सुमेलित कीजिए :

(क) कृपादृष्टि हो जाए तो बन जाएँ सब काम (i) दुष्क्रमत्व दोष
(ख) लपटी पुष्प पराग रज, सनी स्वेद मकरंद। (ii) अक्रमत्व दोष
(ग) विश्व में मिलते नहीं हैं, वीर भीम समान के। (iii) अधिकपदत्व दोष
(घ) नृप मो को हय दीजिये, अथवा मत्त गजेन्द्र। (iv) न्यूनपदत्व दोष

This question was previously asked in
HTET TGT Hindi 2020 Official Paper
View all HTET Papers >
  1. (क) - (iii), (ख) - (iv), (ग) - (ii), (घ) - (i)
  2. (क) - (iv), (ख) - (iii), (ग) - (ii), (घ) - (i)
  3. (क) - (iv), (ख) - (iii), (ग) - (i), (घ) - (ii)
  4. (क) - (i), (ख) - (ii), (ग) - (iii), (घ) - (iv)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (क) - (iv), (ख) - (iii), (ग) - (ii), (घ) - (i)
Free
HTET PGT Official Computer Science Paper - 2019
4.5 K Users
60 Questions 60 Marks 60 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

सही सुमेलन हैं-

कृपादृष्टि हो जाए तो बन जाएँ सब काम न्यूनपदत्व दोष
लपटी पुष्प पराग रज, सनी स्वेद मकरंद। अधिकपदत्व दोष
विश्व में मिलते नहीं हैं, वीर भीम समान के।  अक्रमत्व दोष
नृप मो को हय दीजिये, अथवा मत्त गजेन्द्र दुष्क्रमत्व दोष

Key Pointsअधिकपदत्व दोष-

  • जहाँ काव्य में अनावश्यक शब्दों का प्रयोग किया जाए, वहाँ अधिक पदत्व दोष होता है। 
  • उदाहरण-
    • पुष्प पराग से रंगकर भ्रमर गुंजारता है।
    • उपर्युक्त पंक्ति में ‘पुष्प’ शब्द को हटा देने पर भी अर्थ स्पष्ट हो जाता है। ‘पुष्प’ का प्रयोग अधिक होने के कारण अधिकपदत्व दोष है।

न्यूनपदत्व दोष-

  • जहाँ अभीष्ट अर्थ को सूचित करने वाले पद की कमी हो और अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कोई शब्द जोडना पड़े, वहाँ न्यून पदत्व दोष होता है। 
  • उदाहरण-
    • "पानी, पावक पवन प्रभु ज्यों असाधु त्यों साधु।"
    • पानी, पावक पवन और प्रभु साधु और असाधु के साथ समान व्यवहार करते हैं- कवि यह कहना चाहता है, किन्तु समान व्यवहार शब्द को यहां छोड़ दिया गया है जिससे अर्थ में बाधा उत्पन्न हो रही है, अतः न्यून पदत्व दोष है।

अक्रमत्व दोष-

  • जहाँ कोई पद उचित स्थान पर प्रयुक्त न होकर अनुचित स्थान पर प्रयुक्त हो और उसका क्रम जोडने में कठिनाई हो, वहाँ अक्रमत्व दोष होता है। 
  • उदाहरण-
    • विश्व में लीला निरन्तर कर रहे हैं मानवी। 
    • यहां मानवी शब्द लीला से पहले प्रयुक्त होना चाहिए। वे प्रभु इस संसार में निरन्तर मानवी लीला कर रहे हैं।

दुष्क्रमत्व दोष-

  • जहाँ शास्त्रों अथवा परम्परा में प्रसिद्ध क्रम के विपरीत किसी बात का वर्णन होता है, वहाँ दुष्क्रमत्व दोष होता है।
  • उदाहरण-
    • "मारुत नन्दन मारुत को, मन को, खगराज को वेग लजायौ।"
    • उपर्युक्त पंक्ति में दुष्क्रमत्व दोष है क्योंकि मन को सही क्रम में नहीं रखा गया है।
Latest HTET Updates

Last updated on Jul 12, 2025

-> HTET Exam Date is out. HTET Level 1 and 2 Exam will be conducted on 31st July 2025 and Level 3 on 30 July

-> Candidates with a bachelor's degree and B.Ed. or equivalent qualification can apply for this recruitment.

-> The validity duration of certificates pertaining to passing Haryana TET has been extended for a lifetime.

-> Enhance your exam preparation with the HTET Previous Year Papers.

More काव्य दोष Questions

More भारतीय काव्यशास्त्र Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti online game teen patti noble all teen patti game teen patti refer earn teen patti real