब्दालंकार है. अत: सही उत्तर विकल्प 4 'यमक अलंकार' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं. 

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  • यमक अलंकार - जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है। जैसे - 
  • काली घटा का घमण्ड घटा।  यहाँ 'घटा' शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले 'घटा' शब्द 'वर्षाकाल' में उड़ने वाली 'मेघमाला' के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार 'घटा' का अर्थ है 'कम हुआ'। अतः यहाँ यमक अलंकार है।

    • यमक अलंकार शब्दालंकार है क्योंकि इसमें शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है. 

​शब्दालंकार और अर्थालंकार में भेद - 

  • जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है, वह शब्दालंकार माना जाता है। 
  • जिस अलंकार में अर्थ प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है, वह अर्थालंकार माना जाता है।

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अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प हैI
काली घटा का घमंड घटा

  1. यमक अलंकार
  2. अतिश्योक्ति अलंकार
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

यमक Question 8 Detailed Solution

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सही उत्तर 'यमक अलंकार' है।

Key Points 

  • 'काली घटा का घमंड घटा' में यमक अलंकार है।
  • जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। यानी जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।

अन्य विकल्प - 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अतिश्योक्ति

जहाँ किसी वस्तु का इतना बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाए कि सामान्य लोक सीमा का उल्लंघन हो जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। 

हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग। सारी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग।

उत्प्रेक्षा

जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। अथार्त जहाँ पर अप्रस्तुत को प्रस्तुत मान लिया जाए वहाँ पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 

उस काल मारे क्रोध के तनु कॉपने उनका लगा। मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।

उपमा

 उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।, जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।

हाय फूल सी कोमल बच्ची , हुई राख की ढेरी थी।

Additional Information 

अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

‘“सारंग लै सारंग चली कई सारंग की ओट सारंग झीनो पाइकें सारंग कई गई चोट। "

उक्त पद्य में कौन-सा अलंकार विद्यमान है ? 

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. यमक अलंकार
  4. रूपक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यमक अलंकार

यमक Question 9 Detailed Solution

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‘“सारंग लै सारंग चली कई सारंग की ओट सारंग झीनो पाइकें सारंग कई गई चोट। "
उक्त पद्य में  "यमक अलंकार" विद्यमान है।

Key Points

  • यहाँ सारंग का प्रयोग एक से अधिक बार प्रयोग किया गया है तथा इसका अर्थ अलग - अलग है,
  • अतः यहाँ यमक अलंकार होगा ।
  • ‘जहाँ पर एक ही शब्द की अनेक बार भिन्न अर्थों में आवृत्ति हो वहाँ पर यमक अलंकार होता है।’
  • अर्थात जब किसी पंक्ति में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो तब यमक अलंकार होता है।
  • 1- सारंगः दीपक, 2- सारंगः स्त्री, 3- सारंगः आँचल,  4- सारंगः आँचल,5- सारंगः हवा।

Important Points

  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है कि आभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है- अलम + कार
  • जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है।
  • इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है।

Additional Information

अलंकार 

परिभाषा 

उदाहरण 

उत्प्रेक्षा अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार वह है, जिसे प्रकृत (उपमेय) की उसके समान (अप्रकृत) उपमान के साथ तादात्म्य-सम्भावना कहा करते हैं। उत्प्रेक्षा का अर्थ है संभावना या कल्पना अर्थात् एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाये। जहां उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाय वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ वाचक शब्द हैं-मानों, मनु, मनहुं, जानो, जनु, ज्यों, इमि आदि। सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल।।
श्लेष अलंकार जहां पर एक ही शब्द से अनेक अर्थ का बोध हो रहा हो वहां श्लेष अलंकार होता है 

"सुवरन को खोजत फिरत

कवि व्यभिचारी चोर।"

रूपक अलंकार जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप करते हुए दोनों में अभेद बताया जाय, वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। उपमेय और उपमान दोनों की एकरूपता प्रदर्शित करना ही इस अलंकार का प्रमुख धर्म है।  ‘अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी।’

"तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।

तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"

उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?

  1. विरोधाभास अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. यमक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक अलंकार

यमक Question 10 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • "तोपर वारौं उर बसी, सुन राधिके सुजान।

         तू मोहन के उर बसी वे उरबसी समान।"

  • उपर्युक्त पंक्तियों में "यमक अलंकार" है।
  • प्रस्तुत पद में यमक अलंकार है। प्रस्तुत पंक्ति में उरबसी शब्द में यमक अलंकार है क्योंकि उरबसी के दो अर्थ निकल रहे है- हृदय में बसनेवाली और उर्वशी नाम की एक अप्सरा। जब किसी काव्य पंक्ति में एक ही शब्द के दो अर्थ हो तो वहाँ यमक अलंकार है।
अलंकार  परिभाषा  उदारहण
यमक  जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।।

Additional Informationअन्‍य विकल्‍प-

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण
 
अनुप्रास अनुप्रास शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्‍कार उत्‍पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। 

चारु चन्‍द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। 

श्‍लेष  श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

विरोधाभास  जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।  या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।

"केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।" उपर्युक्त पंक्तियों में निम्नलिखित में से कौन-सा अलंकार है?

  1. श्लेष अलंकार
  2. अनुप्रास अलंकार
  3. यमक अलंकार
  4. विरोधाभास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यमक अलंकार

यमक Question 11 Detailed Solution

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दी गई पंक्तियों में "यमक अलंकार" है। अन्‍य व‍िकल्‍प असंगत हैं। 

Key Points

  • "केकी-रव की नूपुर-ध्वनि सुन, जगती जगती की मूक प्यास।" 
  • पंक्ति का भावार्थ- इन पंक्तियों में वर्षारूपी सुन्दरी के रमणीय सौन्दर्य का आलंकारिक वर्णन किया गया है।
  • न‍िम्‍न पंक्तियों में यमक अलंकार है। 
अलंकार  परिभाषा  उदारहण
यमक  जब एक शब्द का प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है। कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। वा खाये बौराय जग या पाये बौराय।।
 

Additional Informationअन्‍य विकल्‍प-

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण
 
अनुप्रास अनुप्रास शब्‍द दो शब्‍दों से मिलकर बना है। अनु + प्रास यहॉं पर अनु का अर्थ है- बार-बार और प्रास का अर्थ- वर्ण है। जब किसी वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो तब जो चमत्‍कार उत्‍पन्न होता है, उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं। 

चारु चन्‍द्र की चंचल किरणें खेल रही है जल थल में। 

श्‍लेष  श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।

रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।

विरोधाभास  जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है।  या अनुरागी चित्त की, गति समुझै नहि कोय।
ज्यौं ज्यौं बूङै स्याम रंग, त्यौं त्यौं उजलो होय।।

काली घटा का घमंड घटा। में कौन अलंकार है ?

  1. अन्योक्ति
  2. अनुप्रास 
  3. यमक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यमक

यमक Question 12 Detailed Solution

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काली घटा का घमंड घटा। में यमक अलंकार है। 

  • ‘काली घटा का घमंड घटा’ इस पंक्ति में ‘घटा’ शब्द दो बार आया है पर उसके अर्थ भिन्न है।
  • इसलिए यहाँ यमक अलंकार है। 

Key Points

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

Important Pointsअन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

अन्योक्ति

यहाँ पर अप्रस्तुत के वर्णन द्वारा प्रस्तुत का बोध कराया गया है अतः यहाँ अन्योक्ति अलंकार है।

नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास एहि काल।
अली कली ही सो बिंध्यौ, आगे कौन हवाल।।

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

''तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है।'' में कौन सा अलंकार है?

  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्‍लेष
  4. रुपक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यमक

यमक Question 13 Detailed Solution

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उपरोक्त पंक्तियों में 'यमक' अलंकर है। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'यमक' है।

Key Points

  • 'तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है' - यहाँ पर बेर शब्द दो बार दिया गया है, पर इसका मतलब अलग – अलग है।  
    • बेर = समय  
    • बेर= फल
  • किसी कविता या काव्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और भिन्न-भिन्न स्थानों पर उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, वहां यमक अलंकार होता है।

अन्य विकल्प - 

  • अनुप्रास अलंकार -  अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है, वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है। इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक बार आवृत्ति होती है।
  • श्‍लेष अलंकार - श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ।  जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है। यानी जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

  • रूपक अलंकार -  रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।

Additional Information

अलंकार

अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है।

जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार

काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार

'जगती जगती की मूक प्यास' पंक्ति में अलंकार है:

  1. यमक
  2. अनुप्रास
  3. श्‍लेष
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक

यमक Question 14 Detailed Solution

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'जगती जगती की मूक प्यास’ में यमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 यमक अलंकार है।
यहाँ जगती शब्द दो बार आया है और दोनों के अर्थ भिन्न है। इसीलिए यहाँ यमक अलंकार है।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।

कनक-कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय, या खाये बौराये जग, या पाये बौराये।

Key Points
अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

श्लेष 

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

उपमा 

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

 

माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर

कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।

इस दोहे में कौन-सा अलंकार है ?

  1. अनुप्रास
  2. उपमा
  3. यमक
  4. रुपक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यमक

यमक Question 15 Detailed Solution

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माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर

कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।

इस दोहे में अलंकार है - यमक

Key Points

  • माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर
  • कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।
  • (​पंक्ति में 'मनका' शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। एक 'मनका' का तात्पर्य - मोतियों से, दूसरे 'मनका' का तात्पर्य - मन रुप मोतियों से, अत: यहाँ यमक अलंकार होगा।)

Important Pointsयमक-

  • जब एक ही शब्द ज्यादा बार प्रयोग हो, पर हर बार अर्थ अलग-अलग आये वहाँ पर यमक अलंकार होता है। 
  • उदाहरण -
    • तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है। 
  • (यहाँ ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार तीन ‘बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार तीन ‘बेर’ का मतलब है तीन फल।)

Additional Information

अनुप्रास:-

  • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।

उदाहरण -

  • कालिंदी कूल दम्ब की डरनी। 
  • (यहाँ पर ‘ वर्ण की आवृति हो रही है।)

उपमा:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  • ​हरि पद कोमल कमल।
  • (यहाँ पर हरि के चरणों को कमल के फूल के सामान कोमल बताया गया है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
  • (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है।)
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